लखनऊ : कानपुर में जीका वायरस की दस्तक से हड़कंप मचा हुआ है. मरीजों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने यूपी में अलर्ट जारी कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया, डेंगू की पुष्टि नहीं होने पर मरीजों में जीका वायरस का भी टेस्ट कराने को कहा है. स्वास्थ्य विभाग का कहना था कि इसका कारण यह है कि जीका वायरस भी डेंगू वाले मच्छर से ही होता है.
दरअसल, कोरोना के बाद राज्य में डेंगू, मलेरिया और स्क्रब टाइफस का खौफ पसरा हुआ है. वहीं जीका वायरस की दस्तक ने नई मुसीबत बढ़ा दी है. कानपुर जिले में पिछले एक हफ्ते में 11 केस मिल चुके हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने पूरे उत्तर प्रदेश राज्य को अलर्ट कर दिया है. वहीं मामले को गंभीरता से लेते हुए संचारी रोग निदेशक डॉ जीएस बाजपेयी ने कानपुर का दौरा किया.
किया जा रहा इंडोर स्प्रे
डॉ जीएस बाजपेयी के मुताबिक डेंगू मादा एनाफिलीज मच्छर की वजह से होता है. यही मच्छर जीका वायरस का भी वाहक है. ऐसे में नगर मलेरिया टीम व जिला मलेरिया विभाग की टीम को तैनात किया गया है. ये टीम मरीजों के घर के आस-पास और घरों में इंडोर स्प्रे कर रही हैं. साथ ही मच्छरों के लार्वा को संग्रह कर सैम्पल लैब में भेज रही हैं. इसके अलावा एंटी लार्वा व फॉगिंग भी इलाके में कराई जा रही है.
'बुखार के मरीजों की कराएं जीका वायरस जांच'
डॉ जीएस बाजपेयी ने बताया कि जीका वायरस को गंभीरता से लेते हुए कानपुर जिले में लखनऊ की टीम भी भेजी गयी है. साथ ही सभी जिलों के सीएमओ को अलर्ट कर दिया गया है. इसमें लक्षण वाले मरीजों में जीका वायरस के टेस्ट की भी सलाह दी गई है. उन्होंने कहा कि सभी को अलर्ट जारी कर बता दिया गया है कि मरीजों में डेंगू और मलेरिया की पुष्टि नहीं होने पर, जीका वायरस की भी जांच कराई जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा- कोविड सेंटर से भी मरीजों का हाल लिया जा रहा है.
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जीका वायरस के लक्षण
- बुखार
- आंखें लाल होना
- सिर में दर्द
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- थकावट
- घबराहट
- बेचैनी