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आईवीएफ सेंटर को मिलेगा पांच साल का लाइसेंस, जानिए किसको मिलेगी सहूलियत

आईवीएफ सेंटर संचालकों की सहूलियत के लिए पांच साल के लिए लाइसेंस जारी करने का फैसला किया गया है. राजधानी लखनऊ में करीब 25 आईवीएफ सेंटर हैं.

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Published : May 17, 2023, 8:54 PM IST

लखनऊ : आईवीएफ सेंटर के संचालनों के नियमों में बदलाव किया गया है. अब एक साल के बजाए आईवीएफ सेंटर को पांच साल के लिए लाइसेंस प्रदान किया जाएगा. लखनऊ में करीब 25 आईवीएफ सेंटर चल रहे हैं. अभी इन सेंटरों को एक साल के लिए लाइसेंस जारी किया जाता था. उसके बाद हर साल लाइसेंस का नवीनीकरण कराना पड़ता था. सेंटर संचालकों की सहूलियत के लिए पांच साल के लिए लाइसेंस जारी करने का फैसला किया गया है. साथ ही पंजीकरण की फीस भी मुकर्रर की गई है. लेवल-1 स्तर के सेंटर को 50 हजार रुपये बतौर फीस चुकानी होगी. जबकि लेवल-2 स्तर के सेंटरों को दो लाख रुपये शुल्क जमा करना होगा. इसके अलावा एआरटी बैंक के पंजीकरण के लिए 50 हजार रुपये फीस अदा करनी होगी. सीएमओ कार्यालय में पंजीकरण के लिए डॉक्टर से लेकर दूसरे मानकों से जुड़े दस्तावेज भी जमा करने होंगे.

जल्द चलेगा पोलियो अभियान

स्वास्थ्य विभाग ने आठ महीने बाद फिर से पल्स पोलियो अभियान चलाने जा रहा है. पल्स पोलियो अभियान 28 मई से शुरू होगा. जिसे एक सप्ताह अभियान चलाने का प्रस्ताव है. इसमें पांच साल तक के सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी. अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमके सिंह ने बताया कि लखनऊ जनपद में हालांकि पोलियो का एक भी मामला नहीं है, जबकि कुछ पड़ोसी देशों में अभी भी पोलियो के केस निकल रहे हैं. लोगों का आवागमन बढ़ा है. ऐसे में पोलियो संक्रमण को रोकने के लिए दवा पिलाने का अभियान शुरू किया जा रहा है.

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि लखनऊ में करीब सात लाख 13 हजार बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी. पहले दिन बूथ पर दवा पिलाई जाएगी. छूटे बच्चों को स्वास्थ्य कर्मियों की टीम डोर-टू-डोर जाकर दवा पिलाएगी. उन्होंने बताया कि यह अतिरिक्त अभियान चलाया जा रहा है. इससे पहले सितंबर 2022 में अभियान चलाया गया है. उन्होंने बताया कि माता पिता अपने पांच साल तक के बच्चों को पोलियो की दवा जरूर पिलाएं.

यह भी पढ़ें : जागरूकता की कमी के कारण होता है एचआईवी, लखनऊ में है जांच और इलाज की सुविधा

लखनऊ : आईवीएफ सेंटर के संचालनों के नियमों में बदलाव किया गया है. अब एक साल के बजाए आईवीएफ सेंटर को पांच साल के लिए लाइसेंस प्रदान किया जाएगा. लखनऊ में करीब 25 आईवीएफ सेंटर चल रहे हैं. अभी इन सेंटरों को एक साल के लिए लाइसेंस जारी किया जाता था. उसके बाद हर साल लाइसेंस का नवीनीकरण कराना पड़ता था. सेंटर संचालकों की सहूलियत के लिए पांच साल के लिए लाइसेंस जारी करने का फैसला किया गया है. साथ ही पंजीकरण की फीस भी मुकर्रर की गई है. लेवल-1 स्तर के सेंटर को 50 हजार रुपये बतौर फीस चुकानी होगी. जबकि लेवल-2 स्तर के सेंटरों को दो लाख रुपये शुल्क जमा करना होगा. इसके अलावा एआरटी बैंक के पंजीकरण के लिए 50 हजार रुपये फीस अदा करनी होगी. सीएमओ कार्यालय में पंजीकरण के लिए डॉक्टर से लेकर दूसरे मानकों से जुड़े दस्तावेज भी जमा करने होंगे.

जल्द चलेगा पोलियो अभियान

स्वास्थ्य विभाग ने आठ महीने बाद फिर से पल्स पोलियो अभियान चलाने जा रहा है. पल्स पोलियो अभियान 28 मई से शुरू होगा. जिसे एक सप्ताह अभियान चलाने का प्रस्ताव है. इसमें पांच साल तक के सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी. अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमके सिंह ने बताया कि लखनऊ जनपद में हालांकि पोलियो का एक भी मामला नहीं है, जबकि कुछ पड़ोसी देशों में अभी भी पोलियो के केस निकल रहे हैं. लोगों का आवागमन बढ़ा है. ऐसे में पोलियो संक्रमण को रोकने के लिए दवा पिलाने का अभियान शुरू किया जा रहा है.

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि लखनऊ में करीब सात लाख 13 हजार बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी. पहले दिन बूथ पर दवा पिलाई जाएगी. छूटे बच्चों को स्वास्थ्य कर्मियों की टीम डोर-टू-डोर जाकर दवा पिलाएगी. उन्होंने बताया कि यह अतिरिक्त अभियान चलाया जा रहा है. इससे पहले सितंबर 2022 में अभियान चलाया गया है. उन्होंने बताया कि माता पिता अपने पांच साल तक के बच्चों को पोलियो की दवा जरूर पिलाएं.

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