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लखनऊ में 8वीं मंजिल से गिरकर होमगार्ड की मौत, पुलिस के हाथ खाली - छह घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली

राजधानी लखनऊ में एक बिल्डिंग की आठवीं मंजिल से गिरकर एक होमगार्ड की मौत हो गई थी. घटना हुए कई घंटे हो गए हैं. पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं. बताया जा रहा है कि होमगार्ड एक अधिकारी के घर तैनात था.

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छह घंटे बाद भी पुलिस को नहीं मिला कोई सबूत.
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Published : Jan 30, 2020, 7:40 PM IST

लखनऊ: गोमती नगर क्षेत्र में स्थित सीएसआई टावर की आठवीं मंजिल से गिरकर एक होमगार्ड की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. घटना हुए कई घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस मामले में कुछ भी पता नहीं कर पाई है. इस बिल्डिंग में उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी रहते हैं और होमगार्ड एक बड़े अधिकारी के घर तैनात था.

पूरी बिल्डिंग में करीब 90 कैमरे लगे हैं, जो वर्किंग कंडीशन में बताए जा रहे हैं, बावजूद इसके अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं. इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हम कुछ कह सकेंगे. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस को नहीं मिला कोई सबूत.

पत्नी ने लगाया हत्या का आरोप
मृतक की पत्नी का आरोप है कि उसके पति की हत्या की गई है. हमारे घर में सब कुछ ठीक चल रहा था, तो वह आत्महत्या क्यों करेंगे. हां एक दिन वह यह जरूर कह रहे थे कि वह प्रमुख सचिव समाज कल्याण के यहां नौकरी करते हैं, यह बात कई लोगों को पसंद नहीं है.

पहले भी हो चुकी है ऐसी ही घटना
6 महीने पहले गोमती नगर में विश्वजीत पुंडीर नाम के व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पूरे घर में विश्वजीत का फैला हुआ खून मिला था. विश्वजीत के परिजनों ने हत्या की धारा 302 में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद पुलिस कई दिनों तक जांच करती रही.

जांच रिपोर्ट में आत्महत्या की कही बात
फॉरेंसिक टीम बुलाई गई, सीनरी क्रिएशन किया गया, लेकिन पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी. फॉरेंसिक टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में घटना को आत्महत्या करार दिया. इसके आधार पर पुलिस ने आगे की जांच बढ़ाई. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह दिखाया गया था कि विश्वजीत के पेट में धारदार हथियार घुसने और ज्यादा ब्लडिंग होने के चलते मौत हुई है.

लखनऊ: गोमती नगर क्षेत्र में स्थित सीएसआई टावर की आठवीं मंजिल से गिरकर एक होमगार्ड की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. घटना हुए कई घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस मामले में कुछ भी पता नहीं कर पाई है. इस बिल्डिंग में उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी रहते हैं और होमगार्ड एक बड़े अधिकारी के घर तैनात था.

पूरी बिल्डिंग में करीब 90 कैमरे लगे हैं, जो वर्किंग कंडीशन में बताए जा रहे हैं, बावजूद इसके अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं. इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हम कुछ कह सकेंगे. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस को नहीं मिला कोई सबूत.

पत्नी ने लगाया हत्या का आरोप
मृतक की पत्नी का आरोप है कि उसके पति की हत्या की गई है. हमारे घर में सब कुछ ठीक चल रहा था, तो वह आत्महत्या क्यों करेंगे. हां एक दिन वह यह जरूर कह रहे थे कि वह प्रमुख सचिव समाज कल्याण के यहां नौकरी करते हैं, यह बात कई लोगों को पसंद नहीं है.

पहले भी हो चुकी है ऐसी ही घटना
6 महीने पहले गोमती नगर में विश्वजीत पुंडीर नाम के व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पूरे घर में विश्वजीत का फैला हुआ खून मिला था. विश्वजीत के परिजनों ने हत्या की धारा 302 में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद पुलिस कई दिनों तक जांच करती रही.

जांच रिपोर्ट में आत्महत्या की कही बात
फॉरेंसिक टीम बुलाई गई, सीनरी क्रिएशन किया गया, लेकिन पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी. फॉरेंसिक टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में घटना को आत्महत्या करार दिया. इसके आधार पर पुलिस ने आगे की जांच बढ़ाई. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह दिखाया गया था कि विश्वजीत के पेट में धारदार हथियार घुसने और ज्यादा ब्लडिंग होने के चलते मौत हुई है.

