लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय में शुरू हुए सेमेस्टर परीक्षाओं के पहले दिन विश्वविद्यालय ने छात्र संघ चुनाव बहाली को लेकर प्रदर्शन पर बैठे 11 छात्रों का एडमिट कार्ड रोक दिया था. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना था कि छात्रों के उपस्थित के मानक पूरे नहीं है. जिसके कारण उनका एडमिट कार्ड रोका गया है. छात्रों का कहना था कि छात्र संघ बहाली को लिए हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन से नाराज विश्वविद्यालय प्रशासन ने जानबूझकर उनके एडमिट कार्ड रोके हैं. इस बाबत छात्रों ने विश्वविद्यालय में पहले दिन धरना-प्रदर्शन भी किया था और एडमिट कार्ड जारी करने की मांग की थी, जब विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी मांगों को नहीं माना तो छात्र बीते दो दिन से भूख हड़ताल पर बैठ गए थे.
पिछले तीन दिनों से परीक्षा छूटने से नाराज छात्र दो दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. इनमें से कुछ छात्रों की तबीयत गुरुवार को सुबह बिगड़ गई. इसके बाद इन छात्रों का ब्लड प्रेशर चेक किया जा रहा है. छात्रों का कहना है कि जब तक उनका एडमिट कार्ड विश्वविद्यालय प्रशासन जारी नहीं करेगा उनका विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल जारी रहेगा. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि उपस्थिति कम होने के कारण इन छात्रों का एडमिट कार्ड रोका गया है. हालांकि अब इसका समाधान निकालने के बजाय विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़ा रुख अपना लिया है. जिसके बाद छात्र भी अपने मांगों को पूरा करने के लिए आ गए हैं.
भूख हड़ताल पर बैठे छात्र विंध्यवासिनी शुक्ला ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन सभी छात्रों का प्रवेश पत्र जारी किया है और उन्हें परीक्षा में शामिल कर रहा है. केवल उन्हीं छात्रों के प्रवेश पत्र रोक दिए गए हैं जिन्होंने बीते दिनों छात्र संघ बहाली के लिए विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया था. छात्रों ने राजपाल के नाम संदेश पढ़ते हुए कहा कि गवर्नर मैडम छात्र खुशी में धरना नहीं करते हैं. जबकि विश्वविद्यालय तानाशाही और उत्पीड़न कर रहा है तो ऐसा करना पड़ता है. गौरतलब है कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 6 दिसंबर को लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भूख हड़ताल पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि छात्रों को अच्छे और सामाजिक कार्यों के लिए हड़ताल करनी चाहिए. इस पर छात्रों ने आपत्ति दर्ज कराई है.