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NEP 2020 : पीजी के छात्रों को तीसरे सेमेस्टर में मिलेगी मनपसंद विषय पढ़ने की आजादी - मनपसंद विषय पढ़ने की आजादी

लखनऊ विश्वविद्यालय ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के हिसाब से पीजी के पाठ्यक्रम में बदलाव किये हैं. अब तीसरे सेमेस्टर में छात्रों को किसी भी संकाय या विभाग का कोई भी विषय पढ़ने की आजादी मिल जाएगी.

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के हिसाब से पीजी के पाठ्यक्रम में बदलाव.
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के हिसाब से पीजी के पाठ्यक्रम में बदलाव.
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Published : Feb 21, 2021, 1:49 PM IST

लखनऊ : एलयू ने अपने परास्नातक पाठ्यक्रम में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के हिसाब से बदलाव कर दिए हैं. अब यहां के छात्रों को अपने कुल विषय के साथ पसंदीदा विषय को पढ़ने की आजादी मिल गई है. लखनऊ विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के डॉ. नीरज जैन ने ETV भारत से इन बदलावों को लेकर जानकारी साझा की. डॉ. नीरज जैन ने बताया कि पहले दो सेमेस्टर तक छात्र अपना कोर विषय पढ़ेंगे. तीसरे सेमेस्टर में उन्हें किसी भी संकाय या विभाग का कोई भी विषय पढ़ने की आजादी मिल जाएगी.

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के हिसाब से पीजी के पाठ्यक्रम में बदलाव.

ऐसे उठा सकेंगे फायदा, MOOCS का विकल्प भी खुला
डॉ. नीरज जैन ने बताया कि तीसरे सेमेस्टर में पहुंचने पर छात्रों को यह बताना होगा कि वह किस संकाय और किस विभाग का कौन सा पेपर पढ़ना चाहते हैं. उसके आधार पर विभाग से संपर्क किया जाएगा. सूचना साझा कर छात्रों को इसका लाभ उपलब्ध कराया जाएगा. छात्रों के लिए MOOCS का विकल्प भी खुल गया है. यानी अगर वह चाहे तो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से ऑनलाइन संचालित इस कार्यक्रम से भी जुड़ सकते हैं. छात्र के पास एक साल बाद पीजी डिप्लोमा लेकर नए कोर्स में एनरोल करने या दूसरी डिग्री के लिए पढ़ाई प्रारंभ करने की, या नौकरी के लिए जाने की भी स्वाधीनता रहेगी.

शारीरिक शिक्षा विभाग के पीजी सिलेबस में भी बदलाव
इसमें पहले चार थ्योरी और चार प्रैक्टिकल पेपर थे. चौथा पेपर वैकल्पिक था. अब तीन थ्योरी कोर पेपर और तीन प्रैक्टिकल होंगे. यानी 6 अनिवार्य पेपर होंगे और सभी के चार-चार समान क्रेडिट होंगे. इसमें योगिक साइंस को वैल्यू एडिट कोर्स के रूप में जोड़ा गया है. इसमें भी अन्य कोर्स सब्जेक्ट की भांति क्रेडिट मिलेंगे.

लखनऊ : एलयू ने अपने परास्नातक पाठ्यक्रम में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के हिसाब से बदलाव कर दिए हैं. अब यहां के छात्रों को अपने कुल विषय के साथ पसंदीदा विषय को पढ़ने की आजादी मिल गई है. लखनऊ विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के डॉ. नीरज जैन ने ETV भारत से इन बदलावों को लेकर जानकारी साझा की. डॉ. नीरज जैन ने बताया कि पहले दो सेमेस्टर तक छात्र अपना कोर विषय पढ़ेंगे. तीसरे सेमेस्टर में उन्हें किसी भी संकाय या विभाग का कोई भी विषय पढ़ने की आजादी मिल जाएगी.

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के हिसाब से पीजी के पाठ्यक्रम में बदलाव.

ऐसे उठा सकेंगे फायदा, MOOCS का विकल्प भी खुला
डॉ. नीरज जैन ने बताया कि तीसरे सेमेस्टर में पहुंचने पर छात्रों को यह बताना होगा कि वह किस संकाय और किस विभाग का कौन सा पेपर पढ़ना चाहते हैं. उसके आधार पर विभाग से संपर्क किया जाएगा. सूचना साझा कर छात्रों को इसका लाभ उपलब्ध कराया जाएगा. छात्रों के लिए MOOCS का विकल्प भी खुल गया है. यानी अगर वह चाहे तो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से ऑनलाइन संचालित इस कार्यक्रम से भी जुड़ सकते हैं. छात्र के पास एक साल बाद पीजी डिप्लोमा लेकर नए कोर्स में एनरोल करने या दूसरी डिग्री के लिए पढ़ाई प्रारंभ करने की, या नौकरी के लिए जाने की भी स्वाधीनता रहेगी.

शारीरिक शिक्षा विभाग के पीजी सिलेबस में भी बदलाव
इसमें पहले चार थ्योरी और चार प्रैक्टिकल पेपर थे. चौथा पेपर वैकल्पिक था. अब तीन थ्योरी कोर पेपर और तीन प्रैक्टिकल होंगे. यानी 6 अनिवार्य पेपर होंगे और सभी के चार-चार समान क्रेडिट होंगे. इसमें योगिक साइंस को वैल्यू एडिट कोर्स के रूप में जोड़ा गया है. इसमें भी अन्य कोर्स सब्जेक्ट की भांति क्रेडिट मिलेंगे.

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