लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल में आकस्मिक चिकित्सा मिलने में देरी होने के मामले को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संज्ञान में लिया. दरअसल बीते दिन रविवार को अस्पताल की इमरजेंसी में मरीज को लाया गया था. इस दौरान मरीज को समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण निजी संचालक द्वारा सरकारी स्ट्रेचर का प्रयोग कर प्राइवेट एंबुलेंस के माध्यम से मरीज को अन्य अस्पताल ले जाने का मामला सामने आया था. बलरामपुर अस्पताल में हुए इस मामले को स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक में संज्ञान में ले लिया है. उन्होंने इस मामले में दो दिन के अंदर स्पष्टीकरण सहित विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. इसके अलावा उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि रिपोर्ट प्राप्त होने पर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल बाराबंकी का रहने वाला सैफ (25) हादसे में जख्मी हो गया था. सिर में गंभीर चोट होने पर तीमारदार पहले मरीज को केजीएमयू ट्रॉमा ले गए. वहां पर जांच पड़ताल बाद मरीज को बेड खाली न होने का हवाला देकर बलरामपुर अस्पताल भेजा गया. सरकारी एंबुलेंस दोपहर करीब एक बजे मरीज को लेकर इमरजेंसी पहुंची. आरोप है यहां पर मरीज की हालत गंभीर बताई गई. आरोप है निजी अस्पताल के दलाल ने बेहतर इलाज का झांसा देकर निजी अस्पताल ले जाने की सलाह दी. तीमारदार भी इलाज कराने को राजी हो गए. एंबुलेंस भी अस्पताल के गेट पर आकर लग गई. तीमारदार स्ट्रेचर पर लादकर उसे गेट तक लाए. वहां से मरीज को निजी एंबुलेंस में शिफ्ट करके ले गए. इस पूरे मामले का वीडियो कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया पर वॉयरल होने लगा. अस्पताल प्रशासन पहले मामले में लीपापोती में जुटा रहा. दबाव आने पर मामले की जांच की बात कही.