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केजीएमयू के कुलपति ने कहा-टीबी से पीड़ित मरीज घबराएं नहीं, सब्र के साथ नियमित दवा खाएं

विश्व क्षय रोग दिवस के उपलक्ष्य में मंगलवार को केजीएमयू के पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में आयोजित कार्यक्रम में कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि टीबी होने की दशा में घबराने की जरूरत नहीं है. यह बीमारी पूरी तरह क्योरबेल है. दवाओं के नियमित सेवन और पौष्टिक खानपान से मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है.

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Published : Mar 21, 2023, 6:19 PM IST

केजीएमयू के कुलपति ने कहा-टीबी से पीड़ित मरीज घबराएं नहीं, सब्र के साथ नियमित दवा खाएं.

लखनऊ : विश्व क्षय रोग दिवस हर साल 24 मार्च को एक जागरूकता के तौर पर मनाया जाता है. यह एक भयानक बीमारी है जबकि क्योरबेल हैं. टीबी कभी कभी डायग्नोस करना मुश्किल हो जाता हैं. इसमें दिक्कतें आई हैं. इसमें इलाज लंबा होता हैं. कुछ लोग पैसों की कमी के कारण कोर्स पूरा नहीं कर पाते हैं. सरकार की मुहिम है कि वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त देश बनाना है.

केजीएमयू के कुलपति ने कहा-टीबी से पीड़ित मरीज घबराएं नहीं, सब्र के साथ नियमित दवा खाएं
केजीएमयू के कुलपति ने कहा-टीबी से पीड़ित मरीज घबराएं नहीं, सब्र के साथ नियमित दवा खाएं

यह बातें मंगलवार को केजीएमयू कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी ने पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में आयोजित विश्व क्षय रोग दिवस के मौके पर कहीं. उन्होंने कहा कि इसके लिए उत्तर प्रदेश में भी इस अभियान को लागू किया गया है. केजीएमयू और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गांव को गोद लिया है. इसके अलावा टीबी से पीड़ित बच्चों को भी गोद लिया है. ताकि उनका इलाज बेहतर तरीके से मिल सके. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा चैलेंज यह है कि इसका इलाज काफी लंबा है. कई बार मरीज हताश हो जाते हैं और बीच में ही इलाज छोड़ देते हैं या फिर किसी मजबूरी के चलते इलाज पूरा नहीं हो पाता है. इस बीमारी के बचाव के लिए सब्र सबसे अहम है. इसलिए मरीजों को घबराने की बजाय नियमित रूप से दवाओं और चिकित्सकों के बताए गए भोजन को ग्रहण करना चाहिए.

केजीएमयू के कुलपति ने कहा-टीबी से पीड़ित मरीज घबराएं नहीं, सब्र के साथ नियमित दवा खाएं
केजीएमयू के कुलपति ने कहा-टीबी से पीड़ित मरीज घबराएं नहीं, सब्र के साथ नियमित दवा खाएं



पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने कहा कि टीबी के खिलाफ 'टीबी मुक्त अभियान' भारत सरकार का मुहिम है. अगर किसी घर में एक सदस्य को टीबी है तो बाकी सदस्यों को भी होने का खतरा रहता है. इसके लिए भी दवा उपलब्ध है. बस जरूरत है जागरूकता की. इसीलिए समय-समय पर पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग की ओर से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं.

यह भी पढ़ें : उमेश पाल हत्याकांड में शाइस्ता परवीन और असद अहमद के खिलाफ जारी हो सकता है लुकआउट नोटिस

केजीएमयू के कुलपति ने कहा-टीबी से पीड़ित मरीज घबराएं नहीं, सब्र के साथ नियमित दवा खाएं.

लखनऊ : विश्व क्षय रोग दिवस हर साल 24 मार्च को एक जागरूकता के तौर पर मनाया जाता है. यह एक भयानक बीमारी है जबकि क्योरबेल हैं. टीबी कभी कभी डायग्नोस करना मुश्किल हो जाता हैं. इसमें दिक्कतें आई हैं. इसमें इलाज लंबा होता हैं. कुछ लोग पैसों की कमी के कारण कोर्स पूरा नहीं कर पाते हैं. सरकार की मुहिम है कि वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त देश बनाना है.

केजीएमयू के कुलपति ने कहा-टीबी से पीड़ित मरीज घबराएं नहीं, सब्र के साथ नियमित दवा खाएं
केजीएमयू के कुलपति ने कहा-टीबी से पीड़ित मरीज घबराएं नहीं, सब्र के साथ नियमित दवा खाएं

यह बातें मंगलवार को केजीएमयू कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी ने पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में आयोजित विश्व क्षय रोग दिवस के मौके पर कहीं. उन्होंने कहा कि इसके लिए उत्तर प्रदेश में भी इस अभियान को लागू किया गया है. केजीएमयू और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गांव को गोद लिया है. इसके अलावा टीबी से पीड़ित बच्चों को भी गोद लिया है. ताकि उनका इलाज बेहतर तरीके से मिल सके. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा चैलेंज यह है कि इसका इलाज काफी लंबा है. कई बार मरीज हताश हो जाते हैं और बीच में ही इलाज छोड़ देते हैं या फिर किसी मजबूरी के चलते इलाज पूरा नहीं हो पाता है. इस बीमारी के बचाव के लिए सब्र सबसे अहम है. इसलिए मरीजों को घबराने की बजाय नियमित रूप से दवाओं और चिकित्सकों के बताए गए भोजन को ग्रहण करना चाहिए.

केजीएमयू के कुलपति ने कहा-टीबी से पीड़ित मरीज घबराएं नहीं, सब्र के साथ नियमित दवा खाएं
केजीएमयू के कुलपति ने कहा-टीबी से पीड़ित मरीज घबराएं नहीं, सब्र के साथ नियमित दवा खाएं



पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने कहा कि टीबी के खिलाफ 'टीबी मुक्त अभियान' भारत सरकार का मुहिम है. अगर किसी घर में एक सदस्य को टीबी है तो बाकी सदस्यों को भी होने का खतरा रहता है. इसके लिए भी दवा उपलब्ध है. बस जरूरत है जागरूकता की. इसीलिए समय-समय पर पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग की ओर से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं.

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