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अफगानिस्तान के छात्रों की पहली पसंद बन रहा 'लखनऊ विश्वविद्यालय', जानिये क्यों - लखनऊ न्यूज

कोरोना काल के बावजूद पहली बार लखनऊ विश्वविद्यालय (lucknow university) में बड़ी संख्या में विदेशी छात्र दाखिले के लिए आए हैं. करीब 371 छात्र-छात्राओं ने यहां दाखिले के लिए अभी तक आवेदन किया है. यह एक रिकॉर्ड है. अभी और विदेशी छात्रों के आवेदन करने की उम्मीद है.

विदेशी छात्रों की पहली पसंद बन रहा लखनऊ विश्वविद्यालय
विदेशी छात्रों की पहली पसंद बन रहा लखनऊ विश्वविद्यालय
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Published : Jun 23, 2021, 1:43 PM IST

लखनऊ: राजधानी का लखनऊ विश्वविद्यालय (lucknow university) विदेशी छात्रों को खूब भा रहा है. अफगानिस्तान, इंडोनेशिया, श्रीलंका से लेकर रूस और यूरोपीय देशों के छात्र यहां पढ़ने के लिए पहुंच रहे हैं. इस साल पिछले वर्षों के मुकाबले आवेदनों की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है. पिछले साल जहां कुल दाखिले करीब 100 हुए थे तो वहीं अभी तक 371 आवेदन विश्वविद्यालय को प्राप्त हो चुके हैं. इस संख्या में अभी और इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है. यह रिकॉर्ड आवेदन है. इससे पहले कभी भी यहां दाखिले के लिए इतने विदेशी छात्रों के आवेदन नहीं आए थे.

लखनऊ विवि में इस बार दाखिले के लिए 371 विदेशी छात्रों ने किया आवेदन.

इन देशों से आ रहे छात्र
लखनऊ विश्वविद्यालय (lucknow university) में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स एडवाइजर सेंटर के प्रोफेसर आरपी सिंह बताते हैं कि इस बार सबसे ज्यादा आवेदन अफगानिस्तान से आ रहे हैं. यहां के छात्र लखनऊ विश्वविद्यालय में रहकर भारत की संस्कृति, साहित्य, संगीत के साथ-साथ अंग्रेजी और प्रबंधन जैसे पाठ्यक्रमों को पढ़ने में रुचि दिखा रहे हैं. अफगानिस्तान के अलावा इंडोनेशिया, तजाकिस्तान, रूस, केन्या, श्रीलंका, नेपाल और नामीबिया जैसे देशों से भारत आने वाले छात्रों की संख्या काफी है.

एमबीए के लिए सबसे ज्यादा मारामारी
विदेशी छात्रों में लखनऊ विश्वविद्यालय में आकर एमबीए जैसे पाठ्यक्रम में दाखिले को लेकर काफी मांग देखने को मिल रही. इसमें भी अफ्रीकी देशों से आने वाले छात्रों की संख्या काफी है. इसके अलावा बीते दिनों ट्रेंड में कुछ बदलाव भी देखने को मिला. अब हिंदी और संस्कृत सीखने के लिए भी छात्र लखनऊ विश्वविद्यालय पहुंच रहे हैं. बीते सत्र में पहली बार इटली से एक छात्रा ने यहां हिंदी में शोध के लिए दाखिला लिया था. इसी तरह मॉरीशस की एक छात्रा की ओर से हिंदी में पीएचडी के लिए आवेदन प्राप्त हुआ था.

