लखनऊ : शहर में जब से मेट्रो का संचालन शुरू हुआ है, तब से तकनीकी खराबी के चलते कई बार मेट्रो के पहिए थम गए. इसके कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. गुरुवार को एक बार फिर मेट्रो में तकनीकी खराबी आ गई, जिससे तकरीबन 45 मिनट तक मेट्रो खड़ी हो गई. दरवाजे न खुलने से यात्रियों में हड़कंप मच गया. मेट्रो कारपोरेशन की इंजीनियरिंग टीम ने मौके पर पहुंचकर तकनीकी खामी दुरुस्त की और मेट्रो सेवा बहाल की.
यात्रियों ने ट्रेन में किया हंगामा
लखनऊ विश्वविद्यालय पर 45 मिनट तक लखनऊ मेट्रो खड़ी रही तो हुसैनगंज स्टेशन पर भी इतनी ही देर तक मेट्रो का संचालन बाधित रहा. अचानक मेट्रो के पहिए थम जाने से यात्री परेशान हो गए. कुछ देर तक तो उन्होंने इंतजार किया लेकिन जब मेट्रो के दरवाजे नहीं खुले तो हंगामा करना शुरू कर दिया. कई यात्रियों ने कारपोरेशन के अधिकारियों से संपर्क कर तत्काल तकनीकी खामी दुरुस्त कराने की मांग की. मौके पर पहुंची इंजीनियरिंग टीम ने किसी तरह 45 मिनट तक जूझकर मेट्रो को फिर से संचालित किया, तब जाकर हंगामा कर रहे यात्री शांत हुए.
मेट्रो कॉर्पोरेशन पर उठने लगे सवाल
बता दें कि पहले भी कई बार तकनीकी खराबी के कारण लखनऊ मेट्रो खड़ी हो चुकी है. ऐसा पहली बार हुआ है, जब इतने ज्यादा समय के लिए लखनऊ मेट्रो की रफ्तार थम गई. बार-बार खराब होती मेट्रो को लेकर यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन पर भी सवालिया निशान लगने लगे हैं. मेट्रो से जुड़े लोगों ने बताया कि पहले मेट्रो में आई तकनीकी खराबी की वजह पहले यो ओएचई को माना जा रहा था, लेकिन जब इंजीनियरों ने मेट्रो की खराबी को दुरुस्त करना शुरू किया तो पता चला कि ट्रेन के अंदर ही कुछ दिक्कत हो गई थी. इसे दुरुस्त करने में 40 मिनट से ज्यादा का समय लग गया.
पहली बार 45 मिनट तक थमी लखनऊ मेट्रो की रफ्तार - 45 मिनट तक मेट्रो खड़ी हो गई
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बार फिर मेट्रो में तकनीकी खराबी आ गई, जिससे तकरीबन 45 मिनट तक मेट्रो खड़ी हो गई. दरवाजे न खुलने से यात्रियों में हड़कंप मच गया. मेट्रो कारपोरेशन की इंजीनियरिंग टीम ने मौके पर पहुंचकर तकनीकी खामी दुरुस्त की और मेट्रो सेवा बहाल की.
लखनऊ : शहर में जब से मेट्रो का संचालन शुरू हुआ है, तब से तकनीकी खराबी के चलते कई बार मेट्रो के पहिए थम गए. इसके कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. गुरुवार को एक बार फिर मेट्रो में तकनीकी खराबी आ गई, जिससे तकरीबन 45 मिनट तक मेट्रो खड़ी हो गई. दरवाजे न खुलने से यात्रियों में हड़कंप मच गया. मेट्रो कारपोरेशन की इंजीनियरिंग टीम ने मौके पर पहुंचकर तकनीकी खामी दुरुस्त की और मेट्रो सेवा बहाल की.
यात्रियों ने ट्रेन में किया हंगामा
लखनऊ विश्वविद्यालय पर 45 मिनट तक लखनऊ मेट्रो खड़ी रही तो हुसैनगंज स्टेशन पर भी इतनी ही देर तक मेट्रो का संचालन बाधित रहा. अचानक मेट्रो के पहिए थम जाने से यात्री परेशान हो गए. कुछ देर तक तो उन्होंने इंतजार किया लेकिन जब मेट्रो के दरवाजे नहीं खुले तो हंगामा करना शुरू कर दिया. कई यात्रियों ने कारपोरेशन के अधिकारियों से संपर्क कर तत्काल तकनीकी खामी दुरुस्त कराने की मांग की. मौके पर पहुंची इंजीनियरिंग टीम ने किसी तरह 45 मिनट तक जूझकर मेट्रो को फिर से संचालित किया, तब जाकर हंगामा कर रहे यात्री शांत हुए.
मेट्रो कॉर्पोरेशन पर उठने लगे सवाल
बता दें कि पहले भी कई बार तकनीकी खराबी के कारण लखनऊ मेट्रो खड़ी हो चुकी है. ऐसा पहली बार हुआ है, जब इतने ज्यादा समय के लिए लखनऊ मेट्रो की रफ्तार थम गई. बार-बार खराब होती मेट्रो को लेकर यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन पर भी सवालिया निशान लगने लगे हैं. मेट्रो से जुड़े लोगों ने बताया कि पहले मेट्रो में आई तकनीकी खराबी की वजह पहले यो ओएचई को माना जा रहा था, लेकिन जब इंजीनियरों ने मेट्रो की खराबी को दुरुस्त करना शुरू किया तो पता चला कि ट्रेन के अंदर ही कुछ दिक्कत हो गई थी. इसे दुरुस्त करने में 40 मिनट से ज्यादा का समय लग गया.