Intro:एंकर लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में तैनात आला अधिकारियों की आवास कॉलोनी सीएसआई टावर के आठवें माले से गिर कर धीरेंद्र नाम के एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घटना के 6 घंटे बाद तक पुलिस यह नहीं बता पाई है कि यह घटना हत्या हौ या फिर आत्महत्या? जबकि पूरी बिल्डिंग में 90 कैमरे लगे हुए हैं जो वर्किंग कंडीशन में बताया जा रहा है। सवाल यह उठ रहा है कि जब बिल्डिंग में 90 से अधिक कैमरे लगे हैं और जिस बालकनी से गिरकर धीरेंद्र की मौत हुई है उसके सामने भी एक कैमरा लगा है तो फिर पुलिस अभी तक यह स्पष्ट क्यों नहीं कर पाई है कि या घटना हत्या थी या फिर दुर्घटना? पुलिस के अधिकारियों से जब सीसीटीवी फुटेज के बारे में जानकारी मांगी गई तो वह जानकारी उपलब्ध कराने में असमर्थ नजर आए। परिजन इस घटना को हत्या बता रहे हैं। हालांकि पुलिस को अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे इस घटना को हत्या कहा जा सके लिहाजा पुलिस इस पूरे मामले को आत्महत्या के नजरिए से देख रही है। पुलिस के आला अधिकारियों के अनुसार घटना के बारे में सुबह 8:00 बजे के करीब पुलिस को सूचना दी गई थी जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एसीपी संतोष कुमार का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद क्लियर होगा कि यह घटना कितने बजे की है व मृतक की मौत कितने बजे हुई है हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं उसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।


Body:वियो मृतक की पत्नी ने आरोप लगाए हैं कि उसके पति की हत्या की गई है। सब कुछ ठीक चल रहा था आखिर वह आत्महत्या क्यों करते? वहीं मृतक के एक रिश्तेदार ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि बीते दिन जब धीरेंद्र अपने घर गया था तो उसने अपने पत्नी को बताया था कि कुछ लोगों को यह पसंद नहीं है कि वह प्रमुख सचिव समाज कल्याण के यहां नौकरी करें, लिहाजा वह इस बात से परेशान है। इससे पहले भी गोमती नगर में हो चुकी है ऐसी ही घटना गोमती नगर में यह पहली घटना नहीं है जिसमें पुलिस हत्या या आत्महत्या के बीच की की गुत्थी को लेकर दुविधा में नजर आ रही हो। 6 महीने पहले गोमती नगर में विश्वजीत पुंडीर नाम के व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी पूरे घर में विश्वजीत का फैला हुआ खून मिला था। विश्वजीत के परिजनों ने हत्या की धारा 302 में मुकदमा दर्ज कराया था जिसके बाद पुलिस कई दिनों तक जांच करती रही। फॉरेंसिक टीम बुलाई गई, सीनरी क्रिएशन किया गया लेकिन पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। फॉरेंसिक टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में घटना को आत्महत्या करार दिया। जिसके आधार पर पुलिस ने आगे की जांच बढ़ाई। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह दिखाया गया था कि विश्वजीत की पेट में धारदार हथियार घुसने व अत्यधिक ब्लडिंग होने के चलते मौत हुई है। लेकिन पुलिस को घटना के दौरान दीवार पर लगी लोहे की रॉड की रेलिंग पर विश्वजीत पुंडीर के खून के निशान नहीं मिले थे। पुलिस ने अपनी थ्योरी में या दिखाया था कि विश्वजीत पुंडीर पहले माले से नीचे गिरे और दीवाल पर लगी रेलिंग के लोहे के रॉड उनके पेट में घुस गए जिससे उनकी मौत हो गई। हालांकि, जब रेलिंग पर विश्वजीत पुंडीर के खून के निशान नहीं मिले तो फिर या कैसे कहा जा सकता है विश्वजीत की मौत एक एक्सीडेंट थी? इस बारे में पुलिस विभाग के अधिकारियों से बातचीत की गई तो उनकी ओर से कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई।


Conclusion:बाइट वन- मृतक धीरेंद्र की पत्नी बाइट दो- धीरेंद्र का रिश्तेदार चंद्रमा प्रसाद दुबे बाइट 3- डीसीपी ईस्ट सुमेश वर्मा (संवाददाता प्रशांत मिश्रा 90 2639 25 26)
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