लखनऊ: नगर आयुक्त अजय द्विवेदी के निर्देश पर लखनऊ नगर निगम ने गृहकर के बड़े बकायेदारों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है. इस अभियान के तहत बकाया टैक्स ना जमा करने वाले भवनों को सील भी किया जा रहा है.
जोन 7 चला टैक्स वसूली ऑपरेशन
लखनऊ नगर निगम के इस अभियान के अंतर्गत बुधवार को जोन 7 में जोनल अधिकारी चंद्रशेखर यादव के नेतृत्व में टैक्स वसूली ऑपरेशन चलाया गया. इस अभियान के तहत लाल बहादुर शास्त्री द्वितीय वार्ड में सहारा शॉपिंग सेंटर में दुकान नंबर 128 पर 1 लाख 13 हजार, 505 बकाया होने के कारण उसे सील कर दिया गया. इस अभियान के अंतर्गत जोन 7 में सुल्ताना जमा करने वाले 14 भवनों को सील किया गया. इसके साथ ही तीन अन्य भवन मालिकों से मौके पर 3 लाख 15 हजार का बकाया टैक्स वसूला गया.
जोन 6 में भी चला अभियान
नगर निगम द्वारा चलाए गए इस अभियान के अंतर्गत जॉन 6 में जोनल अधिकारी अंबी बिष्ट के नेतृत्व में अभियान चलाया गया. इस अभियान के अंतर्गत दौलतगंज वार्ड में 7 बड़े बकायेदारों द्वारा शुल्क ना जमा किए जाने के कारण इनके भवनों को सील किया गया.
नगर निगम की जेसीबी से बालक चोटिल
वहीं नगर निगम द्वारा चलाए गए सफाई अभियान के अंतर्गत जोन 6 में जेसीबी चालक की लापरवाही से मोटरसाइकिल सवार बालक घायल हो गया. जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस बारे में जोनल अधिकारी ने बताया कि, बच्चे को हल्की चोट लगी है और उसका इलाज नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा कराया जा रहा है.
जोन 7 में बत्ती गुल मोबाइल की रोशनी में हो रहा काम
वहीं, बुधवार को नगर निगम के जोन 7 कार्यालय में बिजली गुल रही और मजबूरी में यहां के कर्मचारियों ने मोबाइल फोन की रोशनी में दिनभर काम किया. इस बारे में जोनल अधिकारी ने कहा कि, जनरेटर लगाने की व्यवस्था की जा रही है और 15 दिन के भीतर जनरेटर लगा दिया जाएगा. जिससे किसी भी कर्मचारी को अंधेरे में काम नहीं करना पड़ेगा.
311 स्मार्ट सिटी ऐप का विरोध
नगर निगम में कर्मचारियों की अटेंडेंस के लिए 311 स्मार्ट सिटी ऐप लागू किया है. इस सॉफ्टवेयर से नगर निगम के कर्मचारियों को ऑनलाइन अटेंडेंस भरना है और सभी कर्मचारियों को इस ऐप्लीकेशन को अपने मोबाइल में डाउनलोड भी करना है. इसको लेकर लखनऊ नगर निगम कर्मचारी नाराज हैं. कर्मचारियों ने नगर आयुक्त को पत्र देकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को इस परिधि से बाहर किए जाने की मांग की है. इसके साथ ही कर्मचारियों के कार्य अवधि सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित करने की मांग की. कर्मचारियों का कहना है कि उपस्थिति दर्ज के नाम पर नगर निगम पैसे की बर्बादी कर रहा है.