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प्रॉपर्टी डीलर अपहरण मामले में अतीक अहमद के बेटे उमर को कोर्ट ने किया तलब

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Published : Aug 27, 2022, 9:43 PM IST

प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल अपहरण मामले में कोर्ट ने अतीक अहमद के बेटे उमर को जेल से तलब किया है. अदालत से फरारी की उद्घोषणा व गिरफ्तारी का आदेश जारी होने के बाद मोहम्मद उमर ने 23 अगस्त को आत्म समर्पण किया था.

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जिला एवं सत्र न्यायालय

लखनऊः प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल का अपहरण कर लखनऊ से देवरिया जेल ले जाने, उसके साथ मारपीट करने के मामले में माफिया अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद उमर को सीबीआई ने शनिवार को अभियोजन प्रपत्रों की प्रतियां प्राप्त करा दीं. इसके बाद सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने मुकदमे को सत्र अदालत को सुपुर्द करने के लिए 7 सितम्बर की तिथि नियत की है. कोर्ट ने इस दिन मोहम्मद उमर को जेल से तलब भी किया है.

अदालत से फरारी की उद्घोषणा व गिरफ्तारी का आदेश जारी होने के बाद मोहम्मद उमर ने 23 अगस्त को आत्मसमर्पण किया था. इस मामले में अतीक अहमद समेत अन्य कई लोगों का मामला विचारण के लिए पहले ही सत्र अदालत भेजा जा चुका है. अदालती पत्रावली के अनुसार 28 दिसंबर 2018 को प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल ने कृष्णा नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि देवरिया जेल में बंद अतीक अहमद ने अपने गुर्गों के जरिए गोमती नगर स्थित उसके ऑफिस से उसका अपहरण करवा लिया.

पढ़ेंः अजीत सिंह हत्याकांड: हाई कोर्ट ने तेज प्रताप सिंह उर्फ प्रिंस की जमानत याचिका खारिज की

रिपोर्ट में कहा गया कि अपहरण के बाद उसे देवरिया जेल लेकर गए, जहां अतीक अहमद ने जेल में उसके साथ मारपीट की तथा उससे सादे पन्ने पर दस्तखत करने को कहा था. आरोप है कि जब उसने दस्तखत करने से इंकार किया तब अतीक अहमद, उसके बेटे उमर तथा गुरफान, फारुख, गुलाम व इरफान ने मिलकर उसे बुरी तरह से तमंचे व लोहे की रॉड तथा पट्टे से पीटा. रिपोर्ट में यह भी आरोप है कि इन सभी लोगों ने जबरन मोहित जायसवाल से स्टाम्प पेपर पर हस्ताक्षर बनवा लिए तथा 45 करोड़ की संपत्ति अपने नाम करा ली.

पढ़ेंः अरेस्ट स्टे के बाद भी अभियुक्तों को उठाने का मामला, DCP ने हाईकोर्ट में मांगी माफी

लखनऊः प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल का अपहरण कर लखनऊ से देवरिया जेल ले जाने, उसके साथ मारपीट करने के मामले में माफिया अतीक अहमद के बेटे मोहम्मद उमर को सीबीआई ने शनिवार को अभियोजन प्रपत्रों की प्रतियां प्राप्त करा दीं. इसके बाद सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने मुकदमे को सत्र अदालत को सुपुर्द करने के लिए 7 सितम्बर की तिथि नियत की है. कोर्ट ने इस दिन मोहम्मद उमर को जेल से तलब भी किया है.

अदालत से फरारी की उद्घोषणा व गिरफ्तारी का आदेश जारी होने के बाद मोहम्मद उमर ने 23 अगस्त को आत्मसमर्पण किया था. इस मामले में अतीक अहमद समेत अन्य कई लोगों का मामला विचारण के लिए पहले ही सत्र अदालत भेजा जा चुका है. अदालती पत्रावली के अनुसार 28 दिसंबर 2018 को प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल ने कृष्णा नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि देवरिया जेल में बंद अतीक अहमद ने अपने गुर्गों के जरिए गोमती नगर स्थित उसके ऑफिस से उसका अपहरण करवा लिया.

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रिपोर्ट में कहा गया कि अपहरण के बाद उसे देवरिया जेल लेकर गए, जहां अतीक अहमद ने जेल में उसके साथ मारपीट की तथा उससे सादे पन्ने पर दस्तखत करने को कहा था. आरोप है कि जब उसने दस्तखत करने से इंकार किया तब अतीक अहमद, उसके बेटे उमर तथा गुरफान, फारुख, गुलाम व इरफान ने मिलकर उसे बुरी तरह से तमंचे व लोहे की रॉड तथा पट्टे से पीटा. रिपोर्ट में यह भी आरोप है कि इन सभी लोगों ने जबरन मोहित जायसवाल से स्टाम्प पेपर पर हस्ताक्षर बनवा लिए तथा 45 करोड़ की संपत्ति अपने नाम करा ली.

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