लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मदरसों में कक्षा शुरू होने से पहले अब दुआ के साथ-साथ राष्ट्रगान को अनिवार्य कर दिया गया है. इसके अलावा मदरसों में शिक्षकों की उपस्थिति समयानुसार सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम भी लगाए जाएंगे.
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की गुरुवार को हुई बैठक में ये फैसला लिया गया. परिषद के चेयरमैन इफ्तिखार अहमद ने बताया कि परिषद दीनी तालीम के साथ-साथ मदरसों में जरूरी दुनियावी चीजों में भी सुधार को तत्पर है. ऐसे में नए सत्र से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं.
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मदरसों में दुआओं के साथ राष्ट्रगान अनिवार्य : मदरसा शिक्षा परिषद की बैठक में कमर अली, तनवीर रिजवी, इमरान अहमद, असद हुसैन के साथ अल्पसंख्यक कल्याण के वित्त एवं लेखाधिकारी आशीष आनंद भी मौजूद रहे. बैठक में नए सत्र से मदरसों में शिक्षा को बेहतर करने के साथ कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. मदरसा शिक्षा परिषद ने सभी अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसों में नए सत्र से राष्ट्रगान के गायन को अनिवार्य कर दिया है. हर मदरसे को कक्षाएं शुरू करने से पहले अब दुआओं के साथ राष्ट्रगान शिक्षकों और छात्रों को एक साथ गाना होगा.
मुंशी-मौलवी, आलिम, कामिल की परीक्षाएं 14 मई से : परिषद ने मुंशी-मौलवी, आलिम, कामिल और फाजिल की परीक्षाएं 14 मई से 27 मई के बीच कराने का निर्णय लिया. 20 मई के बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में गर्मी की छुट्टियों और उत्तर प्रदेश बोर्ड की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन की वजह कॉलेजों के खाली न होने पर मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं राज्य अनुदानित मदरसों और आलिया स्तर के स्थायी मान्यता प्राप्त मदरसों में कराई जाएगी. परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए हर परीक्षा कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.
मदरसों में लगेंगे बायोमीट्रिक सिस्टम : मदरसों में अब शिक्षकों की नियुक्ति टीईटी की तर्ज पर MTET के माध्यम से की जाएगी. प्राइवेट मॉडर्न स्कूलों की तर्ज पर मदरसा शिक्षकों की उपस्थिति समयानुसार सुनिश्चित करने के लिए बायोमीट्रिक सिस्टम भी लागाया जाएगा. इसके अलावा मदरसों में छात्रों की संख्या कम होने पर अन्य मदरसों के शिक्षकों का समायोजन करने का भी फैसला किया गया है.
मदरसों का होगा सर्वेक्षण: इफ्तिखार अहमद ने बताया कि दीनी पाठ्यक्रमों के साथ-साथ हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान आदि के विषयों की भी परीक्षाएं होगी. साथ ही सभी मदरसों का एक सर्वेक्षण भी कराया जाएगा. सर्वेक्षण में ये भी पता लगाया जाएगा कि मदरसा शिक्षकों के बच्चों को मदरसों में ही पढ़ते हैं या अन्य स्कूलों में. अगर ऐसा है तो इसकी वजह क्या है. फिर उसी के अनुरूप मदरसों के शिक्षण पद्धति में और भी सुधार किए जाएंगे.
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