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इंसाफ की उम्मीद में अलविदा 2020... - राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो

दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध सामने आते ही इंटरनेट पर लोग अपनी भावनाएं जाहिर करने लगते हैं. सोशल मीडिया के जरिए एक ऐसी जंग छेड़ते हैं, जैसे लगता है कि बस कुछ ही दिनों में पीड़िता और उसके परिवार को न्याय मिल जाएगा. साल 2020 में यूपी में हुए दुष्कर्म के मामलों ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया. यूपी में सरकार का एक स्लोगन बहुत मशहूर हुआ था, 'यूपी नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा.' देखिए एक रिपोर्ट...

यूपी में दुष्कर्म के मामले.
यूपी में दुष्कर्म के मामले.
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Published : Dec 22, 2020, 7:50 PM IST

लखनऊ: साल 2020 चंद दिनों बाद साल 2021 में तब्दील हो जाएगा, लेकिन अपने पीछे छोड़ जाएगा एक टीस. जो रह-रहकर एक दर्द पैदा करता रहेगा. इस साल यूपी में हुए दुष्कर्म के मामलों ने एक बार फिर महिला सुरक्षा के दावों को खोखला साबित कर दिया. राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में हर साल दुष्कर्म के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. दुष्कर्म के हर मामले साल-दर-साल कागज के पन्नों में दर्ज होके आंकड़ों में शामिल हो जाते हैं.

अलविदा 2020.

साथ ही बेगुनाह पीड़िताओं के साथ हुए जुल्म की कहानी एक हैशटैग में सिमट कर रह जाती है. ऐसे में हम धीरे-धीरे एक ऐसे समाज के रूप में उभर रहे हैं जो कि प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ने की जगह पिछड़ता हुआ दिख रहा है.

साल 2020 में दुष्कर्म के कुछ ऐसे मामले सामने आए जो लोगों की जुबान पर और सोशल मीडिया में हैशटैग तक में शामिल हो गए. हाथरस, कानपुर, लखीमपुर खीरी, आजमगढ़, बुलंदशहर, पीलीभीत लगभग हर जिले से दुष्कर्म की खबरें आईं. साथ ही इन मामलों में दोषियों को सजा दिलाने के लिए सरकार ने सख्त से सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए. साथ ही जांच एजेंसियों की टीमों का गठन भी किया गया है.

यूपी में दुष्कर्म के मामले.
यूपी में दुष्कर्म के मामले साल दर साल.

साल 2020 में यूपी में दलित युवतियों के साथ दुष्कर्म के मामले सामने आए. चाहे वह हाथरस कांड, बलरामपुर कांड, लखीमपुर खीरी कांड, कौशांबी या फिर गोरखपुर कांड हो. इनमें से कई जिलों में दुष्कर्म के बाद युवतियों के साथ बर्बता की गई. किसी की बेरहमी से हत्या की गई तो किसी के शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाया गया.

साल 2020 में चर्चित दुष्कर्म के मामले

हाथरसः 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग हास्पिटल में एक युवती की मौत के बाद मामला प्रकाश में आया. पीड़िता के साथ 14 सितंबर को चार युवकों ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. पीड़ित के परिजनों ने बताया कि युवती घास लाने गई थी, तभी गांव के चार युवकों ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता की गर्दन और रीढ़ की हड्डी टूट गई थी. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर में तीन बार बदलाव किया था. पहले हत्या का प्रयास का मुकदमा दर्ज किया था, बाद में गैंगरेप की धाराएं जोड़ी गईं. इस मामले में सीबीआई ने जांच कर दुष्कर्म के मामले की पुष्टि कर चार नामजद के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है.

हाथरस रेप कांड.
हाथरस पीड़िता के अंतिम संस्कार के बाद बची राख.

