लखनऊ: गोमती नगर विस्तार सहित राजधानी के कई क्षेत्र जो पिछले दिनों नगर निगम सीमा क्षेत्र में शामिल हुए हैं, उनमें नगर निगम ने हाउस टैक्स लगा नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. इन क्षेत्रों में नगर निगम न तो अभी कोई सुविधा उपलब्ध करा रहा है और न ही विकास कार्य कर रहा है. लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने इसकी मुख्यमंत्री से शिकायत की है.
नहीं विकसित की गई बुनियादी सुविधाएं
उमाशंकर दुबे ने कहा कि क्षेत्र में सीवर, नाला, पानी, सड़क और बिजली सहित उन तमाम बुनियादी सुविधाओं से पूरी तरह विकसित नहीं किया गया है और न ही क्षेत्र को नगर निगम को हैंडओवर किया गया हैं ऐसे में नगर निगम हाउस टैक्स कैसे ले सकता है, जबकि नगर निगम वहां अभी कोई सुविधा भी नहीं दे रहा है. उमाशंकर दुबे ने नगर निगम पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए नगर निगम सीमा में शामिल करती है न कि वहां के लोगों के शोषण करने के लिए.
पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम-1959 के सेक्शन 177 ज में साफ लिखा है कि 'हाउस टैक्स तभी लिया जा सकता जब उक्त क्षेत्र का पूरा विकास जैसे सड़क, सीवर, नाला, बिजली, पानी आदि की व्यवथा हो गई हो. या फिर नगर निगम सीमा में आए 5 साल हो गया हो 'जबकिं ऐसी स्थिति में दोनों नहीं हुआ है'.
विकास कर रहा है एलडीए, बिल भेज रहा नगर निगम
उमाशंकर दुबे का कहना है कि ताजा मामला गोमती नगर विस्तार सेक्टर-5 एमआई अपार्टमेन्ट का है, जहां नगर निगम लखनऊ ने आवंटियों को फ्लैट नम्बर के हिसाब से हाउस टैक्स का बकाया बिल के साथ बिल भेज दिया है. यहां का विकास लखनऊ विकास प्राधिकरण अभी कर रहा है, जिसका विकास शुल्क भी लिया गया है.