लखनऊ : लखनऊ नगर निगम की मलिन बस्तियों का कायाकल्प होगा. इन्हें पीपीपी मॉडल पर विकास किया जाएगा. यहां झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे गरीबों को पक्के आवास उपलब्ध कराए जाएंगे. साथ ही जमीन का व्यावसायिक इस्तेमाल भी हो सकेगा. नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह की अध्यक्षता में गठित नगर स्तरीय तकनीकि समिति ने मंगलवार को बैठक की. समिति ने चिन्हित मलिन बस्ती विनायकपुरम एवं कुड़ियाघाट का सीमांकन, सूची सत्यापन कराने के लिए अवगत कराया.
बैठक के बाबत जारी विज्ञप्ति के अनुसार नगर आयुक्त ने पूछा कि नगर निगम के क्षेत्र में कितनी मलिन बस्तियों का सर्वे किया गया है. किस आधार पर विनायकपुरम, कुडियाघाट एवं से.-23 इन्दिरानगर मलिन बस्ती को चिन्हित किया गया. परियोजना अधिकारी डूडा ने बताया कि 107 मलिन बस्तियों का सर्वे भूमि का प्रकार, भूमि क्षेत्रफल एवं जनसंख्या के आधार पर किया गया है. इसके बाद मलिन बस्ती विनायकपुरम, कुडियाघाट एवं से.-23 इन्दिरानगर को योजनान्तर्गत क्रियान्वयन के लिए चिन्हित किया गया है. मलिन बस्ती कुडियाघाट एवं से०-23. इन्दिरानगर का भू-स्वामित्व की पुष्टि करने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण एवं जल निगम को गाटा संख्या उपलब्ध कराए ताकि उक्त मलिन बस्तियों का भू-स्वामित्व स्पष्ट किया जा सके. मलिन बस्ती विनायकपुरम का स्वामित्व प्रान्तीय खंड लोक निर्माण विभाग का है. इस योजना के लिए चयनित किया गया है. नीति के तहत स्लम घोषित किए जाने तथा उसको अधिसूचित किए जाने के उपरान्त स्लम की भूमि सम्बन्धित विभाग को अनिवार्य रूप से सम्बन्धित शहरी खानीय निकाय को नि:शुल्क उपलब्ध कराना होगा. इस बस्ती में बड़ी संख्या में झुग्गी झोपड़ी बनाकर गरीब परिवार रहते हैं.
नगर आयुक्त ने निर्देश दिए गए कि उक्त चिन्हित मलिन बस्तियों का सीमांकन एवं सर्वे राजस्व विभाग, नगर निगम लखनऊ विकास प्राधिकरण एवं वह विभाग जिसकी भूमि है कि संयुक्त टीम से करा लिया जाए. शहर में स्थित सभी मलिन बस्तियों का सर्वे शर्तों के अनुसार कराया जाए. इसके लिए जोनवार, वार्डवार टीम का गठन किया जाए. टीम में सम्बन्धित क्षेत्र के अपर नगर मजिस्ट्रेट, लखनऊ, लखनऊ विकास प्राधिकरण से सम्बन्धित क्षेत्र के जोनल अधिकारी, नगर निगम, लखनऊ सम्बन्धित जोन के जोनल अधिकारी एवं ऐसे प्राइवेट एनजीओ जो मलिन बस्ती की जानकारी रखते हो का प्रतिनिधि को सदस्य के रूप में नामित किया जाए. इत्तके अतिरिक्त आयुक्त द्वारा यह भी निर्देश दिए गए कि लखनऊ विकास प्राधिकरण, लखनऊ एवं नगर निगम, अपने स्तर से उपयुक्त मलिन बस्तियों का सर्वे कराते हुए सूचना उपलब्ध कराएं. बैठक में मौजूद प्रोफेसर अरुण कुमार भारती, विभागाध्यक्ष समाज कार्य विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय ने बताया कि समाज कार्य विभाग के छात्रों के सहयोग से मलिन बस्तियों के सर्वे कराने में सहायता ली जा सकती है. संजय माथुर, वास्तुविद अर्बन प्लानिंग हाउसिंग एक्सपर्ट ने बताया शहर में 6 आर्किटेक्ट के विद्यालय हैं जिनके छात्रों से भी मलिन बस्तियों का सर्वे कराया जाया सकता है.
जमीन कब्जा मुक्त कराई गई : नगर निगम में प्रवर्तन अधिकारी कर्नल सत्येन्द्र सिंह के नेतृत्व में मंगलवार को अवैध कब्जेदारों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाया गया. पीजीआई क्षेत्र में मौजूद नगर निगम की करीब 15 हजार वर्ग फीट जमीन कब्जा मुक्त कराई गई. ग्राम कल्ली पश्चिम, तहसील-सरोजनीनगर क्षेत्र में नगर निगम की लगभग 15 हजार वर्ग फीट जमीन, जिसकी खसरा संख्या 425, 426 व 430 है और जिसका बाजारू मूल्य तकरीबन 3 करोड़ 75 लाख है. उक्त भूमि पर मोहमद शमशाद, एमआई बेग एवं विनोद मौर्य की ओर से प्लाटिंग व बाउण्ड्रीवाल बनवाई गई थी. उक्त खसरा संख्या 425 व 430 अभिलेखों में बंजर दर्ज है व 426 अभिलेखों में पुरानी परती दर्ज है. यह जमीन नगर निगम में निहित है. मंगलवार को वृहद अभियान चलाकर नगर निगम की भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया. अभियान जोनल अधिकारी जोन 8 अजीत राय, सन्तोष टीएस जोन-8, लेखपाल प्रशान्त सिंह, ईटीएफ टीम ने संबंधित थाने की पुलिस के सहयोग से चलाया.
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