बलरामपुरः हाथरस कांड के बाद 30 अक्टूबर को ही बलरापुर जिले से भी दलित छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया. छात्रा सुबह 10 बजे एक निजी महाविद्यालय में दाखिला लेने की बात कहकर घर से निकली थी. मां ने बताया कि देर शाम तक घर नहीं लौटने पर उसकी तलाश शुरू की. इसी बीच छात्रा बदहवास एवं गंभीर हालत में घर पहुंची. परिजन उसे अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोट होने की पुष्टि की गई. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

लखीमपुर खीरीः नीमगांव थाना क्षेत्र में 26 अगस्त को एक दलित युवती का क्षत-विक्षत शव खेतों में मिला था. परिजनों के मुताबिक 17 साल की छात्रा 25 अगस्त को घर से स्कॉलरशिप का ऑनलाइन फार्म भरने कस्बे में गई थी. शाम तक जब छात्रा नहीं लौटी तो घर वालों ने उसकी तलाश शुरू कर दी थी. वहीं सुबह उसका शव खेत में मिला था. जांच रिपोर्ट में युवती की गर्दन और शरीर पर धारदार हथियार के निशान थे. इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और आरोपी ने अपना जुर्म भी कुबूल कर लिया है.

लखीमपुर खीरी.
लखीमपुर खीरी में दुष्कर्म के बाद युवती की हत्या.

बुलंदशहरः ककोड़ थाना क्षेत्र में एक नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने की घटना सामने आई. पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपों के मुताबिक, 14 वर्षीय नाबालिग अपने परिवार के साथ घर के आंगन में सो रही थी. आरोपी पड़ोसी युवक दीवार लांघकर घर में घुसा और नशीला पदार्थ सुंघाकर किशोरी का अपहरण कर लिया और उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया.

वहीं एक अन्य मामले में अनूपशहर कोतवाली क्षेत्र में एलएलबी की एक छात्रा ने संदिग्ध परिस्थितियों आत्महत्या कर ली. इस मामले में परिजनों ने एक सुसाइड नोट पुलिस को सौंपा था. परिजनों का आरोप है कि, छात्रा के साथ गैंगरेप हुआ था.

इस मामले के 24 घंटे बाद ही जहांगीराबाद थाना क्षेत्र में एक दुष्कर्म पीड़िता ने खुद को आग लगा ली. 4 माह पहले ही किशोरी से दुष्कर्म का मामला सामने आया था. पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि आरोपी परिवार के लोग उन पर समझौते के लिए दबाव बना रहे थे. इससे आहत होकर किशोरी ने आग लगा ली थी. वहीं इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई.

यूपी में दुष्कर्म के मामले साल दर साल.
दुष्कर्म के मामले.

कानपुरः दिवाली के दिन,14 नवंबर को घाटमपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव में सात वर्षीय बच्ची का शव क्षत-विक्षत हालत में काली मंदिर के पास मिला था. बच्ची की बेरहमी से हत्या की गई थी और उसके शरीर के अंदरूनी अंग तक गायब थे. पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि तंत्र-मंत्र के चक्कर में निसंतान दंपति ने बच्ची की हत्या करवाई थी और संतान प्राप्ति के लिए बच्ची का कच्चा मांस खाया था. वहीं हत्या से पहले बच्ची का अपहरण करने वाले आरोपियों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

यूपी में दुष्कर्म के मामले साल दर साल.
साल 2020 में दुष्कर्म के चर्चित हुए मामले.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में हर साल महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराध के मामले बढ़ते जा रहे हैं. 2016 में महिलाओं से सम्बंधित अपराधों की संख्या 49,262 थी. वहीं 2017 में यह 56,011 और 2018 में बढ़कर 59,445 हो गई. 2019 में यह आंकड़ा 59,853 तक पहुंच गया. यह सिलसिला 2020 में भी जारी रहा. अब साल 2021 में आने वाली एनसीआरबी की रिपोर्ट यह बताएगी की साल 2020 में यूपी में दुष्कर्म के मामलों में कितनी बढ़ोतरी हुई है.

यूपी में दुष्कर्म के मामले.
दुष्कर्म के मामले में यूपी का प्रतिशत.

