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कोर्ट ने अभियुक्त को दी जमानत, विस्फोटक से नहीं गैस चूल्हे से हुआ था हादसा - lucknow high court

विस्फोटक से हुए धमाके के मामले में अभियुक्त मोहम्मद अकरम की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली है. इस घटना में रूबी नाम की महिला की मृत्यु हो गई थी.

लखनऊ
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Published : Jun 5, 2021, 12:09 AM IST

लखनऊ: बलरामपुर जनपद के कोतवाली नगर अंतर्गत कथित विस्फोटक से हुए धमाके के मामले में अभियुक्त मोहम्मद अकरम की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली है. इस घटना में रूबी नाम की महिला की मृत्यु हो गई थी. न्यायालय ने अभियुक्त को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए अभियुक्त को ताकीद भी किया है. यह आदेश न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल सदस्यीय पीठ ने अभियुक्त मोहम्मद अकरम की जमानत याचिका पर दिया.

अभियुक्त की ओर से दी गई थी ये दलील

अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि मोहम्मद रजा की पुत्री रूबी गैस चूल्हे पर चाय बना रही थी, तभी कोई चूक हो जाने के कारण वहां आग लग गई. गैस सिलेंडर में हुए विस्फोट के कारण उसकी जान चली गई. कहा गया कि अभियुक्त के पास विस्फोटक का लाइसेंस है और उसके खिलाफ विस्फोटकों के कुप्रबंधन की कोई शिकायत नहीं दर्ज है. यह भी दलील दी गई कि मृतका की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी विस्फोटक से मृत्यु की बात कही नहीं आई है. कोर्ट को बताया गया कि यह महज एक दुर्घटना थी. लिहाजा अभियुक्त के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) का मामला ही नहीं बनता.

इसे भी पढ़ें: 'यूपी के 18 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में 9 करोड़ का घोटाला'

घटना सितंबर 2020 की है और तभी से अभियुक्त जेल में निरुद्ध है. हालांकि, न्यायलाय ने मामले के गुणदोष पर टिप्पणी न करते हुए याची को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.

लखनऊ: बलरामपुर जनपद के कोतवाली नगर अंतर्गत कथित विस्फोटक से हुए धमाके के मामले में अभियुक्त मोहम्मद अकरम की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली है. इस घटना में रूबी नाम की महिला की मृत्यु हो गई थी. न्यायालय ने अभियुक्त को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए अभियुक्त को ताकीद भी किया है. यह आदेश न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल सदस्यीय पीठ ने अभियुक्त मोहम्मद अकरम की जमानत याचिका पर दिया.

अभियुक्त की ओर से दी गई थी ये दलील

अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि मोहम्मद रजा की पुत्री रूबी गैस चूल्हे पर चाय बना रही थी, तभी कोई चूक हो जाने के कारण वहां आग लग गई. गैस सिलेंडर में हुए विस्फोट के कारण उसकी जान चली गई. कहा गया कि अभियुक्त के पास विस्फोटक का लाइसेंस है और उसके खिलाफ विस्फोटकों के कुप्रबंधन की कोई शिकायत नहीं दर्ज है. यह भी दलील दी गई कि मृतका की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी विस्फोटक से मृत्यु की बात कही नहीं आई है. कोर्ट को बताया गया कि यह महज एक दुर्घटना थी. लिहाजा अभियुक्त के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) का मामला ही नहीं बनता.

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घटना सितंबर 2020 की है और तभी से अभियुक्त जेल में निरुद्ध है. हालांकि, न्यायलाय ने मामले के गुणदोष पर टिप्पणी न करते हुए याची को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.

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