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पशुपालन घोटाला: आरोपी सहायक समीक्षा अधिकारी से जेल में होगी पूछताछ

पशुधन घोटाला मामले में 50 हजार के इनामी सहायक समीक्षा अधिकारी उमेश कुमार मिश्रा से लखनऊ पुलिस जेल में पूछताछ करेगी. पूछताछ में पशुधन घोटाले के मामले में कुछ सुबूत हाथ लग सकते हैं.

पशुपालन घोटाला.
पशुपालन घोटाला.
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Published : Apr 6, 2021, 8:30 PM IST

लखनऊ: पशुधन घोटाला मामले में 50 हजार के इनामी सहायक समीक्षा अधिकारी उमेश कुमार मिश्रा से लखनऊ पुलिस जेल में पूछताछ करेगी. पूछताछ में पशुधन घोटाले के मामले में कुछ सुबूत हाथ लग सकते हैं. बीते एक अप्रैल को उमेश कुमार मिश्रा ने विशेष अदालत में समर्पण किया था. कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में उमेश मिश्रा को लखनऊ जिला जेल भेज दिया था.

इंदौर के व्यापारी ने थाना हजरतंगज में दर्ज कराई थी एफआईआर

विशेष अदालत ने 17 मार्च को इस मामले में अभियुक्त के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई से पहले नोटिस जारी करने का आदेश दिया था. इसके बाद 24 मार्च को हाईकोर्ट से भी अभियुक्त की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई थी. दरअसल, 13 जून 2020 को पशुधन घोटाला मामले की एफआईआर इंदौर के व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिन्कू ने थाना हजरतंगज में दर्ज कराई थी. एफआईआर में उमेश मिश्रा समेत 13 अभियुक्तों को नामजद किया गया था. अभियुक्तों पर कूटरचित दस्तोवजों व छद्म नाम से गेहूं, आटा, शक्कर, दाल आदि की सप्लाई का ठेका दिलवाने के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपये की ठगी का आरोप है.

पढ़ें: रोपड़ से बांदा तक हाईअलर्ट, पुलिसकर्मियों के मोबाइल फोन जब्त

उमेश की बेटी के बैंक एकाउंट में जमा कराई गई थी रकम

इस मामले में ठगी की कुछ रकम उमेश कुमार मिश्रा की पुत्री के बैंक एकाउंट में जमा कराई गई थी. अभियोजन पक्ष का कहना है कि अभियुक्त की इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका थी. वह सचिवालय में सहायक समीक्षा अधिकारी के पद पर तैनात था. उसने अपनी बेटी के बैंक खाते में मामले से सम्बंधित रकम भी मंगाई थी. अभियुक्त आशीष राय से वर्तमान अभियुक्त की घोटाले के संबंध में बातचीत की रिकॉर्डिंग भी होने की बात अभियोजन की ओर से कही जा चुकी है.

लखनऊ: पशुधन घोटाला मामले में 50 हजार के इनामी सहायक समीक्षा अधिकारी उमेश कुमार मिश्रा से लखनऊ पुलिस जेल में पूछताछ करेगी. पूछताछ में पशुधन घोटाले के मामले में कुछ सुबूत हाथ लग सकते हैं. बीते एक अप्रैल को उमेश कुमार मिश्रा ने विशेष अदालत में समर्पण किया था. कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में उमेश मिश्रा को लखनऊ जिला जेल भेज दिया था.

इंदौर के व्यापारी ने थाना हजरतंगज में दर्ज कराई थी एफआईआर

विशेष अदालत ने 17 मार्च को इस मामले में अभियुक्त के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई से पहले नोटिस जारी करने का आदेश दिया था. इसके बाद 24 मार्च को हाईकोर्ट से भी अभियुक्त की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई थी. दरअसल, 13 जून 2020 को पशुधन घोटाला मामले की एफआईआर इंदौर के व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिन्कू ने थाना हजरतंगज में दर्ज कराई थी. एफआईआर में उमेश मिश्रा समेत 13 अभियुक्तों को नामजद किया गया था. अभियुक्तों पर कूटरचित दस्तोवजों व छद्म नाम से गेहूं, आटा, शक्कर, दाल आदि की सप्लाई का ठेका दिलवाने के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपये की ठगी का आरोप है.

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उमेश की बेटी के बैंक एकाउंट में जमा कराई गई थी रकम

इस मामले में ठगी की कुछ रकम उमेश कुमार मिश्रा की पुत्री के बैंक एकाउंट में जमा कराई गई थी. अभियोजन पक्ष का कहना है कि अभियुक्त की इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका थी. वह सचिवालय में सहायक समीक्षा अधिकारी के पद पर तैनात था. उसने अपनी बेटी के बैंक खाते में मामले से सम्बंधित रकम भी मंगाई थी. अभियुक्त आशीष राय से वर्तमान अभियुक्त की घोटाले के संबंध में बातचीत की रिकॉर्डिंग भी होने की बात अभियोजन की ओर से कही जा चुकी है.

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