लखनऊ : हवा में प्रदूषण की बढ़ती मात्रा के कारण लोगों का खुली हवा में सांस लेना मुश्किल हो रहा है. राजधानी लखनऊ में भी हवा की गुणवत्ता गिरती जा रही है. बुधवार को ग्रीन पीस और एयर विजुअल की ओर से जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स 2018 में यह बात सामने आई है. संस्था की ओर से जारी रिपोर्ट में लखनऊ दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में नौवें स्थान पर है.
एयर क्वालिटी रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में से 22 शहर भारत के हैं. इनमें नोएडा, गाजियाबाद और लखनऊ मुख्य हैं. इस रिपोर्ट में गाजियाबाद दूसरे स्थान पर है वहीं नोएडा को छठे स्थान पर है. रिपोर्ट के अनुसार लखनऊ की स्थिति भारत की राजधानी दिल्ली से भी खराब है. प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन ने अपने स्तर पर कई कदम उठाए हैं, लेकिन इनसे कोई अपेक्षित सफलता नहीं मिली है. उल्टे प्रदूषण की रोकथाम के मामले में और गिरावट ही देखी जा रही है.
प्रशासन ने ग्रेडेड एक्शन प्लान बनाकर 17 अलग-अलग विभागों को अपने-अपने स्तर पर प्रदूषण पर अंकुश लगाने का जिम्मा सौंपा था, लेकिन यह कवायद भी कुछ खास कारगर साबित नहीं हुई है. असल में प्रदूषण का विकराल होता डरावना चेहरा कई बीमारियों को भी दावत देता है, जिसके सबसे ज्यादा शिकार छोटे बच्चे और बुजुर्ग होते हैं. इसके अलावा गरीब लोग इससे बहुत अधिक प्रभावित होते हैं क्योंकि उनके पास इससे निपटने के लिए संसाधनों का अभाव होता है. साथ ही कोई बीमारी होने की स्थिति में बेहतर इलाज के लिए भी पर्याप्त संसाधन भी उपलब्ध नहीं होते हैं.
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