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लखनऊ हाईकोर्ट : भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता पर हमले के मामले में सबूत मिलने पर ही हो गिरफ्तारी - कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी

भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता और भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले के मामले में हाईकोर्ट लखनऊ की बेंच ने दो अभियुक्तों को राहत दी है. कोर्ट ने कहा है कि याचियों के खिलाफ मजबूत सबूत पाये जाने पर ही गिरफ्तारी की जाए.

लखनऊ हाईकोर्ट
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Published : Nov 3, 2021, 11:02 PM IST

लखनऊ : प्रतापगढ़ में भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता और भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दो अभियुक्तों को राहत दी है. न्यायालय ने आदेश दिया है कि याचियों के विरुद्ध मजबूत साक्ष्य पाये जाने पर ही गिरफ्तारी की जाए. इसी के साथ न्यायालय ने भाजपा सांसद को भी नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. यह आदेश जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सरोज यादव की बेंच ने चंद्रशेखर सिंह व एक अन्य की याचिका पर दिया.

याचिका में भाजपा सांसद द्वारा दर्ज करायी गयी एफआईआर समेत सभी छह प्राथमिकियों को चुनौती दी गयी है. उल्लेखनीय है कि ये सभी एफआईआर 25 सितम्बर को भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता व भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले से सम्बंधित हैं जो प्रतापगढ़ जनपद के लालगंज थाने में दर्ज करायी गयी हैं. इनमें से एक एफआईआर स्वयं भाजपा सांसद ने दर्ज करायी है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी और उनके बेटी आराधना मिश्रा समेत 27 लोगों को नामजद किया है. इसमें 50 हमलावरों को अज्ञात बताया गया है.

सांसद द्वारा दर्ज एफआईआर आईपीसी की धारा 307 व अन्य तमाम धाराओं के अंतर्गत दर्ज कराई गई है. वहीं प्रमोद तिवारी व अराधना मिश्रा को अब तक राहत नहीं मिल सकी है. उन्होंने भी एक अन्य याचिका दाखिल करते हुए इन सभी प्राथमिकियों को चुनौती दी है. प्रमोद तिवारी और उनकी बेटी की याचिका पर 22 नवम्बर के सप्ताह में सुनवाई होनी है.


इसे भी पढ़ें - लखीमपुर हिंसा मामला: एसआईटी की टीम को बड़ी सफलता, दो और आरोपी गिरफ्तार

लखनऊ : प्रतापगढ़ में भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता और भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दो अभियुक्तों को राहत दी है. न्यायालय ने आदेश दिया है कि याचियों के विरुद्ध मजबूत साक्ष्य पाये जाने पर ही गिरफ्तारी की जाए. इसी के साथ न्यायालय ने भाजपा सांसद को भी नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. यह आदेश जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सरोज यादव की बेंच ने चंद्रशेखर सिंह व एक अन्य की याचिका पर दिया.

याचिका में भाजपा सांसद द्वारा दर्ज करायी गयी एफआईआर समेत सभी छह प्राथमिकियों को चुनौती दी गयी है. उल्लेखनीय है कि ये सभी एफआईआर 25 सितम्बर को भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता व भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले से सम्बंधित हैं जो प्रतापगढ़ जनपद के लालगंज थाने में दर्ज करायी गयी हैं. इनमें से एक एफआईआर स्वयं भाजपा सांसद ने दर्ज करायी है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी और उनके बेटी आराधना मिश्रा समेत 27 लोगों को नामजद किया है. इसमें 50 हमलावरों को अज्ञात बताया गया है.

सांसद द्वारा दर्ज एफआईआर आईपीसी की धारा 307 व अन्य तमाम धाराओं के अंतर्गत दर्ज कराई गई है. वहीं प्रमोद तिवारी व अराधना मिश्रा को अब तक राहत नहीं मिल सकी है. उन्होंने भी एक अन्य याचिका दाखिल करते हुए इन सभी प्राथमिकियों को चुनौती दी है. प्रमोद तिवारी और उनकी बेटी की याचिका पर 22 नवम्बर के सप्ताह में सुनवाई होनी है.


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