लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण की अलीगंज योजना के सेक्टर-के में स्थित बेशकीमती भूखण्ड की जालसाजों ने फर्जी रजिस्ट्री करा डाली. प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार द्वारा जांच कराए जाने पर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ. इस मामले में उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं.
उप सचिव माधवेश कुमार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि अलीगंज के सेक्टर-के स्थित भूखण्ड संख्या-सी-37/45 की फर्जी रजिस्ट्री सामने आई है. इसमें प्राधिकरण के निलम्बित कर्मचारी पवन कुमार ने फर्जीवाड़ा करते हुए भूखंड की रजिस्ट्री नंदपुरी, आर्य नगर, ज्वालापुर, हरिद्वार, उत्तराखंड निवासी 65 वर्षीय राजीव कुमार भटनागर के पक्ष में की है. इस रजिस्ट्री में राजस्थान के अलवर निवासी बदलू और बांदा के नहरी क्षेत्र निवासी रामलखन मिश्रा ने गवाह के रूप में हस्ताक्षर किए हैं. इन सभी लोगों के खिलाफ उपाध्यक्ष ने एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं. उप सचिव ने बताया कि उक्त भूखंड 263.62 वर्गमीटर का है, जिसकी कीमत करोड़ों में है.
100 से ज्यादा कर्मचारी मिल गैरहाजिर, वेतन रोकने का आदेश
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने गुरूवार को कर्मचारियों की उपस्थिति को जांचा. जांच में 103 कर्मचारी कार्यालय से अनुपस्थित मिले. उपाध्यक्ष ने अनुपस्थित कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए अनुपस्थित दिवस का वेतन न जारी करने के आदेश जारी किए हैं. अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि गुरुवार सुबह 10ः45 बजे उपाध्यक्ष द्वारा सभी अनुभागों से हाजिरी रजिस्टर मंगाकर चेक किया गया. इसमें 103 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए. जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि कुछ कर्मचारियों के नाम के सामने अल्प अवकाश तथा कुछ कर्मचारियों के सामने आकस्मिक अवकाश अंकित था, लेकिन रजिस्टर में इससे सम्बंधित कोई प्रार्थना पत्र संलग्न नहीं था. अटेन्डेंस रजिस्टर के मुताबिक कुछ कर्मचारी काफी लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे हैं. इस पर उपाध्यक्ष ने समस्त अनुपस्थित कर्मचारियों को शो-काज नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं. साथ ही जो कर्मचारी एक दिन से अधिक समय से अनुपस्थित हैं, उनके अनुपस्थित दिवस का वेतन अगले आदेशों तक आहरित न किए जाने के भी आदेश दिए गए हैं.
Lucknow News : एलडीए के भूखंड की फर्जी रजिस्ट्री के मामले में एफआईआर के आदेश - लखनऊ में भूखंड की फर्जी रजिस्ट्री
लखनऊ विकास प्राधिकरण की अलीगंज योजना के सेक्टर-के में स्थित बेशकीमती भूखण्ड की फर्जी रजिस्ट्री का मामला पकड़ा गया है. इस मामले में एलडीए उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं.
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लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण की अलीगंज योजना के सेक्टर-के में स्थित बेशकीमती भूखण्ड की जालसाजों ने फर्जी रजिस्ट्री करा डाली. प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार द्वारा जांच कराए जाने पर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ. इस मामले में उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं.
उप सचिव माधवेश कुमार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि अलीगंज के सेक्टर-के स्थित भूखण्ड संख्या-सी-37/45 की फर्जी रजिस्ट्री सामने आई है. इसमें प्राधिकरण के निलम्बित कर्मचारी पवन कुमार ने फर्जीवाड़ा करते हुए भूखंड की रजिस्ट्री नंदपुरी, आर्य नगर, ज्वालापुर, हरिद्वार, उत्तराखंड निवासी 65 वर्षीय राजीव कुमार भटनागर के पक्ष में की है. इस रजिस्ट्री में राजस्थान के अलवर निवासी बदलू और बांदा के नहरी क्षेत्र निवासी रामलखन मिश्रा ने गवाह के रूप में हस्ताक्षर किए हैं. इन सभी लोगों के खिलाफ उपाध्यक्ष ने एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं. उप सचिव ने बताया कि उक्त भूखंड 263.62 वर्गमीटर का है, जिसकी कीमत करोड़ों में है.
100 से ज्यादा कर्मचारी मिल गैरहाजिर, वेतन रोकने का आदेश
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने गुरूवार को कर्मचारियों की उपस्थिति को जांचा. जांच में 103 कर्मचारी कार्यालय से अनुपस्थित मिले. उपाध्यक्ष ने अनुपस्थित कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए अनुपस्थित दिवस का वेतन न जारी करने के आदेश जारी किए हैं. अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि गुरुवार सुबह 10ः45 बजे उपाध्यक्ष द्वारा सभी अनुभागों से हाजिरी रजिस्टर मंगाकर चेक किया गया. इसमें 103 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए. जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि कुछ कर्मचारियों के नाम के सामने अल्प अवकाश तथा कुछ कर्मचारियों के सामने आकस्मिक अवकाश अंकित था, लेकिन रजिस्टर में इससे सम्बंधित कोई प्रार्थना पत्र संलग्न नहीं था. अटेन्डेंस रजिस्टर के मुताबिक कुछ कर्मचारी काफी लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे हैं. इस पर उपाध्यक्ष ने समस्त अनुपस्थित कर्मचारियों को शो-काज नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं. साथ ही जो कर्मचारी एक दिन से अधिक समय से अनुपस्थित हैं, उनके अनुपस्थित दिवस का वेतन अगले आदेशों तक आहरित न किए जाने के भी आदेश दिए गए हैं.