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नाबालिग के प्रेम प्रसंग को दिया लव जिहाद का रंग, पूरा मामला जानकर हो जाएंगे हैरान - विकासनगर थाने

नाबालिग के प्रेम प्रसंग को लव जेहाद का रंग देने के लिए लड़की के घरवालों ने हिंदू लड़के को 'मुस्लिम' बना दिया. लड़की के घरवालों की तहरीर पर लखनऊ पुलिस ने भी किशोर के खिलाफ मुस्लिम नाम से ही मुकदमा दर्ज कर लिया.

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Published : Dec 8, 2022, 9:49 PM IST

लखनऊ : नाबालिग के प्रेम प्रसंग को लव जेहाद का रंग देने के लिए लड़की के घरवालों ने हिंदू लड़के को 'मुस्लिम' (Lucknow police changed Hindu boy religion) बना दिया. लड़की के घरवालों की तहरीर पर लखनऊ पुलिस ने भी किशोर के खिलाफ मुस्लिम नाम से ही मुकदमा दर्ज कर लिया. लड़के के घरवालों को जानकारी हुई तो लड़के की मां दिल्ली से लखनऊ आई. वो पिछ्ले 7 दिनों से लखनऊ में रुककर थाने और जुवेनाइल कोर्ट के चक्कर लगा रही है. मां की तरफ से पेश किए गए तमाम सबूत भी किशोर को हिंदू साबित करने के लिए काफी साबित नहीं हो रहे हैं. अब बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मामले का संज्ञान लेकर विकास नगर थाने की पुलिस को तलब किया है.

नवंबर 2022 को लखनऊ के विकासनगर थाने में एक एफआईआर दर्ज की जाती है. इस एफआईआर में जिस लड़के को आरोपी बनाया जाता है उसके हिंदू व मुस्लिम दो नाम लिखे होते हैं. मामला वादी की 15 साल की बेटी को आरोपी लड़के द्वारा बहला फुसलाकर ले जाने का था. चूंकि एफआईआर में साफ दिख रहा था कि मुस्लिम लड़के ने हिंदू नाम रखकर लड़की को बहलाया और उसे अपने साथ कहीं ले गया. मामला लव जिहाद जैसा दिखा तो पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए बच्ची को दिल्ली से बरामद कर लिया और आरोपी लड़के को लेकर लखनऊ ले आई. हालांकि लड़का प्रथम दृष्टि में नाबालिग लगा, इसलिये उसे बालगृह में दाखिल कर दिया गया.




पुलिस ने जिस लड़के को मुस्लिम बताकर नाबालिग लड़की का अपहरण करने के आरोप में बालगृह में दाखिल किया था, उसकी मां दिल्ली से आकर लखनऊ में विभागों व अधिकारियों के चक्कर लगा रही है और कह रही है कि उसका बेटा मुस्लिम नहीं बल्कि हिंदू है. लड़के की मां ने बताया कि वह दिल्ली की रहने वाली है. उसके पति चपरासी हैं और वह खुद एक ब्यूटी पार्लर में नौकरी करती है. उनके अनुसार वह दलित वर्ग से आती है. 20 नवंबर को उनके घर पर उनका बेटा एक बच्ची को लेकर आया था. बच्ची से पूछा तो उसने खुद को दिल्ली की ही रहने वाली बताया और कहा कि पढ़ाई के सिलसिले से उसे इस तरफ रहना पड़ रहा है. पीजी में नाबालिग को रखते नहीं इसलिये घर पर रहने दीजिये. महिला के मुताबिक, बेटे और उस लड़की के कहने से उसे रहने दिया, लेकिन जब लड़की के बैग की तलाशी ली तो वह लखनऊ की निकली. कड़ाई से पूछताछ करने पर लड़की ने बताया कि उसने लड़के से इंस्टाग्राम में दोस्ती हुई थी. उसे दिल्ली में रहना था इसलिये उसने दोस्त के अकाउंट में 25 हजार रुपए ट्रांसफर कर पीजी लेने के लिए कहा था.


महिला के मुताबिक, कुछ दिन बाद ही लखनऊ से पुलिस आई और उसने उनके लड़के को मुस्लिम बताया और कहा कि उनके बेटे ने बच्ची का लखनऊ जाकर अपहरण किया था. लव जिहाद का आरोप लगाते हुए पुलिस उनके बेटे को लखनऊ ले गई. उसके बाद से वह बेटे की हाईस्कूल की मार्कशीट समेत कई कागज लखनऊ के अधिकारियों को दिखा रही हैं, लेकिन कोई उनके बेटे को हिंदू व नाबालिग मानने को तैयार नहीं है.

राज्य बाल अधिकारी संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ सुचिता चतुर्वेदी कहती हैं कि उन्हें इस बात की हैरानी है कि किसी मामले को सनसनीखेज बनाने के लिए कैसे किसी हिंदू लड़के को मुस्लिम बताया जा सकता है. पुलिस की एक एफआईआर लिखने मात्र से एक दलित बच्चा मुस्लिम बन गया है और उसकी मां अपने बेटे को हिंदू साबित करने में परेशान हो रही है. मामला आयोग के संज्ञान में आया है और हमने विकास नगर थाने व एफआईआर दर्ज करवाने वाले वादिनी को तलब किया है.