साल 2020 में प्रदेश के लखनऊ, इटावा, गाजीयाबाद, अलीगढ़, सुलतानपुर, प्रयागराज, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, लगभग हर जिले से दुष्कर्म के मामले सामने आए. हर मामले पर लोगों ने गुस्सा दिखाया और इंटरनेट पर हैशटैग का इस्तेमाल भी किया. प्रदर्शनों और सरकार की कड़ी कार्रवाई के आदेशों के बाद पीड़ित परिवारों को अब इंसाफ की उम्मीद है...

लखनऊ: साल 2020 चंद दिनों बाद साल 2021 में तब्दील हो जाएगा, लेकिन अपने पीछे छोड़ जाएगा एक टीस. जो रह-रहकर एक दर्द पैदा करता रहेगा. इस साल यूपी में हुए दुष्कर्म के मामलों ने एक बार फिर महिला सुरक्षा के दावों को खोखला साबित कर दिया. राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में हर साल दुष्कर्म के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. दुष्कर्म के हर मामले साल-दर-साल कागज के पन्नों में दर्ज होके आंकड़ों में शामिल हो जाते हैं.

अलविदा 2020.

साथ ही बेगुनाह पीड़िताओं के साथ हुए जुल्म की कहानी एक हैशटैग में सिमट कर रह जाती है. ऐसे में हम धीरे-धीरे एक ऐसे समाज के रूप में उभर रहे हैं जो कि प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ने की जगह पिछड़ता हुआ दिख रहा है.

साल 2020 में दुष्कर्म के कुछ ऐसे मामले सामने आए जो लोगों की जुबान पर और सोशल मीडिया में हैशटैग तक में शामिल हो गए. हाथरस, कानपुर, लखीमपुर खीरी, आजमगढ़, बुलंदशहर, पीलीभीत लगभग हर जिले से दुष्कर्म की खबरें आईं. साथ ही इन मामलों में दोषियों को सजा दिलाने के लिए सरकार ने सख्त से सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए. साथ ही जांच एजेंसियों की टीमों का गठन भी किया गया है.

यूपी में दुष्कर्म के मामले.
यूपी में दुष्कर्म के मामले साल दर साल.

साल 2020 में यूपी में दलित युवतियों के साथ दुष्कर्म के मामले सामने आए. चाहे वह हाथरस कांड, बलरामपुर कांड, लखीमपुर खीरी कांड, कौशांबी या फिर गोरखपुर कांड हो. इनमें से कई जिलों में दुष्कर्म के बाद युवतियों के साथ बर्बता की गई. किसी की बेरहमी से हत्या की गई तो किसी के शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाया गया.

साल 2020 में चर्चित दुष्कर्म के मामले

हाथरसः 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग हास्पिटल में एक युवती की मौत के बाद मामला प्रकाश में आया. पीड़िता के साथ 14 सितंबर को चार युवकों ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. पीड़ित के परिजनों ने बताया कि युवती घास लाने गई थी, तभी गांव के चार युवकों ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता की गर्दन और रीढ़ की हड्डी टूट गई थी. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर में तीन बार बदलाव किया था. पहले हत्या का प्रयास का मुकदमा दर्ज किया था, बाद में गैंगरेप की धाराएं जोड़ी गईं. इस मामले में सीबीआई ने जांच कर दुष्कर्म के मामले की पुष्टि कर चार नामजद के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है.

हाथरस रेप कांड.
हाथरस पीड़िता के अंतिम संस्कार के बाद बची राख.

बलरामपुरः हाथरस कांड के बाद 30 अक्टूबर को ही बलरापुर जिले से भी दलित छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया. छात्रा सुबह 10 बजे एक निजी महाविद्यालय में दाखिला लेने की बात कहकर घर से निकली थी. मां ने बताया कि देर शाम तक घर नहीं लौटने पर उसकी तलाश शुरू की. इसी बीच छात्रा बदहवास एवं गंभीर हालत में घर पहुंची. परिजन उसे अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोट होने की पुष्टि की गई. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

लखीमपुर खीरीः नीमगांव थाना क्षेत्र में 26 अगस्त को एक दलित युवती का क्षत-विक्षत शव खेतों में मिला था. परिजनों के मुताबिक 17 साल की छात्रा 25 अगस्त को घर से स्कॉलरशिप का ऑनलाइन फार्म भरने कस्बे में गई थी. शाम तक जब छात्रा नहीं लौटी तो घर वालों ने उसकी तलाश शुरू कर दी थी. वहीं सुबह उसका शव खेत में मिला था. जांच रिपोर्ट में युवती की गर्दन और शरीर पर धारदार हथियार के निशान थे. इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और आरोपी ने अपना जुर्म भी कुबूल कर लिया है.

