लखनऊ: एमबीए और इंजीनियरिंग डिग्री धारक युवा अब योगी सरकार के ब्रांड एम्बेस्डर होंगे. ऐसे युवाओं का चयन किया जाएगा. उन्हें निकाय क्षेत्र से लेकर ग्राम पंचायत के जन प्रतिनिधियों के साथ सम्बद्ध किया जाएगा. इन युवाओं को प्रशिक्षण देकर सरकारी तंत्र की सम्पूर्ण जानकारी दी जाएगी ताकि सरकार के कार्यों को जमीन पर उतारा जा सके. शासन स्तर पर इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम विकास, पंचायती राज और नगर विकास विभाग को आपस में मंथन करके ठोस कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं. इस पर विभागीय स्तर पर रणनीति बनानी शुरू कर दी गई है.
एमबीए और इंजीनियरिंग के छात्र गांव के विकास में करेंगे योगदान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ग्राम पंचायत, नगरीय निकायों, जिला पंचायत और ब्लॉक स्तर पर निर्वाचित प्रतिनिधियों को कार्यों में सहयोग देने के लिए प्रबंधन और तकनीक डिग्री धारक युवाओं की सेवाएं लेने पर विचार किया जाए. उनका मानना है कि यह युवा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के दैनिक कार्यों में तो सहयोग करेंगे ही अपने प्रोफेशनल कौशल से विकास योजनाओं की रूपरेखा तय करने और आर्थिक प्रबंधन में भी उपयोगी सिद्ध होंगे. निकाय क्षेत्र से लेकर गांव तक के माहौल में बदलाव दिखेगा.
शासन की तरफ से प्रशिक्षण दिया जाएगा
इन युवाओं को शासन द्वारा विशेष रूप से प्रशिक्षित भी कराया जाएगा. सीएम योगी ने कहा है कि जिन युवाओं को इसमें लगाया जाए उनकी ट्रेनिंग हो, ताकि शासन की नीतियों प्राथमिकताओं को समझ सकें. मुख्यमंत्री का मानना है कि जनप्रतिनिधियों की दूरदर्शिता, शासकीय अधिकारियों का अनुभव और युवाओं का व्यावसायिक कौशल समन्वित भाव के साथ जब कार्य करेगा तो निश्चित ही जन आकांक्षाएं भी पूर्ण होंगी.
यह युवा होंगे सरकार के ब्रांड एम्बेसडर
सरकार का मानना है कि शासन द्वारा विशेष रूप से प्रशिक्षित युवा हर गांव और शहर के वार्डों में जाकर योजनाओं को जमीन पर उतारेंगे. आम जनता के सम्पर्क में रहेंगे, उनसे मिले फीडबैक को सरकार तक भी पहुंचाएंगे. मुख्यमंत्री का मानना है कि ग्राम पंचायत, नगरीय निकाय, जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के साथ प्रत्यक्ष रूप से कार्य का अनुभव युवाओं का कौशल उन्नयन करने वाला भी होगा. मुख्यमंत्री योगी ने इस संबंध में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज तथा नगर विकास विभाग को विचार विमर्श कर विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं. हालांकि शासन के अधिकारी अभी इस मुद्दे पर बोलने से बच रहे हैं. पंचायती राज विभाग के अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री को निर्देश दिए अभी एक सप्ताह हो रहे हैं. तीन विभगों को मिलकर इस काम को लेकर कार्य योजना बनानी है. इसलिए अभी कुछ वक्त लग रहा है.
यूपी में एमबीए-बीटेक की डिग्री लेकर हर साल निकलते हैं करीब 50 हजार युवा
उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में युवा इंजीनियरिंग और एमबीए की डिग्री लेकर निकल रहे हैं. एकेटीयू विश्वविद्यालय के प्रवक्ता आशीष मिश्रा कहते हैं कि राज्य में करीब 50 हजार युवा ऐसी डिग्री प्राप्त करके कालेजों से बाहर निकल रहे हैं. शिक्षक नेता डॉ. मौलेन्दु मिश्र कहते हैं कि यदि सरकार यह कदम उठा रही है तो सराहनीय है. इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा. राज्य में डिग्री प्राप्त करने वाले युवाओं को बहुत बड़ी संख्या है. उस हिसाब से यह बहुत छोटी संख्या है. फिर भी 60 से 65 हजार युवाओं को नौकरी मिलना अच्छी पहल है.
आपको बता दें कि यूपी में 17 नगर निगम, 198 नगर पालिक परिषद और 438 नगर पंचायतें हैं. इसके अलावा 58 हजार ग्राम पंचायत प्रधान, 3051 जिला पंचायत सदस्य, 75 जिला पंचायत अध्यक्ष और 826 ब्लॉक प्रमुख के पद हैं. यदि सरकार सभी पंचायतों और निकाय वार्डों में ऐसे युवाओं को लगाती है तो यह एक बड़ी संख्या होगी. राज्य के युवाओं को अच्छा अवसर मिलेगा. रोजगार में भी बढ़ावा मिलेगा.