लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय में बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली लागू करने का विरोध किया है. शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात कर अपना विरोध जताया, लेकिन आयोग अध्यक्ष ने मीडिया से कहा कि वैश्वीकरण के दौर में इस तरह के प्रयोग जरूरी हो गए हैं.
कुलपति के फैसले को बताया मनमानी
मंगलवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में पहुंचे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर डी. पी. सिंह को लूटा के महामंत्री के साथ एक प्रतिनिधिमंडल ने मांग पत्र सौंपा है, जिसमें कहा गया कि लखनऊ विश्वविद्यालय का यह फैसला मनमानी है. इसे न तो विश्व विद्यालय परिषद से अनुमति मिली है और न इसकी कोई कानूनी हैसियत है. विश्वविद्यालय कुलपति का यह फैसला विद्यार्थियों के हित में भी नहीं है, क्योंकि बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली का इस्तेमाल मेधावियों की छटनी के लिए किया जाता है.
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बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली से विद्वता की पहचान संभव नहीं है, लेकिन आयोग के अध्यक्ष से जब इस बारे में मीडिया ने पूछा तो उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के दौर में इस तरह के प्रयोग किए जाने बेहद जरूरी हैं. दूसरे देशों में भी परीक्षा की ऐसी व्यवस्था की गई है. हम उनसे अलग-थलग नहीं रह सकते हैं.