लखनऊ: आने वाले दिनों में रोडवेज बस से यात्रा करने वाले मुसाफिरों का सफर सुहाना हो सकेगा. ड्राइवर की झपकी से होने वाली दुर्घटनाएं शायद ही हों. वजह है कि बस में एक ऐसी डिवाइस लगाए जाने की तैयारी हो रही है, जो ड्राइवर का चेहरा पढ़ेगी और जरा सी झपकी आने पर जागते रहो की आवाज देकर ड्राइवर को जगाएगी.
'ड्राउजी डिडक्शन डिवाइस'
कैमरा ड्राइवर का चेहरा रीड करेगा और अलार्म ड्राइवर को जगाने का काम करेगा. इससे निश्चित तौर पर दुर्घटनाओं पर लगाम लगेगी. इस डिवाइस का नाम होगा 'ड्राउजी डिडक्शन डिवाइस'. बंगलुरु की एक कंपनी रोडवेज बसों में ट्रायल के तौर पर यह डिवाइस लगाने की तैयारी कर रही है.
डिवाइस कैसे करेगी काम
रोडवेज बसों में अब एक ऐसी डिवाइस लगाने की तैयारी हो रही है, जिसका कैमरा सीधे ड्राइवर के चेहरे की तरफ होगा और अलार्म ड्राइवर के बिल्कुल बगल में लगा होगा. बॉक्स के अंदर और उपकरण मौजूद होंगे, जिसमें एक डोंगल भी रहेगा.
अलार्म से आने लगेगी 'अवेक' की आवाज
सफर के दौरान अक्सर रात में ड्राइवर को नींद आ जाती है. ऐसे में इस डिवाइस के लगे होने पर ड्राइवर सो नहीं सकेगा. जैसे ही ड्राइवर की पलक झपकेगी, वैसे ही कैमरा उसकी एक्टिविटी को कैप्चर कर लेगा और तुरंत इसका सिग्नल अलार्म तक पहुंचेगा. इसके बाद सेकेंडों में ही अलार्म बजने लगेगा और अलार्म से 'अवेक' की आवाज आने लगेगी. इसका अंजाम होगा कि ड्राइवर झट से जाग जाएगा और बस अनियंत्रित होने से बच जाएगी, जिससे बड़ी दुर्घटना टल जाएगी. अभी अवध डिपो की पांच एसी जनरथ बसों में यह डिवाइस लगाकर ट्रायल किए जाने की तैयारी हो रही है.
एंटी स्लीप डिवाइसों का ट्रायल
इससे पहले भी दो तरह की डिवाइस ट्रायल के तौर पर जनरथ बसों में लगाई गई हैं. इनमें से 12 बसों में 6th सेंस डिवाइस और पांच बसों में एंटी स्लिप डिवाइस लगी है. अब इन तीनों डिवाइस में जो भी बेहतर होगी, उसी डिवाइस को परिवहन निगम प्राथमिकता देगा और फिर टेंडर निकाला जाएगा. इसके बाद सभी रोडवेज बसों में यह डिवाइस लगा दी जाएगी.
पिछले दिनों हुई थी कई घटनाएं
इससे आने वाले दिनों में 20 फीसदी दुर्घटनाएं कम हो जाएंगी. बता दें कि कुछ माह पहले जब आगरा एक्सप्रेस-वे पर एक जनरथ बस ड्राइवर को नींद आने के कारण दुर्घटनाग्रस्त होकर खाई में गिर गई थी, जिसमें कई यात्री हताहत हुए थे. इसके बाद परिवहन निगम ने बसों में इस तरह की डिवाइस लगाने की योजना बनाई है.
हमारा मकसद दुर्घटनाएं कम करना
लखनऊ क्षेत्र के आरएम पल्लव कुमार बोस ने बताया कि बंगलुरु की एक कंपनी है, जो बसों में ट्रायल के तौर पर एक डिवाइस लगा रही है. इस डिवाइस का नाम 'ड्राउजीनेस डिटेक्शन डिवाइस' है. इसमें कैमरा लगा हुआ है. साथ ही अलार्म भी दिया हुआ है. ड्राइवर को जरा सी नींद आने पर कैमरा कैप्चर करेगा और सिग्नल अलार्म को भेज देगा, जिसके बाद अलार्म से वेकअप की आवाज निकलने लगेगी और ड्राइवर जाग जाएगा. आरएम ने बाताया कि हमारा मकसद है कि पिछले साल की तुलना में दुर्घटनाएं कम की जाएं. अभी तक दो तरह की डिवाइस लगी हैं, जो बेहतर डिवाइस होंगी उन्हें सभी बसों में लगाया जाएगा.
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