इसे भी पढ़ें:- बीजेपी का मिशन 2022, जातीय समीकरण साधकर यूपी फतह की तैयारी

इस बार आए रिकॉर्ड आवेदन
लखनऊ विश्वविद्यालय में पहली बार विदेशी छात्रों के इतने आवेदन सामने आए हैं. प्रोफेसर आरपी सिंह ने बताया कि वर्तमान में दाखिले के लिए आवेदन की प्रक्रिया जारी है. ऐसे में आगे भी विदेशी छात्रों के आवेदन और भी बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

  • वर्ष 2016 में सिर्फ 8 विदेशी छात्रों ने लखनऊ विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था.
  • वर्ष 2018 में दाखिला लेने वालों की संख्या 33 तक पहुंच गई.
  • वर्ष 2019 में 52 विदेशी छात्रों ने लखनऊ विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए आवेदन किया.
  • वर्ष 2020 में दाखिले के लिए आवेदन करने वालों की संख्या 135 तक पहुंच गई. दाखिलों की संख्या 200 के अंदर ही रही.
  • वर्ष 2021 में दाखिले के लिए आवेदन की संख्या अभी तक 371 तक पहुंच चुकी है.

विदेशी छात्रों के लिए बढ़ाई जा रही सुविधाएं
एक और जहां लखनऊ विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों का रुझान बढ़ रहा है तो वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन भी उनके स्वागत की तैयारियों में लगा हुआ है. छात्रों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए विश्वविद्यालय के छात्रावासों में विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं. अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि अभी तक इन छात्रों के रहने की व्यवस्था बलरामपुर अंतरराष्ट्रीय छात्रावास में की जाती थी, लेकिन अब आचार्य नरेंद्र देव छात्रावास को पूरी तरह से विदेशी छात्रों के लिए तैयार किया जा रहा है. छात्रावास के एक ब्लॉक को मॉडल लुक के साथ डिजाइन और फर्निश किया गया है. यहां छात्रों को डीप फ्रीजर से लेकर सभी दूसरी सुविधाएं भी मिलेंगी.

... तो इसलिए विदेशी छात्रों को भा रहा एलयू
आखिरकार, विदेशी छात्रों को लखनऊ विश्वविद्यालय क्यों इतना भा रहा है? इस सवाल के जवाब की तलाश में ईटीवी भारत ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में पढ़ रहे कुछ विदेशी छात्रों से बात की. रूस की एलेना लखनऊ विश्वविद्यालय से इंग्लिश में पीएचडी कर रही हैं. बीते कई सालों से लखनऊ में हैं. इस दौरान उन्होंने हिंदी भी बोलना शुरू कर दिया है. वह कहती हैं कि भारत आना, यहां के कल्चर को समझना सपना था, लेकिन लखनऊ और लखनऊ के लोगों ने जो मोहब्बत दी, उसे कभी नहीं भूल सकते. साउथ अफ्रीका से आई लूसिया कहती हैं कि इतने सालों में लखनऊ अपना दूसरा घर जैसा हो गया है.

लखनऊ: राजधानी का लखनऊ विश्वविद्यालय (lucknow university) विदेशी छात्रों को खूब भा रहा है. अफगानिस्तान, इंडोनेशिया, श्रीलंका से लेकर रूस और यूरोपीय देशों के छात्र यहां पढ़ने के लिए पहुंच रहे हैं. इस साल पिछले वर्षों के मुकाबले आवेदनों की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है. पिछले साल जहां कुल दाखिले करीब 100 हुए थे तो वहीं अभी तक 371 आवेदन विश्वविद्यालय को प्राप्त हो चुके हैं. इस संख्या में अभी और इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है. यह रिकॉर्ड आवेदन है. इससे पहले कभी भी यहां दाखिले के लिए इतने विदेशी छात्रों के आवेदन नहीं आए थे.

लखनऊ विवि में इस बार दाखिले के लिए 371 विदेशी छात्रों ने किया आवेदन.

इन देशों से आ रहे छात्र
लखनऊ विश्वविद्यालय (lucknow university) में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स एडवाइजर सेंटर के प्रोफेसर आरपी सिंह बताते हैं कि इस बार सबसे ज्यादा आवेदन अफगानिस्तान से आ रहे हैं. यहां के छात्र लखनऊ विश्वविद्यालय में रहकर भारत की संस्कृति, साहित्य, संगीत के साथ-साथ अंग्रेजी और प्रबंधन जैसे पाठ्यक्रमों को पढ़ने में रुचि दिखा रहे हैं. अफगानिस्तान के अलावा इंडोनेशिया, तजाकिस्तान, रूस, केन्या, श्रीलंका, नेपाल और नामीबिया जैसे देशों से भारत आने वाले छात्रों की संख्या काफी है.

