लखनऊः जनपद न्यायाधीश सर्वेश कुमार ने करोड़ों रुपये के कर्ज के एवज में बैंक में गिरवी रखी जमीन की प्लाटिंग कर बेचने के चार अलग-अलग मामलो में निरुद्ध अभियुक्त सैयद शकील हैदर की जमानत खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अपराध को गम्भीर करार देते हुए कहा कि अभियुक्त ने सामाजिक-आर्थिक अपराध कारित किया है, लिहाजा जमानत नहीं दी जा सकती.
फौजदारी के जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी के मुताबिक 31 जुलाई 2021 को इस मामले की एफआईआर स्थानीय अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार शर्मा, राजकुमार, आकाश श्रीवास्तव व देवेंद्र कुमार ने थाना वजीरगंज में दर्ज कराई थी. इस मामले में शकील के अलावा रईस अहमद, मोहम्मद आमिर व शौकत को भी नामजद किया गया है. यह मामला बरावनकला वार्ड, बालकगंज में खसरा नंबर 552 की जमीन से जुड़ा है. इस जमीन पर मेसर्स हिन्द कन्क्रीट प्रोडक्टस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक व मुल्जिम सैयद शकील हैदर ने पंजाब नेशनल बैंक से 34 करोड़ का लोन लिया था.
लोन अदा नहीं करने पर डीआरटी व सरफेसी एक्ट के तहत एडीएम प्रशासन के यहां मुकदमा विचाराधीन है. बावजूद इसके धोखाधड़ी, जालसाजी व साजिश के तहत अन्य अभियुक्तों की मिली-भगत से जमीन को प्लाटिंग कर बेच दिया गया. कोर्ट में दलील दी गई कि आरोपी सैयद शकील हैदर की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त भू-माफिया है, उसके खिलाफ आठ मुकदमे दर्ज हैं. जिनमें सात मुकदमे धोखाधड़ी, जालसाजी, साजिश व जानमाल की धमकी तथा एक मुकदमा अमानत में खयानत व अवैध वसूली का है इनमें दो मुकदमे में अमेठी में दर्ज हैं. इसके बाद कोर्ट ने आरोपी शकील की जमानत याचिका खारिज कर दी.