लखनऊ: सूबे की राजधानी लखनऊ में थाईलैंड की स्पा गर्ल की मौत के मामले में जांच ठंडे बस्ते में जाती दिख रही है. युवती के बारे में पूरा राज जाने वाले स्पा के संचालक से पुलिस 23 दिन बाद भी पूछताछ नहीं कर सकी. उधर, इस मामले में बीजेपी सांसद संजय सेठ के निजी पीआरओ की ओर से दर्ज एफआईआर में सिर्फ वादी मुकदमा का ही बयान दर्ज हो सका है.
कोरोना संक्रमण से हुई थी युवती की मौत
थाईलैंड की युवती की मौत 3 मई को लोहिया अस्पताल में कोरोना संक्रमण से हुई थी. इसके बाद समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आरपी सिंह ने बीजेपी से राज्यसभा सांसद संजय सेठ के बेटे पर उसे बुलाने का आरोप लगाया था. पुलिस ने शुरुआती जांच में दावा किया कि कोरोना संक्रमित युवती की समय से इलाज न मिलने से उसकी मौत हुई थी. बेटे पर आरोप लगते ही सांसद संजय सेठ ने मोर्चा संभाल लिया. उन्होंने सपा प्रवक्ता के आरोपों को खारिज करते हुए पुलिस में एफआईआर दर्ज करा दी कि सपा प्रवक्ता उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. इन दोनों ही मामलों को पुलिस दबाने में जुट गई है.
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स्पा संचालक से नहीं हुई पूछताछ
थाईलैंड की स्पा गर्ल विभूतिखंड के जिस स्पा सेंटर में काम कर रही थी, उसके मैनेजर सलमान से पूछताछ हुई. तबीयत बिगड़ने पर सलमान ही युवती को लोहिया अस्पताल ले गया था. सलमान से पूछताछ के बाद हुसैनगंज के एक युवक का नाम सामने आया, जो युवती का प्रेमी था. शहर के कुछ बड़े होटलों के नाम भी सामने आए, लेकिन सलमान से पूछताछ के बाद घटनाक्रम में जो सबसे अहम किरदार सामने आया, पुलिस उससे अभी तक पूछताछ नहीं कर सकी. वह है ओ2 थाई स्पा का मालिक छत्तीसगढ़ का रायपुर निवासी राकेश शर्मा.
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पुलिस ने राकेश शर्मा को नोटिस देकर बयान देने को बुलाया, लेकिन राकेश ने पुलिस को अपने कोरोना संक्रमित होने की रिपोर्ट मेल कर दी, जिसके कारण उससे पूछताछ टाल दी गई थी. तब से अभी तक उससे पूछताछ नहीं हो सकी है.
राकेश से पूछताछ में बेनकाब होंगे कई रसूखदार
स्पा संचालक राकेश को तमाम सफेदपोशों और ब्यूरोक्रेट की जानकारी है, जो उससे जुड़े हैं. पूछताछ में वह ऐसे मामलों में फंस सकते हैं. यही वजह है कि 23 मई को केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने बताया कि राकेश की कोरोना जांच पॉजिटिव आ गई है. इसलिए उसे नहीं बुलाया जा सका. हालांकि, यह भी कहा गया कि उसकी RT-PCR जांच कराई जाएगी. इसमें निगेटिव आने पर उसे तत्काल बुलाया जाएगा, लेकिन यह जांच अभी तक नहीं कराई गई. यही नहीं, बीजेपी सांसद की तहरीर पर लिखे गए एफआईआर में नामजद आरोपियों के बयान भी नहीं लिए गए.
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आरोपियों से अभी तक नहीं की गई पूछताछ
यूपी की मौत के मामले की जांच कर रही डीसीपी संजीव सुमन का कहना है कि राकेश कोरोना पॉजीटिव है. बाकी इस केस से जुड़े अन्य कोई साक्ष्य नहीं मिल रहे हैं. FIR की जांच के पर्यवेक्षण अधिकारी एडीसीपी राघवेंद्र मिश्रा का कहना है कि आरोपियों से अभी तक कोई पूछताछ नहीं की गई है. हालांकि, जांच चल रही है.