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लॉकडाउन की मार: सिंचाई के बगैर सूख रहे हैं मलिहाबाद के आम बागान

लॉकडाउन की दोहरी मार मलिहाबाद के आम किसानों को झेलनी पड़ रही है. पहले बेमौसम बारिश और ओले में खराब हुई फसल अब सिंचाई न मिलने की वजह से सूखती जा रही है.

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मलिहाबाद के आम बागान.
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Published : Apr 21, 2020, 6:56 PM IST

Updated : May 20, 2020, 5:33 PM IST

लखनऊ: आम उत्पादन के लिए उत्तर प्रदेश में मलिहाबाद की मैंगो बेल्ट सर्वाधिक मशहूर है. मलिहाबाद के दशहरी आम की डिमांड पूरी दुनिया में है. उत्तर प्रदेश की 15 मैंगो बेल्ट में आम का उत्पादन 50 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा होता है. मलिहाबाद क्षेत्र में किसानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति न मिलने और नहर में पानी की आपूर्ति न होने से आम बागानों की सिंचाई संभव नहीं हो पा रही है. इससे आम की पैदावार कम होने का खतरा बढ़ गया है.

मलिहाबाद के आम बागान.

बेमौसम बारिश और ओले पड़ने की वजह से इस बार फसल खराब हो गई है. 15 से 20 लाख मीट्रिक टन कम उत्पादन होने की संभावना है. मौसम की मार से बेहाल हुए मलिहाबाद के आम उत्पादक किसान अब लॉकडाउन में सिंचाई सुविधा न मिलने की वजह से परेशान हैं.

सिंचाई प्रभावित
उत्तर प्रदेश में आमतौर पर अप्रैल-मई के महीने में नहरों की सफाई का काम किया जाता है. ऐसे में नदियों से नहरों को पानी की आपूर्ति रोक दी जाती है. लखनऊ में मलिहाबाद की मैंगो बेल्ट की दो नहर में हर साल अप्रैल-मई में भी पानी भेजा जाता है, जिससे आम के बागवान अपने खेतों में सिंचाई कर सकें, लेकिन इस बार नहरें भी सूखी पड़ी हुई हैं और ट्यूबवेल से होने वाली सिंचाई बिजली की आपूर्ति लगातार न होने की वजह से प्रभावित हो रही हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना की लड़ाई में देश के साथ खड़ा है यूपी का सीएम हेल्पलाइन नंबर 1076

किसानों की पीड़ा
आम उत्पादक किसानों का कहना है कि आम के बाग में सिंचाई न होने की वजह से सैकड़ों बाग सूखे पड़े हुए हैं. अप्रैल महीने में अगर इन बागों में सिंचाई नहीं की गई तो आम के फल का आकार बहुत छोटा रह जाएगा और किसानों को बड़ा नुकसान होगा. किसानों का यह भी दर्द है कि लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर सरकारी कार्यालय बंद हैं. घर से बाहर निकलना नहीं हो पा रहा है. ऐसे में वह नहर और बिजली विभाग के अधिकारियों से मिलकर अपनी शिकायत भी दर्ज नहीं करा पा रहे हैं. किसानों को उम्मीद है कि उनकी समस्या पर सरकार ध्यान देगी उन्हें सिंचाई की सुविधा मिलेगी तो दुनियाभर में मशहूर मलिहाबाद के दशहरी आम लॉकडाउन के बाद बाजार में दिखाई देंगे.

लखनऊ: आम उत्पादन के लिए उत्तर प्रदेश में मलिहाबाद की मैंगो बेल्ट सर्वाधिक मशहूर है. मलिहाबाद के दशहरी आम की डिमांड पूरी दुनिया में है. उत्तर प्रदेश की 15 मैंगो बेल्ट में आम का उत्पादन 50 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा होता है. मलिहाबाद क्षेत्र में किसानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति न मिलने और नहर में पानी की आपूर्ति न होने से आम बागानों की सिंचाई संभव नहीं हो पा रही है. इससे आम की पैदावार कम होने का खतरा बढ़ गया है.

मलिहाबाद के आम बागान.

बेमौसम बारिश और ओले पड़ने की वजह से इस बार फसल खराब हो गई है. 15 से 20 लाख मीट्रिक टन कम उत्पादन होने की संभावना है. मौसम की मार से बेहाल हुए मलिहाबाद के आम उत्पादक किसान अब लॉकडाउन में सिंचाई सुविधा न मिलने की वजह से परेशान हैं.

सिंचाई प्रभावित
उत्तर प्रदेश में आमतौर पर अप्रैल-मई के महीने में नहरों की सफाई का काम किया जाता है. ऐसे में नदियों से नहरों को पानी की आपूर्ति रोक दी जाती है. लखनऊ में मलिहाबाद की मैंगो बेल्ट की दो नहर में हर साल अप्रैल-मई में भी पानी भेजा जाता है, जिससे आम के बागवान अपने खेतों में सिंचाई कर सकें, लेकिन इस बार नहरें भी सूखी पड़ी हुई हैं और ट्यूबवेल से होने वाली सिंचाई बिजली की आपूर्ति लगातार न होने की वजह से प्रभावित हो रही हैं.

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किसानों की पीड़ा
आम उत्पादक किसानों का कहना है कि आम के बाग में सिंचाई न होने की वजह से सैकड़ों बाग सूखे पड़े हुए हैं. अप्रैल महीने में अगर इन बागों में सिंचाई नहीं की गई तो आम के फल का आकार बहुत छोटा रह जाएगा और किसानों को बड़ा नुकसान होगा. किसानों का यह भी दर्द है कि लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर सरकारी कार्यालय बंद हैं. घर से बाहर निकलना नहीं हो पा रहा है. ऐसे में वह नहर और बिजली विभाग के अधिकारियों से मिलकर अपनी शिकायत भी दर्ज नहीं करा पा रहे हैं. किसानों को उम्मीद है कि उनकी समस्या पर सरकार ध्यान देगी उन्हें सिंचाई की सुविधा मिलेगी तो दुनियाभर में मशहूर मलिहाबाद के दशहरी आम लॉकडाउन के बाद बाजार में दिखाई देंगे.

Last Updated : May 20, 2020, 5:33 PM IST
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