एमबीए के लिए सबसे ज्यादा मारामारी
विदेशी छात्रों में लखनऊ विश्वविद्यालय में आकर एमबीए जैसे पाठ्यक्रम में दाखिले को लेकर काफी मांग देखने को मिल रही. इसमें भी अफ्रीकी देशों से आने वाले छात्रों की संख्या काफी है. इसके अलावा बीते दिनों ट्रेंड में कुछ बदलाव भी देखने को मिला. अब हिंदी और संस्कृत सीखने के लिए भी छात्र लखनऊ विश्वविद्यालय पहुंच रहे हैं. बीते सत्र में पहली बार इटली से एक छात्रा ने यहां हिंदी में शोध के लिए दाखिला लिया था. इसी तरह मॉरीशस की एक छात्रा की ओर से हिंदी में पीएचडी के लिए आवेदन प्राप्त हुआ था.

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इस बार आए रिकॉर्ड आवेदन
लखनऊ विश्वविद्यालय में पहली बार विदेशी छात्रों के इतने आवेदन सामने आए हैं. प्रोफेसर आरपी सिंह ने बताया कि वर्तमान में दाखिले के लिए आवेदन की प्रक्रिया जारी है. ऐसे में आगे भी विदेशी छात्रों के आवेदन और भी बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

  • वर्ष 2016 में सिर्फ 8 विदेशी छात्रों ने लखनऊ विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था.
  • वर्ष 2018 में दाखिला लेने वालों की संख्या 33 तक पहुंच गई.
  • वर्ष 2019 में 52 विदेशी छात्रों ने लखनऊ विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए आवेदन किया.
  • वर्ष 2020 में दाखिले के लिए आवेदन करने वालों की संख्या 135 तक पहुंच गई. दाखिलों की संख्या 200 के अंदर ही रही.
  • वर्ष 2021 में दाखिले के लिए आवेदन की संख्या अभी तक 371 तक पहुंच चुकी है.

विदेशी छात्रों के लिए बढ़ाई जा रही सुविधाएं
एक और जहां लखनऊ विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों का रुझान बढ़ रहा है तो वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन भी उनके स्वागत की तैयारियों में लगा हुआ है. छात्रों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए विश्वविद्यालय के छात्रावासों में विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं. अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि अभी तक इन छात्रों के रहने की व्यवस्था बलरामपुर अंतरराष्ट्रीय छात्रावास में की जाती थी, लेकिन अब आचार्य नरेंद्र देव छात्रावास को पूरी तरह से विदेशी छात्रों के लिए तैयार किया जा रहा है. छात्रावास के एक ब्लॉक को मॉडल लुक के साथ डिजाइन और फर्निश किया गया है. यहां छात्रों को डीप फ्रीजर से लेकर सभी दूसरी सुविधाएं भी मिलेंगी.

... तो इसलिए विदेशी छात्रों को भा रहा एलयू
आखिरकार, विदेशी छात्रों को लखनऊ विश्वविद्यालय क्यों इतना भा रहा है? इस सवाल के जवाब की तलाश में ईटीवी भारत ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में पढ़ रहे कुछ विदेशी छात्रों से बात की. रूस की एलेना लखनऊ विश्वविद्यालय से इंग्लिश में पीएचडी कर रही हैं. बीते कई सालों से लखनऊ में हैं. इस दौरान उन्होंने हिंदी भी बोलना शुरू कर दिया है. वह कहती हैं कि भारत आना, यहां के कल्चर को समझना सपना था, लेकिन लखनऊ और लखनऊ के लोगों ने जो मोहब्बत दी, उसे कभी नहीं भूल सकते. साउथ अफ्रीका से आई लूसिया कहती हैं कि इतने सालों में लखनऊ अपना दूसरा घर जैसा हो गया है.

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