लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय में पदक हासिल करने में 80 फीसदी छात्राएं शामिल रहती हैं. हाल ही में लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बेटियां ही पदक में पाने में आगे रहीं, लेकिन बेटियां सिर्फ पदक पाने में ही नहीं बल्कि दाखिला लेने में भी आगे हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय में वर्ष 2019 से 2022 तक लगातार छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक रही है. उच्च शिक्षा में छात्राओं की संख्या बढ़ना एक अच्छे संकेत के रूप में देखा जा रहा है. ऐसा ही हाल मेडिकल की पढ़ाई करने वाली बेटियों का भी है. यहां भी पदक पाने में बेटिया अव्वल हैं.
लखनऊ विश्वविद्यालय के रिकार्ड के अनुसार संबद्ध 545 कॉलेजों में लगातार छात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बीते 3 साल में परीक्षा देने की संख्या को आधार माना जाए तो बेटियों का उच्च शिक्षा के प्रति रुझान काफी तेजी से बढ़ रहा है. केवल लखनऊ विश्वविद्यालय ही नहीं दूसरे विश्वविद्यालयों में भी पढ़ाई करने के मामले में भी छात्राओं आगे हैं. वर्ष 2019, 2020 और 2021 की परीक्षा की संख्या देखने से भी पता चलता है और इसी प्रकार बीते तीनों वर्षों के दीक्षांत समारोह में भी बेटियां ही पदक पाने में आगे रही हैं. एलयू की वर्ष 2019 की परीक्षा में कुल 171589 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया था. जिसमें से 75295 छात्र और छात्राओं की संख्या लगभग 11 हजार ज्यादा 96294 थी. इसी तरह 2020 की परीक्षा में 155302 विद्यार्थी शामिल हुए. इसमें 67457 छात्र और तकरीबन 20 हजार अधिक 87845 छात्राएं थीं. वर्ष 2021 की परीक्षा में छात्राओं को आंकड़ा 130484 हो गया और छात्र 1 लाख 22 हजार 060 थे. इसी प्रकार दीक्षांत समारोह में पदक प्राप्त करने भी छात्राएं हमेशा आगे रहीं. वर्ष 2020 में कुल 187 पदकों में 142 पदको पर छात्राओं ने कब्जा किया. वर्ष 2021 के 183 पदक में 129 पदक छात्राओं के खाते में आए और वर्ष 2022 के दीक्षांत के 189 पदक में छात्राओं ने 151 पदक अपने नाम कर लिए.
लखनऊ विश्वविद्यालय की डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. पूनम टंडन का कहना है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा के लिए छात्राओं का स्वागत है. हमारा प्रयास छात्राओं को सिर्फ शिक्षित करना नहीं, बल्कि उनका सर्वांगीण विकास करना है. बेटियां आगे बढ़ती हैं तो एक परिवार आगे बढ़ता है. इसलिए बेटों के साथ ही बेटियों को भी अधिक से अधिक शिक्षा दिलानी चाहिए. हमारी बेटियां लगातार देश के विकास में योगदान कर रही हैं, क्योंकि वे अच्छी शिक्षा ग्रहण कर रही हैं.
यह भी पढ़ें : Ayodhya News: रामसेवकपुरम में 51 वैदिक आचार्यों ने शालिग्राम शिलाओं का कराया पूजन