लखनऊ: हाथरस में सामूहिक रेप की घटना को लेकर पूरे देश में आक्रोश है. राजनीतिक पार्टियां इस पर अपनी रोटियां भी सेंक रही हैं. वहीं मुख्यमंत्री योगी ने सभी अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं. एसआईटी की जांच के भी निर्देश दिए हैं. इतना सारा कुछ होने के बावजूद भी राजधानी में एक महीने तक पीड़िता की एफआईआर तक नहीं दर्ज हुई. थाना गुडंबा नगर क्षेत्र की एक दलित छात्रा के साथ उसी के गांव के रहने वाले विपिन सिंह ने 23 अगस्त को नौकरी देने के नाम पर अपने घर बुलाया उसके बाद लगभग आठ दिन तक हैवानियत की. पीड़िता एफआईआर लिखवाने के लिए थाने के चक्कर लगभग एक महीने तक लगाती रही.
मामला तूल पकड़ता देख आनन-फानन में थाना गुडंबा में लड़की की प्राथमिकी दर्ज की गई और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया है. पुलिस ने विपिन सिंह, शकील और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
वहीं जब इस संबंध में थाना इंचार्ज गुडंबा रितेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जैसे ही इस घटना की जानकारी हम लोगों को हुई तत्काल चौकी इंचार्ज के पास पीड़िता के परिजनों को भेजा गया. उन्होंने बताया था कि उनकी बेटी कुछ दिनों से गायब है. चौकी इंचार्ज के माध्यम से आसपास के सीसीटीवी देखे गए और पता किया गया. इस दौरान जो लड़की गायब हुई थी, उसी का उनके माता-पिता के पास फोन आता है कि मैं यहां सेंट मैरी हॉस्पिटल के पास खड़ी हूं. इसके बाद उस लड़की के माता-पिता उसको लेकर थाने पर आये और कहा कि हमारी लड़की सकुशल बरामद हो गई है. हमें किसी तरह की कार्रवाई नहीं चाहिए.