ETV Bharat / state

High court News : बाल गृह में बच्चों की मौत का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, राज्य सरकार से किया जवाब तलब - Public interest litigation

बाल गृह में बच्चों की मौत मामले में हाईकोर्ट (High court News) ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने यह आदेश शिवा नाथ मिश्रा की जनहित याचिका पर दिए हैं.

म
author img

By

Published : Feb 17, 2023, 9:18 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय बाल गृह में 10 से 13 फरवरी के बीच हुई बच्चों की मौत के मामले को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. उक्त याचिका पर न्यायालय ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. यह आदेश न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने शिवा नाथ मिश्रा की जनहित याचिका पर दिया.

याचिका में मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए, मामले के जांच का आदेश देने व जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. याचिका में प्रदेश के राजकीय बाल गृहों में यथोचित आधारभूत ढांचा, निधि और सुविधाएं प्रदान करने का आदेश देने की भी मांग की गई है. याचिका में बाल गृहों के बच्चों का ध्यान रखने के लिए विशेष टीम का गठन किए जाने की भी मांग है. याचिका में कहा गया है कि मरने वाले बच्चों में से एक बच्ची मात्र 10-15 दिनों की थी. दूसरी बच्ची मात्र 15 दिनों की व तीसरी बच्ची 16 दिनों की जबकि एक अन्य बच्ची मात्र 20 दिनों की थी.

याचिका में कहा गया है कि डॉक्टरों ने बताया है कि बच्चों को बहुत ही गंभीर अवस्था में अस्पताल ले जाया गया था. कहा गया कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन बाल गृहों की हालत बहुत खराब है. हवा और पानी की उचित व्यवस्था नहीं है और न ही धूप ठीक तरह से बाल गृह के अंदर जा पाती है. दीवारों पर शीलन है. कहा गया है कि स्वयं निदेशक ने स्वीकार किया है कि प्राग नारायण रोड स्थित बाल गृह में संक्रमण की समस्या है. बाल आयोग ने एक सप्ताह पहले जब वहां का दौरा किया था तो उसे भी कई खामियां मिली थीं. आरोप लगाया गया है कि बच्चों के टीके के लिए भी उचित व्यवस्था नहीं है.


यह भी पढ़ें : 'यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास में बम है' इस एक कॉल से उड़ गए दिल्ली और यूपी पुलिस के होश

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय बाल गृह में 10 से 13 फरवरी के बीच हुई बच्चों की मौत के मामले को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. उक्त याचिका पर न्यायालय ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. यह आदेश न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने शिवा नाथ मिश्रा की जनहित याचिका पर दिया.

याचिका में मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए, मामले के जांच का आदेश देने व जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. याचिका में प्रदेश के राजकीय बाल गृहों में यथोचित आधारभूत ढांचा, निधि और सुविधाएं प्रदान करने का आदेश देने की भी मांग की गई है. याचिका में बाल गृहों के बच्चों का ध्यान रखने के लिए विशेष टीम का गठन किए जाने की भी मांग है. याचिका में कहा गया है कि मरने वाले बच्चों में से एक बच्ची मात्र 10-15 दिनों की थी. दूसरी बच्ची मात्र 15 दिनों की व तीसरी बच्ची 16 दिनों की जबकि एक अन्य बच्ची मात्र 20 दिनों की थी.

याचिका में कहा गया है कि डॉक्टरों ने बताया है कि बच्चों को बहुत ही गंभीर अवस्था में अस्पताल ले जाया गया था. कहा गया कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन बाल गृहों की हालत बहुत खराब है. हवा और पानी की उचित व्यवस्था नहीं है और न ही धूप ठीक तरह से बाल गृह के अंदर जा पाती है. दीवारों पर शीलन है. कहा गया है कि स्वयं निदेशक ने स्वीकार किया है कि प्राग नारायण रोड स्थित बाल गृह में संक्रमण की समस्या है. बाल आयोग ने एक सप्ताह पहले जब वहां का दौरा किया था तो उसे भी कई खामियां मिली थीं. आरोप लगाया गया है कि बच्चों के टीके के लिए भी उचित व्यवस्था नहीं है.


यह भी पढ़ें : 'यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास में बम है' इस एक कॉल से उड़ गए दिल्ली और यूपी पुलिस के होश

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.