वहीं विकासनगर पुलिस से जब इस बाबत बात की गई तो उन्होंने कहा कि वादी की ओर से शिकायत में आरोपी लड़के को मुस्लिम बताया गया था, जिस पर हमने मुकदमा लिख कार्रवाई करते हुए नाबालिग बच्ची को नामजद लड़के के घर से बरामद किया था.

यह भी पढ़ें : शाहजहांपुर में लग्जरी कारों को चुराने वाले गिरोह का खुलासा, दो गिरफ्तार

लखनऊ : नाबालिग के प्रेम प्रसंग को लव जेहाद का रंग देने के लिए लड़की के घरवालों ने हिंदू लड़के को 'मुस्लिम' (Lucknow police changed Hindu boy religion) बना दिया. लड़की के घरवालों की तहरीर पर लखनऊ पुलिस ने भी किशोर के खिलाफ मुस्लिम नाम से ही मुकदमा दर्ज कर लिया. लड़के के घरवालों को जानकारी हुई तो लड़के की मां दिल्ली से लखनऊ आई. वो पिछ्ले 7 दिनों से लखनऊ में रुककर थाने और जुवेनाइल कोर्ट के चक्कर लगा रही है. मां की तरफ से पेश किए गए तमाम सबूत भी किशोर को हिंदू साबित करने के लिए काफी साबित नहीं हो रहे हैं. अब बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मामले का संज्ञान लेकर विकास नगर थाने की पुलिस को तलब किया है.

नवंबर 2022 को लखनऊ के विकासनगर थाने में एक एफआईआर दर्ज की जाती है. इस एफआईआर में जिस लड़के को आरोपी बनाया जाता है उसके हिंदू व मुस्लिम दो नाम लिखे होते हैं. मामला वादी की 15 साल की बेटी को आरोपी लड़के द्वारा बहला फुसलाकर ले जाने का था. चूंकि एफआईआर में साफ दिख रहा था कि मुस्लिम लड़के ने हिंदू नाम रखकर लड़की को बहलाया और उसे अपने साथ कहीं ले गया. मामला लव जिहाद जैसा दिखा तो पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए बच्ची को दिल्ली से बरामद कर लिया और आरोपी लड़के को लेकर लखनऊ ले आई. हालांकि लड़का प्रथम दृष्टि में नाबालिग लगा, इसलिये उसे बालगृह में दाखिल कर दिया गया.




पुलिस ने जिस लड़के को मुस्लिम बताकर नाबालिग लड़की का अपहरण करने के आरोप में बालगृह में दाखिल किया था, उसकी मां दिल्ली से आकर लखनऊ में विभागों व अधिकारियों के चक्कर लगा रही है और कह रही है कि उसका बेटा मुस्लिम नहीं बल्कि हिंदू है. लड़के की मां ने बताया कि वह दिल्ली की रहने वाली है. उसके पति चपरासी हैं और वह खुद एक ब्यूटी पार्लर में नौकरी करती है. उनके अनुसार वह दलित वर्ग से आती है. 20 नवंबर को उनके घर पर उनका बेटा एक बच्ची को लेकर आया था. बच्ची से पूछा तो उसने खुद को दिल्ली की ही रहने वाली बताया और कहा कि पढ़ाई के सिलसिले से उसे इस तरफ रहना पड़ रहा है. पीजी में नाबालिग को रखते नहीं इसलिये घर पर रहने दीजिये. महिला के मुताबिक, बेटे और उस लड़की के कहने से उसे रहने दिया, लेकिन जब लड़की के बैग की तलाशी ली तो वह लखनऊ की निकली. कड़ाई से पूछताछ करने पर लड़की ने बताया कि उसने लड़के से इंस्टाग्राम में दोस्ती हुई थी. उसे दिल्ली में रहना था इसलिये उसने दोस्त के अकाउंट में 25 हजार रुपए ट्रांसफर कर पीजी लेने के लिए कहा था.


महिला के मुताबिक, कुछ दिन बाद ही लखनऊ से पुलिस आई और उसने उनके लड़के को मुस्लिम बताया और कहा कि उनके बेटे ने बच्ची का लखनऊ जाकर अपहरण किया था. लव जिहाद का आरोप लगाते हुए पुलिस उनके बेटे को लखनऊ ले गई. उसके बाद से वह बेटे की हाईस्कूल की मार्कशीट समेत कई कागज लखनऊ के अधिकारियों को दिखा रही हैं, लेकिन कोई उनके बेटे को हिंदू व नाबालिग मानने को तैयार नहीं है.

राज्य बाल अधिकारी संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ सुचिता चतुर्वेदी कहती हैं कि उन्हें इस बात की हैरानी है कि किसी मामले को सनसनीखेज बनाने के लिए कैसे किसी हिंदू लड़के को मुस्लिम बताया जा सकता है. पुलिस की एक एफआईआर लिखने मात्र से एक दलित बच्चा मुस्लिम बन गया है और उसकी मां अपने बेटे को हिंदू साबित करने में परेशान हो रही है. मामला आयोग के संज्ञान में आया है और हमने विकास नगर थाने व एफआईआर दर्ज करवाने वाले वादिनी को तलब किया है.

वहीं विकासनगर पुलिस से जब इस बाबत बात की गई तो उन्होंने कहा कि वादी की ओर से शिकायत में आरोपी लड़के को मुस्लिम बताया गया था, जिस पर हमने मुकदमा लिख कार्रवाई करते हुए नाबालिग बच्ची को नामजद लड़के के घर से बरामद किया था.

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