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मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरि का सम्मान - महिला दिवस

महिला दिवस के उपलक्ष्य में रविवार को डालीगंज के प्रतिष्ठित मनकामेश्वर मठ-मंदिर की महंत देव्या गिरी का सम्मान हुआ. कार्यक्रम का आयोजन रविवार को मंदिर परिसर में हुआ. मंदिर के सेवादारों ने महंत का सम्मान किया.

महंत देव्या गिरि का हुआ सम्मान
महंत देव्या गिरि का हुआ सम्मान
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Published : Mar 7, 2021, 7:27 PM IST

लखनऊ: महिला दिवस के उपलक्ष्य में डालीगंज के प्रतिष्ठित मनकामेश्वर मठ-मंदिर की महंत देव्या गिरी का सम्मान हुआ. कार्यक्रम का आयोजन रविवार को मंदिर परिसर में हुआ. मंदिर के सेवादारों ने महंत का सम्मान किया. इस अवसर पर भक्तों ने विभिन्न देवियों की झांकी भी पेश की. इसमें किसी बच्ची ने माता पार्वती के रूप में दर्शन दिये तो किसी ने माता सरस्वती के रूप में आशीर्वाद दिये.

महंत देव्या गिरि का सम्मान.
महंत देव्या गिरि का सम्मान.

श्रीफल देकर किया सम्मान
रविवार को सुबह की आरती के बाद मंदिर में प्रतिष्ठित देवियों का अभिषेक, श्रृंगार और पूजन अर्चन किया गया. दोपहर बाद महंत देव्या गिरि को श्रीफल, अंगवस्त्र और आध्यात्मिक पुस्तकें देकर सम्मानित किया गया.

महिलाओं का सम्मान हो
इस मौके पर महंत ने कहा कि इस दुनिया में जीवन के लिए विवेक माता सरस्वती देती है, वहीं सासांरिक दायित्वों को निभाने के लिए धन माता लक्ष्मी प्रदान करती हैं. वहीं दुष्टों का अंत करने के लिए भी नारी शक्ति मां काली और दुर्गा के रूप में उपस्थित हो जाती हैं. स्कंदमाता के रूप में वह भक्तों का शिशुओं के रूप में लालन-पालन करती हैं. वहीं माता संकटा समस्त संकटों को हरने वाली हैं. माता शीतला भयंकर रोगों पर अंकुश रखती हैं. यही नहीं सनातन धर्म में धरती माता, गंगा माता, तुलसी माता तक का पूजन किया जाता है. ऐसे में मिशन शक्ति के तहत जरूरी है कि समाज के संतुलन के लिए महिलाओं को पूरा सम्मान दिया जाए.

यह भी पढ़ेंः-मेहंदी लगाने वालों हाथों ने जीता शूटिंग का खिताब

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
महिला दिवस के उपलक्ष्य में उन्होंने जानकारी दी कि 8 मार्च को 'अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस' मनाया जाता है. इस साल के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस- 2021 की थीम 'महिला नेतृत्व: कोविड-19 की दुनिया में एक समान भविष्य को प्राप्त करना है' महिला दिवस की तारीख को साल 1921 में अंतिम रूप से 8 मार्च कर दिया गया. तब से महिला दिवस पूरी दुनिया में 8 मार्च को ही मनाया जाता है. सबसे पहले अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर यह दिवस सबसे पहले 28 फरवरी 1909 को मनाया गया था. उसके बाद फरवरी के आखिरी रविवार के दिन मनाया जाने लगा. 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया.

महिला दिवस का उद्देश्य
पहले इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलवाना था. दरअसल उस समय अधिकतर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था. 1917 में में रूस की महिलाओं ने रोटी और कपड़े के लिये ऐतिहासिक हड़ताल की थी. उसके परिणाम के स्वरूप ज़ार को सत्ता छोड़नी पड़ी और अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया था. वर्तमान में पूरी दुनिया ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार 8 मार्च को महिला दिवस मनाती है.

लखनऊ: महिला दिवस के उपलक्ष्य में डालीगंज के प्रतिष्ठित मनकामेश्वर मठ-मंदिर की महंत देव्या गिरी का सम्मान हुआ. कार्यक्रम का आयोजन रविवार को मंदिर परिसर में हुआ. मंदिर के सेवादारों ने महंत का सम्मान किया. इस अवसर पर भक्तों ने विभिन्न देवियों की झांकी भी पेश की. इसमें किसी बच्ची ने माता पार्वती के रूप में दर्शन दिये तो किसी ने माता सरस्वती के रूप में आशीर्वाद दिये.

महंत देव्या गिरि का सम्मान.
महंत देव्या गिरि का सम्मान.

श्रीफल देकर किया सम्मान
रविवार को सुबह की आरती के बाद मंदिर में प्रतिष्ठित देवियों का अभिषेक, श्रृंगार और पूजन अर्चन किया गया. दोपहर बाद महंत देव्या गिरि को श्रीफल, अंगवस्त्र और आध्यात्मिक पुस्तकें देकर सम्मानित किया गया.

महिलाओं का सम्मान हो
इस मौके पर महंत ने कहा कि इस दुनिया में जीवन के लिए विवेक माता सरस्वती देती है, वहीं सासांरिक दायित्वों को निभाने के लिए धन माता लक्ष्मी प्रदान करती हैं. वहीं दुष्टों का अंत करने के लिए भी नारी शक्ति मां काली और दुर्गा के रूप में उपस्थित हो जाती हैं. स्कंदमाता के रूप में वह भक्तों का शिशुओं के रूप में लालन-पालन करती हैं. वहीं माता संकटा समस्त संकटों को हरने वाली हैं. माता शीतला भयंकर रोगों पर अंकुश रखती हैं. यही नहीं सनातन धर्म में धरती माता, गंगा माता, तुलसी माता तक का पूजन किया जाता है. ऐसे में मिशन शक्ति के तहत जरूरी है कि समाज के संतुलन के लिए महिलाओं को पूरा सम्मान दिया जाए.

यह भी पढ़ेंः-मेहंदी लगाने वालों हाथों ने जीता शूटिंग का खिताब

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
महिला दिवस के उपलक्ष्य में उन्होंने जानकारी दी कि 8 मार्च को 'अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस' मनाया जाता है. इस साल के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस- 2021 की थीम 'महिला नेतृत्व: कोविड-19 की दुनिया में एक समान भविष्य को प्राप्त करना है' महिला दिवस की तारीख को साल 1921 में अंतिम रूप से 8 मार्च कर दिया गया. तब से महिला दिवस पूरी दुनिया में 8 मार्च को ही मनाया जाता है. सबसे पहले अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर यह दिवस सबसे पहले 28 फरवरी 1909 को मनाया गया था. उसके बाद फरवरी के आखिरी रविवार के दिन मनाया जाने लगा. 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया.

महिला दिवस का उद्देश्य
पहले इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलवाना था. दरअसल उस समय अधिकतर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था. 1917 में में रूस की महिलाओं ने रोटी और कपड़े के लिये ऐतिहासिक हड़ताल की थी. उसके परिणाम के स्वरूप ज़ार को सत्ता छोड़नी पड़ी और अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया था. वर्तमान में पूरी दुनिया ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार 8 मार्च को महिला दिवस मनाती है.

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