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गैंगरेप के आरोपी गायत्री प्रजापति को लखनऊ हाईकोर्ट बेंच ने KGMU में इलाज कराने के दिए आदेश

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दुराचार के मामले में निरुद्ध पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को केजीएमयू भेजने के आदेश दिए हैं. यह आदेश न्यायमूर्ति अनिल कुमार की एकल सदस्यीय पीठ ने दिए हैं.

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Published : Mar 6, 2020, 11:38 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दुराचार के मामले में निरुद्ध पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को केजीएमयू भेजने के आदेश दिए हैं. गायत्री प्रजापति वर्तमान में जिला कारागर लखनऊ में निरुद्ध है. यह आदेश न्यायमूर्ति अनिल कुमार की एकल सदस्यीय पीठ ने गायत्री प्रजापति की ओर से दाखिल अल्प अवधि जमानत प्रार्थना पत्र पर दिया है. दरअसल याची की ओर से बीमारी के इलाज के लिए उसे अल्प अवधि जमानत दिये जाने की मांग की गई है.

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याचिका में कहा गया है कि उसे यूरोलॉजी संबंधी समस्या है, जिसका इलाज जेल अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. लिहाजा उसे इलाज के लिए अल्प अवधि जमानत पर रिहा किया जाए. प्रार्थना पत्र का अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने विरोध भी किया था. वहीं न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पुलिस अधिकारियों की देख-रेख में गायत्री को केजीएमयू भेजने का आदेश दिया.

साथ ही न्यायालय ने सरकार को यह अनुमति दी है कि वह गायत्री के बीमारी की जांच सीएमओ लखनऊ द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड से करा सकती है. न्यायालय ने केजीएमयू के वीसी को भी मेडिकल बोर्ड का गठन कर गायत्री की बीमारी की जांच के आदेश दिये हैं.

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दुराचार के मामले में निरुद्ध पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को केजीएमयू भेजने के आदेश दिए हैं. गायत्री प्रजापति वर्तमान में जिला कारागर लखनऊ में निरुद्ध है. यह आदेश न्यायमूर्ति अनिल कुमार की एकल सदस्यीय पीठ ने गायत्री प्रजापति की ओर से दाखिल अल्प अवधि जमानत प्रार्थना पत्र पर दिया है. दरअसल याची की ओर से बीमारी के इलाज के लिए उसे अल्प अवधि जमानत दिये जाने की मांग की गई है.

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याचिका में कहा गया है कि उसे यूरोलॉजी संबंधी समस्या है, जिसका इलाज जेल अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. लिहाजा उसे इलाज के लिए अल्प अवधि जमानत पर रिहा किया जाए. प्रार्थना पत्र का अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने विरोध भी किया था. वहीं न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पुलिस अधिकारियों की देख-रेख में गायत्री को केजीएमयू भेजने का आदेश दिया.

साथ ही न्यायालय ने सरकार को यह अनुमति दी है कि वह गायत्री के बीमारी की जांच सीएमओ लखनऊ द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड से करा सकती है. न्यायालय ने केजीएमयू के वीसी को भी मेडिकल बोर्ड का गठन कर गायत्री की बीमारी की जांच के आदेश दिये हैं.

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