लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपने 540 कॉलेजों के करीब 2 लाख से ज्यादा स्नातक के छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत दी है. विश्वविद्यालय में मंगलवार को ही कार्य परिषद की बैठक में सभी को एनरोलमेंट फीस और एग्जाम फीस में 25% छूट देने का फैसला लिया गया है. विश्वविद्यालय में सेमेस्टर प्रणाली लागू है. साल में दो बार परीक्षाएं होती हैं, जिसका शुल्क औसतन 3 हजार से 4 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर तक है. ऐसे में छात्र-छात्राओं को करीब डेढ़ हजार से लेकर 2 हजार रुपये तक साल भर में कम फीस देनी होगी. इसी तरह से एनरोलमेंट की फीस भी 25% तक कम कर दी गई है.
कोरोना संक्रमण और उसके बाद की स्थितियों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन की मानें तो हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर और रायबरेली के कॉलेजों के जुड़ने से मिलने वाले परीक्षा शुल्क में वैसे ही इजाफा हुआ है. इसके मद्देनजर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से यह राहत देने का फैसला लिया गया है. मंगलवार को कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय की अध्यक्षता में इस बैठक का आयोजन किया गया था. कार्य परिषद से पहले यहां एकेडमिक काउंसिल की बैठक भी आयोजित की गई.
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इस बैठक में नई शिक्षा नीति-2020 को कार्य परिषद ने अनुमति प्रदान की. इसके साथ ही, विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को लागू करने का रास्ता साफ हो गया है. यहां छात्र-छात्राओं को मल्टीपल एंट्री और एग्जिट का लाभ मिलेगा. वह किसी भी वर्ष में पढ़ाई को बीच में छोड़ सकेंगे. 1 साल की पढ़ाई पूरी करने पर सर्टिफिकेट, 2 साल की पढ़ाई पूरी करने पर डिप्लोमा, 3 साल की पढ़ाई पूरी करने पर डिग्री और 4 साल की पढ़ाई पूरी करने पर शोध में डिग्री मिलेगी. इसी के साथ अनुसूचित जनजाति की छात्राओं के समस्त शुल्कों- ट्यूशन फीस, परीक्षा शुल्क, खेलकूद फीस और हॉस्टल की फीस को भी माफ करने की अनुमति प्रदान की गई.