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राजू पाल हत्याकांड में अतीक अहमद पर आरोप तय, कोर्ट 3 नवंबर को सुना सकती है फैसला - साबरमती जेल

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Published : Oct 20, 2022, 10:25 AM IST

Updated : Oct 20, 2022, 8:38 PM IST

10:16 October 20

पेशी पर लाया गया अतीक अहमद

लखनऊ. बहुचर्चित राजू पाल हत्याकांड मामले में माफिया अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से लाकर सीबीआई की विशेष न्यायाधीश कविता मिश्रा की अदालत में पेश किया गया, जहां पर उसके विरुद्ध आरोप तय किए गए. अदालत ने मामले में गवाही के लिए 3 नवम्बर की तिथि नियत की है.

कोर्ट में सुनवाई के समय अभियुक्त अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पेश किया गया, जबकि अभियुक्त अशरफ और फरहान को जिला जेल से लाकर पेश किया गया. मामले में जमानत पर चल रहे रंजीत पाल, आबिद, इसरार अहमद और जुनैद व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर थे. इसके बाद मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अतीक़ अहमद पर हत्या, हत्या की साजिश व हत्या का प्रयास करने का आरोप तय किया, जिस पर अभियुक्तों ने आरोपों से इंकार करते हुए विचारण की मांग की.


अभियुक्त अतीक अहमद पर अदालत द्वारा आरोप तय करने के पूर्व सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक दीप नारायण ने कोर्ट में दलील दी कि 25 जनवरी 2005 को इलाहाबाद पश्चिमी से बसपा विधायक रहे राजू पाल की दिन-दहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इस गोलीबारी में देवी पाल व संदीप यादव की भी मौत हो गई थी, जबकि दो लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे. इस हत्याकांड की रिपोर्ट राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने थाना धुमनगंज दर्ज कराकर अतीक व उसके भाई अशरफ उर्फ खालिद व आदिम को नामजद किया था. 6 अप्रैल, 2005 को पुलिस ने इस हत्याकांड की विवेचना के बाद अतीक व उसके भाई अशरफ समेत कुल 11 अभिुयक्तों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था. इसके बाद 12 दिसंबर, 2008 को राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी थी. 10 जनवरी 2009 को सीबीसीआईडी ने पांच अभियुक्तों के खिलाफ अपना पहला पूरक आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें मुस्तकिल, मुस्लिम उर्फ गुड्डू, गुलहसन, दिनेश पासी व नफीस कालिया को आरोप बनाया गया था. बाद में 22 जनवरी, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी. सीबीआई ने मामला दर्ज कर विवेचना के बाद 20 अगस्त 2019 को अतीक़ अहमद सहित सभी आरोपियो के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.

पेशी पर लखनऊ आए माफिया अतीक अहमद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ईमानदार व बहादुर मुख्यमंत्री कहकर राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी पैदा कर दी. अतीक ने बयान दिया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक ईमानदार व बहादुर मुख्यमंत्री हैं. बता दें, माफिया के खिलाफ कार्रवाई की कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार काफी सख्ती बरत रही है. इसी क्रम में माफिया अतीक अहमद की करोड़ों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलवाया जा चुका है. इसके अलावा सरकार अतीक अहमद से जुड़े अन्य़ माफिया पर भी कार्रवाई कर रही है.

अतीक अहमद वर्ष 2016 में प्रयागराज के सैम हैगिन बॉटम इंस्टिट्यूट ऑफ़ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज कॉलेज में बवाल करने के मामले में 2017 में गिरफ्तार किया गया था. पहले उसे नैनी जेल में रखा गया था, लेकिन बाद में सुरक्षा कारणों की वजह से विभिन्न जेलों में रखा गया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दो साल पहले गुजरात जेल दिया गया था. जहां पहले उसे अहमदाबाद और बाद में साबरमती जेल में रखा गया है.