लखीमपुर खीरी.
लखीमपुर खीरी में दुष्कर्म के बाद युवती की हत्या.

बुलंदशहरः ककोड़ थाना क्षेत्र में एक नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने की घटना सामने आई. पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपों के मुताबिक, 14 वर्षीय नाबालिग अपने परिवार के साथ घर के आंगन में सो रही थी. आरोपी पड़ोसी युवक दीवार लांघकर घर में घुसा और नशीला पदार्थ सुंघाकर किशोरी का अपहरण कर लिया और उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया.

वहीं एक अन्य मामले में अनूपशहर कोतवाली क्षेत्र में एलएलबी की एक छात्रा ने संदिग्ध परिस्थितियों आत्महत्या कर ली. इस मामले में परिजनों ने एक सुसाइड नोट पुलिस को सौंपा था. परिजनों का आरोप है कि, छात्रा के साथ गैंगरेप हुआ था.

इस मामले के 24 घंटे बाद ही जहांगीराबाद थाना क्षेत्र में एक दुष्कर्म पीड़िता ने खुद को आग लगा ली. 4 माह पहले ही किशोरी से दुष्कर्म का मामला सामने आया था. पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि आरोपी परिवार के लोग उन पर समझौते के लिए दबाव बना रहे थे. इससे आहत होकर किशोरी ने आग लगा ली थी. वहीं इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई.

यूपी में दुष्कर्म के मामले साल दर साल.
दुष्कर्म के मामले.

कानपुरः दिवाली के दिन,14 नवंबर को घाटमपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव में सात वर्षीय बच्ची का शव क्षत-विक्षत हालत में काली मंदिर के पास मिला था. बच्ची की बेरहमी से हत्या की गई थी और उसके शरीर के अंदरूनी अंग तक गायब थे. पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि तंत्र-मंत्र के चक्कर में निसंतान दंपति ने बच्ची की हत्या करवाई थी और संतान प्राप्ति के लिए बच्ची का कच्चा मांस खाया था. वहीं हत्या से पहले बच्ची का अपहरण करने वाले आरोपियों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

यूपी में दुष्कर्म के मामले साल दर साल.
साल 2020 में दुष्कर्म के चर्चित हुए मामले.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में हर साल महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराध के मामले बढ़ते जा रहे हैं. 2016 में महिलाओं से सम्बंधित अपराधों की संख्या 49,262 थी. वहीं 2017 में यह 56,011 और 2018 में बढ़कर 59,445 हो गई. 2019 में यह आंकड़ा 59,853 तक पहुंच गया. यह सिलसिला 2020 में भी जारी रहा. अब साल 2021 में आने वाली एनसीआरबी की रिपोर्ट यह बताएगी की साल 2020 में यूपी में दुष्कर्म के मामलों में कितनी बढ़ोतरी हुई है.

यूपी में दुष्कर्म के मामले.
दुष्कर्म के मामले में यूपी का प्रतिशत.

साल 2020 में प्रदेश के लखनऊ, इटावा, गाजीयाबाद, अलीगढ़, सुलतानपुर, प्रयागराज, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, लगभग हर जिले से दुष्कर्म के मामले सामने आए. हर मामले पर लोगों ने गुस्सा दिखाया और इंटरनेट पर हैशटैग का इस्तेमाल भी किया. प्रदर्शनों और सरकार की कड़ी कार्रवाई के आदेशों के बाद पीड़ित परिवारों को अब इंसाफ की उम्मीद है...

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