लखनऊ : बजट से रेल यात्रियों ने बहुत उम्मीदें लगा रखी हैं. सरकार से अपेक्षा है कि इस बजट में रेल यात्रियों की सुविधाओं पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. यात्रियों ने ट्रेन का किराया कम करने की मांग की है. साथही स्टेशन और ट्रेन में साफ-सफाई के साथ ही सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान देने की अपील सरकार से की है. ETV भारत ने रेल बजट पर यात्रियों से पूछा कि सरकार के इस बजट से वे किस तरह की उम्मीद रखते हैं और क्या मांग करते हैं. इस पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त दी है.
![रेल यात्री से बातचीत.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-luc-04-railway-budget-passengers-reaction-7203805_31012021165432_3101f_01835_672.jpg)
कम हो ट्रेनों का किराया
लखनऊ के बादशाहनगर रेलवे स्टेशन से बलरामपुर के लिए सफर करने वाले यात्री शिखर श्रीवास्तव को सरकार से इस बजट में बेहतर करने की उम्मीद है. उनकी मांग है कि सरकार को रेल के किराए में कमी करनी चाहिए. कोविड के चलते ट्रेनों का किराया बढ़ा दिया गया है, उसे कम करने की जरूरत है. साफ सफाई को लेकर उन्होंने कहा, अभी सफाई व्यवस्था ठीक चल रही है, लेकिन आगे भी रखनी चाहिए. ट्रेन में सफर के दौरान महिला सुरक्षा पर सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत होगी.
जनरल काउंटर खोलने की सरकार दे इजाजत
विश्व मोहन भी बादशाहनगर रेलवे स्टेशन से बलरामपुर के लिए ट्रेन पकड़ने पहुंचे थे. ETV भारत से बातचीत में उन्होंने कहा कि कल पेश होने वाले बजट में सबसे पहले यात्रियों के लिए रुटीन ट्रेनें संचालित करने की सरकार को इजाजत देनी चाहिए. जनरल कोच जरूरी है, किराया काफी महंगा है. अभी स्पेशल ट्रेन ही चलाई जा रही हैं. अब वैक्सीन भी आ चुकी है, तो जनरल ट्रेन और जनरल काउंटर ओपन कर देना चाहिए.
![बादशाह नगर](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-luc-04-railway-budget-passengers-reaction-7203805_31012021165432_3101f_01835_887.jpg)
हर कोच में तैनात हो सुरक्षाकर्मी
ट्रेनों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर कोच के अंदर एक सुरक्षाकर्मी तैनात किया जाना चाहिए. इसके अलावा सरकार प्राइवेटाइजेशन को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने कहा कि प्राइवेट ट्रेनों को बढ़ावा न दिया जाए, भारतीय रेल को भारतीय ही रहने दिया जाए, वही ठीक होगा. अभी पुणे स्टेशन को प्राइवेट हाथों में सौंपा गया है, जो बिल्कुल भी सही नहीं है.