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मुजफ्फरपुर और मसूरी के स्वाद को मात दे रही मलिहाबादी लीची, बागवानों ने कही यह बात

दशहरी आम के साथ ही अब लखनऊ के मलिहाबाद में लीची की बागवानी हो रही है. मलिहाबादी लीची कम समय, कम लागत में तैयार हो रही है. इससे बागवानों को अच्छी आमदनी हो रही है.

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Published : May 30, 2023, 1:38 PM IST

मुजफ्फरपुर और मसूरी के स्वाद को मात दे रही मलिहाबादी लीची. देखें खबर

लखनऊ : आम के साथ ही अब मलिहाबाद के बागवान (किसान) लीची की खेती में भी अपनी पहचान बना रहे हैं. आम के साथ लीची के पेड़ों में भी बौर आता है, लेकिन लीची की फसल आम की फसल से पहले तैयार हो जाती है. लीची की बागवानी कर रहे बागवान कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. फिलवक्त लीची की फसल बागों में तैयार है. बाजार में लीची मांग भी खूब है. जिससे व्यापारी बागों से तुरंत माल खरीदने पहुंच रहे हैं. जिससे मलिहाबाद के लोग अब आम के साथ लीची की बागवानी कर बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं.

लीची उत्पादन पर बागवानों की राय.
लीची उत्पादन पर बागवानों की राय.
लीची उत्पादन पर बागवानों की राय.
लीची उत्पादन पर बागवानों की राय.


पोषक तत्वों से भरपूर : लीची अपनी गुणवत्ता के लिए जानी जाती है. लीची के फल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. इसके फल में शर्करा (11%), प्रोटीन (0.7%), वसा (0.3%), और अनेक विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. लीची का फल मरीजों और वृद्ध लोगों के लिए भी उपयोगी माना गया है. लीची स्वाद और रंग के मामले में मुजफ्फरपुर की लीची को भी पीछे छोड़ रही है. हालांकि मलिहाबाद और काकोरी में लीची के बहुत ज्यादा बाग नही हैं, लेकिन जो हैं वह पककर तैयार हो चुके है. यहां की लीची अपनी विशेषताओं के कारण अपनी अलग पहचान बना रही है.


मलिहाबाद में लीची की खेती.
मलिहाबाद में लीची की खेती.



बाजारों में मलिहाबादी लीची की डिमांड : शहर में ठेलों पर लीची बेचने वाले दुकानदार दीपू ने बताया कि वह लखनऊ शहर से मलिहाबाद आकर यहां लीची को खरीदने आते हैं. बाजारों में मलिहाबादी लीची की काफी डिमांड है. जिस कारण यह अन्य लीची के मुकाबले तुरंत बिक जाती है. मलिहाबाद की लीची अन्य लीची के मुकाबले सबसे अलग और स्वादिष्ट है.

मुख्य उद्यान विशेषज्ञ और कीट वैज्ञानिक और सहायक उद्यान निरीक्षक सूरज कुमार.
मुख्य उद्यान विशेषज्ञ और कीट वैज्ञानिक और सहायक उद्यान निरीक्षक सूरज कुमार.


कम लागत में होती है तैयार : आम के साथ साथ लीची की बागवानी कर रहे बागवान संतोष सिंह बताते है कि वह कई दशकों से आम बागवानी कर रहे हैं. कुछ वर्षों पहले उन्होंने लीची के पौधे बाग में लगाए थे जो अब तैयार हो गए हैं. उनमें लीची पककर तैयार हो चुकी है. मलिहाबाद लीची की डिमांड ज्यादा है. खरीदार शहरों से आकर बागों से ही खरीदारी कर रहे हैं. मलिहाबाद की लीची मुजफ्फरनगर व अन्य क्षेत्र की लीची के मुकाबले इसका रंग-रूप और जायका लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है. मलिहाबाद में लीची का उत्पादन कम है और मांग अधिक है. जिस कारण इसकी मांग की अपेक्षा आपूर्ति नहीं हो पा रही है.




यह भी पढ़ें : समाजवादी पार्टी ने विधान परिषद में प्रत्याशी खड़े कर फिर कराई जग हंसाई

मुजफ्फरपुर और मसूरी के स्वाद को मात दे रही मलिहाबादी लीची. देखें खबर

लखनऊ : आम के साथ ही अब मलिहाबाद के बागवान (किसान) लीची की खेती में भी अपनी पहचान बना रहे हैं. आम के साथ लीची के पेड़ों में भी बौर आता है, लेकिन लीची की फसल आम की फसल से पहले तैयार हो जाती है. लीची की बागवानी कर रहे बागवान कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. फिलवक्त लीची की फसल बागों में तैयार है. बाजार में लीची मांग भी खूब है. जिससे व्यापारी बागों से तुरंत माल खरीदने पहुंच रहे हैं. जिससे मलिहाबाद के लोग अब आम के साथ लीची की बागवानी कर बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं.

लीची उत्पादन पर बागवानों की राय.
लीची उत्पादन पर बागवानों की राय.
लीची उत्पादन पर बागवानों की राय.
लीची उत्पादन पर बागवानों की राय.


पोषक तत्वों से भरपूर : लीची अपनी गुणवत्ता के लिए जानी जाती है. लीची के फल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. इसके फल में शर्करा (11%), प्रोटीन (0.7%), वसा (0.3%), और अनेक विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. लीची का फल मरीजों और वृद्ध लोगों के लिए भी उपयोगी माना गया है. लीची स्वाद और रंग के मामले में मुजफ्फरपुर की लीची को भी पीछे छोड़ रही है. हालांकि मलिहाबाद और काकोरी में लीची के बहुत ज्यादा बाग नही हैं, लेकिन जो हैं वह पककर तैयार हो चुके है. यहां की लीची अपनी विशेषताओं के कारण अपनी अलग पहचान बना रही है.


मलिहाबाद में लीची की खेती.
मलिहाबाद में लीची की खेती.



बाजारों में मलिहाबादी लीची की डिमांड : शहर में ठेलों पर लीची बेचने वाले दुकानदार दीपू ने बताया कि वह लखनऊ शहर से मलिहाबाद आकर यहां लीची को खरीदने आते हैं. बाजारों में मलिहाबादी लीची की काफी डिमांड है. जिस कारण यह अन्य लीची के मुकाबले तुरंत बिक जाती है. मलिहाबाद की लीची अन्य लीची के मुकाबले सबसे अलग और स्वादिष्ट है.

मुख्य उद्यान विशेषज्ञ और कीट वैज्ञानिक और सहायक उद्यान निरीक्षक सूरज कुमार.
मुख्य उद्यान विशेषज्ञ और कीट वैज्ञानिक और सहायक उद्यान निरीक्षक सूरज कुमार.


कम लागत में होती है तैयार : आम के साथ साथ लीची की बागवानी कर रहे बागवान संतोष सिंह बताते है कि वह कई दशकों से आम बागवानी कर रहे हैं. कुछ वर्षों पहले उन्होंने लीची के पौधे बाग में लगाए थे जो अब तैयार हो गए हैं. उनमें लीची पककर तैयार हो चुकी है. मलिहाबाद लीची की डिमांड ज्यादा है. खरीदार शहरों से आकर बागों से ही खरीदारी कर रहे हैं. मलिहाबाद की लीची मुजफ्फरनगर व अन्य क्षेत्र की लीची के मुकाबले इसका रंग-रूप और जायका लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है. मलिहाबाद में लीची का उत्पादन कम है और मांग अधिक है. जिस कारण इसकी मांग की अपेक्षा आपूर्ति नहीं हो पा रही है.




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