लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय की 23 वर्षीय गजाला को संस्कृत में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए 5 गोल्ड मेडल दिए गए है. उन्होंने हिजाब विवाद पर कहा कि मैं मुस्लिम हूं और मुझे इस बात पर गर्व है. हिजाब पहनना या न पहनना यह लड़की का अपना फैसला होना चाहिए. गजाला ने लखनऊ के आर्य कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज में संस्कृत की पढ़ाई शुरू की थी. करामत हुसैन गर्ल्स कॉलेज (Karamat Hussain Girls College) से स्नातक की पढ़ाई की और अब लखनऊ यूनिवर्सिटी से संस्कृत में परास्नातक कर रही हैं.
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान उन्होंने कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद को लेकर अपनी बात बेबाकी से रखी. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हिजाब पहनना या न पहनना यह लड़की का अपना फैसला होना चाहिए. इसे धर्म से जोड़कर विवाद खड़ा किया जा रहा है. ऐसे मुद्दों को विवाद बनाकर उस पर राजनीति करना गलत है.
गजाला बोली, मुझे संस्कृत अच्छी लगती है. इसलिए मैं उसे पढ़ती हूं. मेरी मां और भाइयों ने कभी इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई, बल्कि बढ़-चढ़कर सहयोग ही किया. उनके इस सहयोग और समर्थन का ही नतीजा है कि आज मैंने यह मुकाम पाया. भाषा या वेशभूषा को धर्म से जोड़ कर देखना गलत है. संस्कृत पढ़ना और लिखना मेरा व्यक्तिगत फैसला है और जिसका मेरे परिवार ने समर्थन किया.
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संस्कृत में मिले 5 मेडल
गजाला लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में संस्कृत विभाग में परास्नातक की छात्रा रही हैं. उन्हें संस्कृत भाषा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए 5 गोल्ड मेडल मिले हैं. गजाला ने अपनी पढ़ाई की शुरुआत निशातगंज के एक सरकारी प्राइमरी स्कूल से की थी. वहां से गजाला ने आर्य कन्या पाठशाला बादशाह नगर में दाखिला लिया. गजाला कहती है कि उन्हें संस्कृत भाषा में करियर बनाना है. लखनऊ विश्वविद्यालय से संस्कृत में पीएचडी करके अध्यापन कार्य करना चाहती हैं.
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