यह भी पढ़ें: आईएसआईएस के कलाम का अफगानिस्तान में बैठे आकाओं से था संपर्क, बम बनाने की ले रहा था ट्रेनिंग

10:16 October 20

पेशी पर लाया गया अतीक अहमद

लखनऊ. बहुचर्चित राजू पाल हत्याकांड मामले में माफिया अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से लाकर सीबीआई की विशेष न्यायाधीश कविता मिश्रा की अदालत में पेश किया गया, जहां पर उसके विरुद्ध आरोप तय किए गए. अदालत ने मामले में गवाही के लिए 3 नवम्बर की तिथि नियत की है.

कोर्ट में सुनवाई के समय अभियुक्त अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पेश किया गया, जबकि अभियुक्त अशरफ और फरहान को जिला जेल से लाकर पेश किया गया. मामले में जमानत पर चल रहे रंजीत पाल, आबिद, इसरार अहमद और जुनैद व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर थे. इसके बाद मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अतीक़ अहमद पर हत्या, हत्या की साजिश व हत्या का प्रयास करने का आरोप तय किया, जिस पर अभियुक्तों ने आरोपों से इंकार करते हुए विचारण की मांग की.


अभियुक्त अतीक अहमद पर अदालत द्वारा आरोप तय करने के पूर्व सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक दीप नारायण ने कोर्ट में दलील दी कि 25 जनवरी 2005 को इलाहाबाद पश्चिमी से बसपा विधायक रहे राजू पाल की दिन-दहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इस गोलीबारी में देवी पाल व संदीप यादव की भी मौत हो गई थी, जबकि दो लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे. इस हत्याकांड की रिपोर्ट राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने थाना धुमनगंज दर्ज कराकर अतीक व उसके भाई अशरफ उर्फ खालिद व आदिम को नामजद किया था. 6 अप्रैल, 2005 को पुलिस ने इस हत्याकांड की विवेचना के बाद अतीक व उसके भाई अशरफ समेत कुल 11 अभिुयक्तों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था. इसके बाद 12 दिसंबर, 2008 को राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी थी. 10 जनवरी 2009 को सीबीसीआईडी ने पांच अभियुक्तों के खिलाफ अपना पहला पूरक आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें मुस्तकिल, मुस्लिम उर्फ गुड्डू, गुलहसन, दिनेश पासी व नफीस कालिया को आरोप बनाया गया था. बाद में 22 जनवरी, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी. सीबीआई ने मामला दर्ज कर विवेचना के बाद 20 अगस्त 2019 को अतीक़ अहमद सहित सभी आरोपियो के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.

पेशी पर लखनऊ आए माफिया अतीक अहमद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ईमानदार व बहादुर मुख्यमंत्री कहकर राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी पैदा कर दी. अतीक ने बयान दिया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक ईमानदार व बहादुर मुख्यमंत्री हैं. बता दें, माफिया के खिलाफ कार्रवाई की कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार काफी सख्ती बरत रही है. इसी क्रम में माफिया अतीक अहमद की करोड़ों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलवाया जा चुका है. इसके अलावा सरकार अतीक अहमद से जुड़े अन्य़ माफिया पर भी कार्रवाई कर रही है.

अतीक अहमद वर्ष 2016 में प्रयागराज के सैम हैगिन बॉटम इंस्टिट्यूट ऑफ़ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज कॉलेज में बवाल करने के मामले में 2017 में गिरफ्तार किया गया था. पहले उसे नैनी जेल में रखा गया था, लेकिन बाद में सुरक्षा कारणों की वजह से विभिन्न जेलों में रखा गया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दो साल पहले गुजरात जेल दिया गया था. जहां पहले उसे अहमदाबाद और बाद में साबरमती जेल में रखा गया है.

यह भी पढ़ें: आईएसआईएस के कलाम का अफगानिस्तान में बैठे आकाओं से था संपर्क, बम बनाने की ले रहा था ट्रेनिंग

Last Updated : Oct 20, 2022, 8:38 PM IST
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