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मंडलायुक्त रोशन जैकब समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का नोटिस - न्यायमूर्ति राजीव सिंह

लखनऊ में कोर्ट ने मंडलायुक्त रोशन जैकब समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है.

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Published : Nov 21, 2022, 10:56 PM IST

लखनऊ: कोर्ट के आदेश के बावजूद नादरगंज इंडस्ट्रियल एरिया व इससे लगी हुई सड़कों, सीवेज और जल निकासी तंत्र का कार्य पूर्ण न होने पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया.

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंडलायुक्त रोशन जैकब समेत सात अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का नोटिस (Notice against divisional commissioner in Lucknow) जारी किया है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाए के लिए 21 दिसंबर की तिथि नियत करते हुए, अधिकारियों से पूछा है कि हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करने के लिए क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की गई.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने शरद कुमार श्रीवास्तव की अवमानना याचिका पर पारित किया है. 24 सितंबर 2021 को न्यायालय ने यह टिप्पणी करते हुए कि अच्छी सड़क, सीवेज और जल निकासी तंत्र राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. कौन सी अथॉरिटी इन सुविधाओं को प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है. इसका पता न होने पर लोगों को इन सुविधाओं से वंचित रखने का आधार नहीं हो सकता है. मंडलायुक्त लखनऊ मंडल को आदेश दिया था कि वह संबंधित विभागों के साथ मीटिंग करके एक माह में उनकी जिम्मेदारी तय करें. इसके बाद के 6 महीने के अंदर इलाके की सड़कों, सीवेज और जल निकासी तंत्र का कार्य पूर्ण कर लिया जाए. वर्तमान याचिका में कहा गया है कि एक साल से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद 21 सितंबर 2021 के आदेश का अनुपालन के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.

लखनऊ: कोर्ट के आदेश के बावजूद नादरगंज इंडस्ट्रियल एरिया व इससे लगी हुई सड़कों, सीवेज और जल निकासी तंत्र का कार्य पूर्ण न होने पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया.

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंडलायुक्त रोशन जैकब समेत सात अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का नोटिस (Notice against divisional commissioner in Lucknow) जारी किया है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाए के लिए 21 दिसंबर की तिथि नियत करते हुए, अधिकारियों से पूछा है कि हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करने के लिए क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की गई.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने शरद कुमार श्रीवास्तव की अवमानना याचिका पर पारित किया है. 24 सितंबर 2021 को न्यायालय ने यह टिप्पणी करते हुए कि अच्छी सड़क, सीवेज और जल निकासी तंत्र राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. कौन सी अथॉरिटी इन सुविधाओं को प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है. इसका पता न होने पर लोगों को इन सुविधाओं से वंचित रखने का आधार नहीं हो सकता है. मंडलायुक्त लखनऊ मंडल को आदेश दिया था कि वह संबंधित विभागों के साथ मीटिंग करके एक माह में उनकी जिम्मेदारी तय करें. इसके बाद के 6 महीने के अंदर इलाके की सड़कों, सीवेज और जल निकासी तंत्र का कार्य पूर्ण कर लिया जाए. वर्तमान याचिका में कहा गया है कि एक साल से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद 21 सितंबर 2021 के आदेश का अनुपालन के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.

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