लखनऊ: हिंदू संस्कृति में हफ्ते के हर दिन किसी न किसी देवी या देवता की आराधना की बात कही गई है. इन देवी-देवताओं की लोग उन दिनों में पूजा भी करते हैं. वहीं इन सबसे परे एक ऐसे शख्स भी सड़कों पर पूजा के बजाए उनके कुछ अन्य अनुयायियों की सेवा करते हुए मिलते हैं. उन्हीं में से एक हैं विनेश, जिनके अनुसार बंदरों को खाना खिलाकर उन्हें लगता है कि बजरंगबली उनके साथ ही हैं.
बंदरों का पेट भरने के लिए खिलाते हैं चना
लखनऊ निवासी विनेश पेशे से बिजनेसमैन हैं. हफ्ते के हर मंगलवार और शनिवार को वह शहर भर में सड़कों पर घूमते हैं और बंदरों को चना, केला और कुछ अन्य मौसमी फल खिलाते हैं. विनेश कहते हैं कि बचपन से ही उन्होंने अपने पापा को बंदरों को खाना खिलाते हुए देखा था और अब जब लॉकडाउन का समय आया तो उन्हें लगा कि सभी को खाना मिल जाता होगा, लेकिन इन बेजुबानों को खाना मिलना मुश्किल होता होगा, क्योंकि इनके पास आने से लोग डरते हैं.
बंदरों से रखते हैं खासा लगाव
विनेश कहते हैं कि उन्हें बंदरों से खासा लगाव है, इसलिए किसी अन्य जानवर से ज्यादा वे इनके लिए हमेशा कुछ न कुछ करने को तैयार रहते हैं. उनके घर के आस-पास अगर बंदर आते हैं तो वे उन्हें रोटी-खाना या फल देते हैं. इसके अलावा अगर उन्हें सामान्य दिनों में राह चलते भी बंदर मिलते हैं तो वे उन्हें उनका टिफिन तक खिला देते हैं.
दूसरे जानवरों को भी देते हैं खाना
विनेश हफ्ते के 2 दिनों में डालीगंज से लेकर हनुमान सेतु और हजरतगंज से लेकर गांधी सेतु तक शहर के कई मंदिरों में जाते हैं और कुछ ऐसी जगह पर जाते हैं, जहां बंदरों का डेरा हो. इन जगहों पर रहने वाले बंदर भी उन्हें पहचानने लगे हैं. बंदरों के अलावा विनेश राह पर चल रहे कुछ अन्य जानवरों को भी पानी बिस्किट और कुछ अन्य खाने का सामान देते हैं, ताकि उनकी भूख भी कुछ हद तक शांत हो सके.