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बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली के विरोध पर बोले UGC चेयरमैन, वैश्वीकरण के दौर में जरूरी

लखनऊ विश्वविद्यालय में बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली का विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने जमकर विरोध किया है. वहीं उनका कहना है कि यह विश्वविद्यालय की मनमानी है. इससे किसी को लाभ नहीं पहुंचेगा.

लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली का कर रहा विरोध.
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Published : Oct 23, 2019, 12:40 PM IST

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय में बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली लागू करने का विरोध किया है. शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात कर अपना विरोध जताया, लेकिन आयोग अध्यक्ष ने मीडिया से कहा कि वैश्वीकरण के दौर में इस तरह के प्रयोग जरूरी हो गए हैं.

लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली का कर रहा विरोध.
शिक्षक संघ ने बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली का किया विरोधलखनऊ विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा में नई पहल करते हुए बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली लागू करने का ऐलान किया है. इसके तहत स्नातक कक्षाओं में भी विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान बहुविकल्पीय प्रश्न दिए जाएंगे. उनमें से उन्हें सही उत्तर का चुनाव करना होगा. हालांकि लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) इसका विरोध कर रहा है.

कुलपति के फैसले को बताया मनमानी
मंगलवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में पहुंचे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर डी. पी. सिंह को लूटा के महामंत्री के साथ एक प्रतिनिधिमंडल ने मांग पत्र सौंपा है, जिसमें कहा गया कि लखनऊ विश्वविद्यालय का यह फैसला मनमानी है. इसे न तो विश्व विद्यालय परिषद से अनुमति मिली है और न इसकी कोई कानूनी हैसियत है. विश्वविद्यालय कुलपति का यह फैसला विद्यार्थियों के हित में भी नहीं है, क्योंकि बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली का इस्तेमाल मेधावियों की छटनी के लिए किया जाता है.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ-आनंद विहार डबल डेकर एसी एक्सप्रेस के 2 कोच हुए बेपटरी

बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली से विद्वता की पहचान संभव नहीं है, लेकिन आयोग के अध्यक्ष से जब इस बारे में मीडिया ने पूछा तो उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के दौर में इस तरह के प्रयोग किए जाने बेहद जरूरी हैं. दूसरे देशों में भी परीक्षा की ऐसी व्यवस्था की गई है. हम उनसे अलग-थलग नहीं रह सकते हैं.

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय में बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली लागू करने का विरोध किया है. शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात कर अपना विरोध जताया, लेकिन आयोग अध्यक्ष ने मीडिया से कहा कि वैश्वीकरण के दौर में इस तरह के प्रयोग जरूरी हो गए हैं.

लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली का कर रहा विरोध.
शिक्षक संघ ने बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली का किया विरोधलखनऊ विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा में नई पहल करते हुए बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली लागू करने का ऐलान किया है. इसके तहत स्नातक कक्षाओं में भी विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान बहुविकल्पीय प्रश्न दिए जाएंगे. उनमें से उन्हें सही उत्तर का चुनाव करना होगा. हालांकि लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) इसका विरोध कर रहा है.

कुलपति के फैसले को बताया मनमानी
मंगलवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में पहुंचे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर डी. पी. सिंह को लूटा के महामंत्री के साथ एक प्रतिनिधिमंडल ने मांग पत्र सौंपा है, जिसमें कहा गया कि लखनऊ विश्वविद्यालय का यह फैसला मनमानी है. इसे न तो विश्व विद्यालय परिषद से अनुमति मिली है और न इसकी कोई कानूनी हैसियत है. विश्वविद्यालय कुलपति का यह फैसला विद्यार्थियों के हित में भी नहीं है, क्योंकि बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली का इस्तेमाल मेधावियों की छटनी के लिए किया जाता है.

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बहुविकल्पीय परीक्षा प्रणाली से विद्वता की पहचान संभव नहीं है, लेकिन आयोग के अध्यक्ष से जब इस बारे में मीडिया ने पूछा तो उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के दौर में इस तरह के प्रयोग किए जाने बेहद जरूरी हैं. दूसरे देशों में भी परीक्षा की ऐसी व्यवस्था की गई है. हम उनसे अलग-थलग नहीं रह सकते हैं.

Intro:लखनऊ. लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय में बहु विकल्प परीक्षा प्रणाली लागू करने का तीखा विरोध किया है शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात कर अपना विरोध जताया लेकिन आयोग अध्यक्ष ने मीडिया से कहा कि वैश्वीकरण के दौर में इस तरह के प्रयोग जरूरी हो गए हैं.


Body:लखनऊ विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा में नई पहल करते हुए बहु विकल्प परीक्षा प्रणाली लागू करने का ऐलान किया है इसके तहत स्नातक कक्षाओं में भी विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान उत्तर के लिए बहु विकल्प दिए जाएंगे उनमें से उन्हें सही उत्तर का चुनाव करना होगा. लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ( लूटा) इसका विरोध कर रहा है मंगलवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में पहुंचे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर डीपी सिंह को लूटा महामंत्री के साथ एक प्रतिनिधिमंडल ने मांग पत्र सौंपा है जिसमें कहा गया कि लखनऊ विश्वविद्यालय का यह फैसला मनमानी है इसे ना तो विश्व विद्यालय परिषद से अनुमति मिली है और ना कोई कानूनी हैसियत है. विश्वविद्यालय कुलपति का यह फैसला विद्यार्थियों के हित में भी नहीं है क्योंकि बहु विकल्प परीक्षा प्रणाली का इस्तेमाल मेधावियों की छटनी के लिए किया जाता है । इससे विद्वता की पहचान संभव नहीं है। लेकिन आयोग के अध्यक्ष से जब इस बारे में मीडिया ने पूछा तो उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के दौर में इस तरह के प्रयोग किए जाने बेहद जरूरी हैं दूसरे देशों में भी परीक्षा के ऐसी व्यवस्था की गई है हम उनसे अलग-थलग नहीं रह सकते हैं।

बाइट /प्रोफेसर डी पी सिंह अध्यक्ष विश्वविद्यालय अनुदान आयोग

बाइट/ डॉक्टर विनीत वर्मा, महामंत्री लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ


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