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दलालों का बोलबाला, मरीजों पर दबाव बनाकर ले जा रहे सरकारी से निजी अस्पताल

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Published : Mar 9, 2022, 3:57 PM IST

शहर के सरकारी अस्पतालों के आसपास निजी अस्पतालों के दलाल सक्रिय हैं. अक्सर मरीजों को जबरन निजी अस्पतालों में ले जाने के लिए रिश्तेदारों से मारपीट पर भी उतारू हो जाते हैं. ऐसी ही एक घटना ट्रॉमा सेंटर के पास हुई. एक घायल मरीज को जब ट्रॉमा सेंटर में जगह नहीं मिली तो दलालों ने मरीज को जबरन निजी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए परिजनों से मारपीट की.

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लखनऊ. फतेहपुर निवासी हरि प्रसाद की बेटी सबोद्रा एक दुर्घटना में घायल हो गई थीं. मंगलवार रात करीब 12 बजे परिजन मरीज को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे. ट्रॉमा सेंटर में बेड फुल थे. यहां काफी इंतजार करने के बाद भी मरीज की भर्ती नहीं हो सकी. ऐसे में डॉक्टरों ने मरीज को बलरामपुर अस्पताल ले जाने की सलाह दी.

परिवारजन निजी एंबुलेंस से मरीज को बलरामपुर अस्पताल ले जा रहे थे. तभी क्रिश्चियन कॉलेज चौराहे के बाद एंबुलेंस कर्मचारी ने गाड़ी रोक दी और मरीज को आलमबाग के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने को कहा. परिजनों ने पैसा कम होने का हवाला देकर निजी अस्पताल जाने से इंकार कर दिया तो एम्बुलेंस कर्मचारी गुंडागर्दी पर उतार आया. यहां तक कि उसने परिजनों से मारपीट भी की.

यह भी पढ़ें: मारपीट मामले में कोर्ट ने चार सगे भाइयों को सुनाई 4 साल की सजा, जुर्माना भी लगाया

क्या कहते हैं परिजन

मरीज के भाई अनिल कुमार ने बताया कि उसने एंबुलेस को बलरामपुर अस्पताल ले चलने को कहा तो उसने क्रिश्चियन कॉलेज चौराहे के बाद उसने गाड़ी रोक दी. तभी वहां और चार-पांच दलाल आ गए. जबरन मरीज को निजी अस्पताल ले जाने लगे. मना करने पर मरीज को एंबुलेंस से उतारने लगे. जब अनिल कुमार ने इसका विरोध किया तो नाराज दलालों ने मारपीट शुरू कर दी.

अब ट्रॉमा सेंटर में भर्ती है मरीज

हंगामे के बाद किसी तरह अनिल ने मरीज को एंबुलेंस से उतार लिया और फिर निजी वाहन से घायल बहन को लेकर दोबारा ट्रॉमा सेंटर पहुंचा. यहां डॉक्टरों को आपबीती सुनाई. काफी देर बाद मरीज को ट्रॉमा सेंटर में ही भर्ती कर लिया गया. अनिल ने बताया कि जब वह पुलिस चौकी में इस घटना की शिकायत के लिए पहुंचा तो वहां कोई सुनवाई नहीं हुई. सीएमओ डॉ मनोज अग्रवाल ने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई शिकायत नहीं मिली है.

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लखनऊ. फतेहपुर निवासी हरि प्रसाद की बेटी सबोद्रा एक दुर्घटना में घायल हो गई थीं. मंगलवार रात करीब 12 बजे परिजन मरीज को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे. ट्रॉमा सेंटर में बेड फुल थे. यहां काफी इंतजार करने के बाद भी मरीज की भर्ती नहीं हो सकी. ऐसे में डॉक्टरों ने मरीज को बलरामपुर अस्पताल ले जाने की सलाह दी.

परिवारजन निजी एंबुलेंस से मरीज को बलरामपुर अस्पताल ले जा रहे थे. तभी क्रिश्चियन कॉलेज चौराहे के बाद एंबुलेंस कर्मचारी ने गाड़ी रोक दी और मरीज को आलमबाग के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने को कहा. परिजनों ने पैसा कम होने का हवाला देकर निजी अस्पताल जाने से इंकार कर दिया तो एम्बुलेंस कर्मचारी गुंडागर्दी पर उतार आया. यहां तक कि उसने परिजनों से मारपीट भी की.

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क्या कहते हैं परिजन

मरीज के भाई अनिल कुमार ने बताया कि उसने एंबुलेस को बलरामपुर अस्पताल ले चलने को कहा तो उसने क्रिश्चियन कॉलेज चौराहे के बाद उसने गाड़ी रोक दी. तभी वहां और चार-पांच दलाल आ गए. जबरन मरीज को निजी अस्पताल ले जाने लगे. मना करने पर मरीज को एंबुलेंस से उतारने लगे. जब अनिल कुमार ने इसका विरोध किया तो नाराज दलालों ने मारपीट शुरू कर दी.

अब ट्रॉमा सेंटर में भर्ती है मरीज

हंगामे के बाद किसी तरह अनिल ने मरीज को एंबुलेंस से उतार लिया और फिर निजी वाहन से घायल बहन को लेकर दोबारा ट्रॉमा सेंटर पहुंचा. यहां डॉक्टरों को आपबीती सुनाई. काफी देर बाद मरीज को ट्रॉमा सेंटर में ही भर्ती कर लिया गया. अनिल ने बताया कि जब वह पुलिस चौकी में इस घटना की शिकायत के लिए पहुंचा तो वहां कोई सुनवाई नहीं हुई. सीएमओ डॉ मनोज अग्रवाल ने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई शिकायत नहीं मिली है.

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