लखनऊ: लखनऊ नगर निगम भले ही दावे करता हो कि नगर निगम के अतिरिक्त कहीं पर भी अवैध रूप से पार्किंग संचालित की जाएगी तो उन ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बावजूद इसके राजधानी लखनऊ के कई बाजार, बैंक, कमर्शियल स्थानों पर अवैध पार्किंग के नाम पर जनता से शुल्क वसूला जा रहा है. जिसके कारण जनता को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
राजधानी के बादशाहनगर, महानगर, शाहनजफ रोड, अलीगंज, कपूरथला जैसे स्थानों पर नगर निगम की शह पर अवैध पार्किंग संचालित की जाती है. यहां पर न तो लोगों को नगर निगम की पर्चियां दी जाती हैं और न ही उसका कोई ठेका होता है. यही कारण है कि जब कोई भी व्यक्ति पार्किंग शुल्क देने के नाम पर उलझता है, तो यह लोग उस व्यक्ति से पार्किंग शुल्क भी नहीं लेते हैं. इसके साथ ही कई बैंक व कमर्शियल स्थान पर भी पार्किंग शुल्क वसूला जाता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं इस बारे में अपर नगर आयुक्त अमित कुमार का कहना है कि लखनऊ नगर निगम की टीम के पास स्थाई पार्किंग हैं. इसके साथ ही 11 पार्किंग लखनऊ विकास प्राधिकरण से हैंडोवर होनी है. अपर नगर आयुक्त ने बताया कि लखनऊ नगर निगम की सीमा में 150 ऐसे स्थल चिन्हित किए गए हैं. जहां पर नगर निगम द्वारा पार्किंग संचालित की जाती है और संचालित होने वाली पार्किंग में लोगों को पर्चियां भी दी जाती हैं. इसके साथ ही यदि कहीं पर भी अवैध पार्किंग संचालित किए जाने की जानकारी मिलती है, तो संबंधित ठेकेदार व लोगों के विरुद्ध मुकदमा भी पंजीकृत कराया जाता है.
नगर निगम बढ़ा रहा पार्किंग के विस्तार की प्रक्रिया
अपर नगर आयुक्त अमित कुमार का कहना है कि नगर निगम राजधानी में और पार्किंग के विस्तार की योजना बना रहा है. इसके साथ ही पार्किंग से वसूले जाने वाले शुल्क को लेकर भी बैठक कर दरें निर्धारित कर रहा है. यह दरें सार्वजनिक की जाएगी, जिसके बाद जनता के आने वाले फीडबैक व आपत्तियों के आधार पर इसे फाइनल टच दिया जाएगा.
लखनऊ नगर निगम नो पार्किंग जोन में खड़ी होने वाली गाड़ियों के विरुद्ध अभियान चलाया हुआ है. इस अभियान के तहत लगातार गाड़ियों से 1000 का शुल्क भी वसूला जा रहा है. इस अभियान का मुख्य मकसद यह है कि लखनऊ की ट्रैफिक व्यवस्था को सही किया जा सके. जिससे आए दिन लगने वाले जाम से निजात मिल सके.