लखनऊ : नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में फुटपाथ और सड़कों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने और अतिक्रमण रोकने के लिए स्टील की रेलिंग लगाई जाने का फैसला हुआ था. सीएम कार्यालय से भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे, लेकिन स्टील की रेलिंग लगाने की कार्रवाई तक अभी तक शुरू नहीं हो सकी है. इसे पीछे नगर निगम के अधिकारियों की मंशा नेक नहीं नजर आ रही है.
राजधानी लखनऊ में नगर निगम मुख्यालय लालबाग से चंद कदम की दूरी पर ही पूरी तरह से अवैध अतिक्रमण दिखता ह. यहां पर कार बाजार संचालन करने वाले व्यापारियों की मनमानी के आगे नगर निगम के अधिकारी मेहरबान हैं. जब नगर निगम कार्यालय के आसपास अतिक्रमण के खिलाफ डंडा नहीं चल पा रहा है तो शहर की स्थिति क्या सुधरेगी. यहां दुकानों के सामने और चौराहे के 50 मीटर के दायरे तक स्टील की रेलिंग लगाने के दिशा निर्देश जारी हुए थे, लेकिन यह सब दावे बैठकबाजी तक सीमित है.
खास बात यह है कि लखनऊ में शासन सत्ता के नाक के नीचे नगर निगम के अधिकारी शहर को अतिक्रमण मुक्त कराने में अनदेखी कर रहे हैं और कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं. खास बात यह है कि अतिक्रमण के खिलाफ सेना के एक रिटायर्ड कर्नल की अध्यक्षता में इंफोर्समेंट टास्क फोर्स का गठन भी किया गया था. इसके बाद कार्रवाई के नाम पर सिर्फ छोटी छोटी दुकानें ठेले खोमचे वालों के खिलाफ कार्रवाई अभियान से किनारा कर लिया गया.
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फुटपाथ और ओवरब्रिज के नीचे अतिक्रमण बेशुमार, नगर निगम का प्रवर्तन दस्ता भी लाचार