लखनऊ : भ्रष्टाचार के मामले में पिछले पांच साल में लखनऊ विकास प्राधिकरण में चार बाबू की नौकरी जा चुकी है. एक ने नौकरी छोड़ दी. जबकि 20 से ज्यादा निलंबित हुए. अभी कुछ और कर्मचारी भी नौकरी से जाएंगे. इसके बावजूद लखनऊ विकास प्राधिकरण की गड़बड़ियों में कमी नहीं आ रही है. बर्खास्त किए जाने वाले बाबू में काशीनाथ, मुक्तेश्वर ओझा, मुसाफिर सिंह और अजय कुमार वर्मा शामिल है. इन चारों बर्खास्त हुए बाबू पर आरोप है कि उन्होंने करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति एलडीए में हेराफेरी करके अर्जित की. सबसे ज्यादा गंभीर आरोप तो मुसाफिर सिंह पर लगा है मुसाफिर सिंह ने जिस व्यक्ति से जालसाजी की उसने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या तक कर ली. जबकि मुक्तेश्वर नाथ ओझा बर्खास्त होने के बाद दिवंगत हो चुके हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि हम ऐसे एक्शन लेते रहेंगे. कोई भी भ्रष्टाचार करने वाला लखनऊ विकास प्राधिकरण में नहीं बचेगा.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के इन बाबुओं का हुआ बुरा हश्र, जानिए क्यों - लखनऊ विकास प्राधिकरण में हेराफेरी
लखनऊ विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार के मामले में बीते पांच साल में चार बाबुओं को बर्खास्त किया जा चुका है. 20 से ज्याद पर निलंबन की कार्रवाई की गई और कार्रवाई की जद में आए एक कर्मचारी ने नौकरी छोड़ दी.
लखनऊ : भ्रष्टाचार के मामले में पिछले पांच साल में लखनऊ विकास प्राधिकरण में चार बाबू की नौकरी जा चुकी है. एक ने नौकरी छोड़ दी. जबकि 20 से ज्यादा निलंबित हुए. अभी कुछ और कर्मचारी भी नौकरी से जाएंगे. इसके बावजूद लखनऊ विकास प्राधिकरण की गड़बड़ियों में कमी नहीं आ रही है. बर्खास्त किए जाने वाले बाबू में काशीनाथ, मुक्तेश्वर ओझा, मुसाफिर सिंह और अजय कुमार वर्मा शामिल है. इन चारों बर्खास्त हुए बाबू पर आरोप है कि उन्होंने करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति एलडीए में हेराफेरी करके अर्जित की. सबसे ज्यादा गंभीर आरोप तो मुसाफिर सिंह पर लगा है मुसाफिर सिंह ने जिस व्यक्ति से जालसाजी की उसने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या तक कर ली. जबकि मुक्तेश्वर नाथ ओझा बर्खास्त होने के बाद दिवंगत हो चुके हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि हम ऐसे एक्शन लेते रहेंगे. कोई भी भ्रष्टाचार करने वाला लखनऊ विकास प्राधिकरण में नहीं बचेगा.