लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अब कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी-लॉन्ग बीच में पढ़ने के लिए जा सकेंगे, इसके लिए विद्यार्थियों को अतिरिक्त फीस भी नहीं देनी पड़ेगी. अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत लखनऊ विश्वविद्यालय ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के साथ 12 साल पुराने अनुबंध को आगे बढ़ाते हुए यह फैसला किया है.
2006 में लखनऊ विश्वविद्यालय और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय लॉन्ग बीच में शैक्षिक आदान- प्रदान कार्यक्रम के तहत एक करार हुआ था. इस दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय के तकरीबन 20 शिक्षक कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय जाकर अध्ययन, अध्यापन का अवसर मिला. तो वहीं कैलिफोर्निया के शिक्षकों ने भी लखनऊ विश्वविद्यालय आकर अपने शैक्षिक अनुभव और तकनीक को साझा किया.
साल 2006 के दौरान जब कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के साथ करार हुआ था तो लखनऊ विश्वविद्यालय में सेमेस्टर प्रणाली लागू नहीं थी, ऐसे में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और विद्यार्थियों को लखनऊ में आकर सीखने के लिए स्पेशल पाठयक्रम तैयार किया गया था. लखनऊ विश्वविद्यालय के 10- 10 शिक्षकों के दो दल कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में जाकर शिक्षण पाठ्यक्रम और लर्निंग आउटकम के नए तरीकों से परिचित हुए.
प्रोफेसर निशी पांडेय ने बताया कि पिछले दिनों कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी का एक दल यहां आया और उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक राय से मुलाकात की और दोनों यूनिवर्सिटी के बीच के करार को आगे बढ़ाया गया. बता दें कि कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय में सेमेस्टर शिक्षण प्रणाली लागू है, ऐसे में यहां से कैलिफोर्निया जाने वाले विद्यार्थी के अध्ययन में बाधा उत्पन्न नहीं होगी. यह करार विभिन्न विषयों से संबंधित है. साहित्य, शिक्षा, विज्ञान, इतिहास समेत विभिन्न विषयों के अध्ययन के लिए विद्यार्थियों को यह मौका दिया जाएगा.
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करार के तहत लखनऊ विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अब कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी-लॉन्ग बीच में पढ़ने जा सकेंगे. यह कार्यक्रम पूरी तरह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वित्त पोषित है. इस वजह से लखनऊ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए कोई अतिरिक्त फीस नहीं चुकानी होगी.
प्रो. निशी पांडेय, निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग,लखनऊ विश्वविद्यालय