लखनऊ: कोरोना संक्रमण से अपने माता-पिता या दोनों को खो देने वाले छात्रों की मदद के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय ने हाथ बढ़ाया है. विश्वविद्यालय की ओर से ऐसे सभी छात्र-छात्राओं की जानकारी जुटाने की प्रक्रिया शुरू की गई है. लखनऊ विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम पांडे ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन उन छात्रों की मदद के लिए विचार कर रहा है. इसलिए उनका डाटा तैयार किया जा रहा है.
यह योजना अभी तक लाई गई
छात्रों की आर्थिक रूप से मदद के लिए विश्वविद्यालय की तरफ से बीते कुछ महीनों में कर्म योगी से लेकर कई अन्य योजनाएं शुरू की गई. इसमें इंटर्नशिप कार्यक्रम भी शामिल हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपने छात्रों के लिए एक विशेष इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू करने का फैसला लिया है. इन छात्रों को अब लखनऊ विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी, लैब से लेकर विभिन्न विभागों में इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा. विश्वविद्यालय की ओर से उनके लिए विशेष इंटर्नशिप कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है.
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गोद लें छात्र
विश्वविद्यालय के जरूरतमंद होनहार छात्रों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए यहां ओन आ चाइल्ड कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है. इसके तहत विश्वविद्यालय की इच्छुक शिक्षक, कर्मचारी और पूर्व छात्र मौजूदा छात्रों की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाई है. अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि बीते दिनों विश्वविद्यालय की एक वरिष्ठ शिक्षिका ने अपने पिता और ससुर के नाम पर छात्रों के लिए स्कॉलरशिप शुरू की है. इसी कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए यह पहल की जा रही है.
कर्म योगी योजना की सूची अगले हफ्ते
लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से बीते दिनों छात्रों के लिए कर्म योगी योजना की शुरुआत की गई थी. इसके तहत छात्र को विश्वविद्यालय में काम करने और उसके बदले भुगतान किए जाने की व्यवस्था की गई. प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि इसके लिए करीब 500 आवेदन आए थे. पहले चरण में करीब 50 छात्र छात्राओं को विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में कार्य करने के लिए चुना जा रहा है. इनकी सूची अगले सप्ताह जारी की जाएगी.