लखनऊ: लखनऊ कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच टीम ने सोमवार को पांच लाख के इनामी ठग मुख्य आरोपी असीफ नसीम को भी गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी शाइन सिटी कंपनी में 49 फीसदी का हिस्सेदार (पार्टनर) है. क्राइम ब्रांच के अनुसार, शाइन सिटी कंपनी के खिलाफ लखनऊ समेत अन्य जिलों में ठगी और धोखाधड़ी समेत लगभग 300 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जबकि आसिफ के खिलाफ लखनऊ में ही करीब 500 और देश भर में करीब पांच हजार से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. इस मामले में पुलिस शाइन सिटी कंपनी के डायरेक्टर समेत अन्य कर्मचारियों को पहले ही जेल भेज चुकी है.
प्लाट दिलाने के नाम पर निवेश कराकर 60 हजार करोड़ से अधिक की ठगी करने वाले शाइन सिटी इंंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर राशिद नसीम के भाई आसिफ नसीम को लखनऊ पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने सोमवार सुबह प्रयागराज से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी में हो रही देरी पर कोर्ट की फटकार के बाद यूपी सरकार ने हाल में ही राशिद और उसके भाई आसिफ पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.
इससे पूर्व राशिद नसीम को वर्ष 2019 में नेपाल के काठमांडू से गिरफ्तार किया गया था. बाद में नेपाल से उसे जमानत मिल गई थी. इसके बाद वह दुबई भाग गया था. अब वह दुबई से नेटवर्क चला रहा है और जार्जिया की नागरिकता लेने की तैयारी में है. वहीं, एसटीएफ ने बीते 30 जून को शाइन सिटी के नेशनल हेड बृज मोहन सिंह को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था.
आसिफ के खिलाफ लखनऊ में करीब 500 और देश भर में करीब पांच हजार से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. 374 मुकदमे सिर्फ गोमतीनगर थाने में ही दर्ज हैं. पुलिस कमिश्नर लखनऊ डीके ठाकुर ने गिरफ्तार करने वाली टीम में शामिल पुलिस कर्मियों को 50 हजार का इनाम घोषित किया है.
जेसीपी कानून व्यवस्था नीलाब्जा चौधरी के मुताबिक, आसिफ मूल रूप से प्रयागराज के करेली जेटीबी नगर का रहने वाला है. आसिफ कंपनी में पार्टनर है. उसने गोमतीनगर के आर स्क्वायर में अपनी कंपनी का ऑफिस 2013 में खोला था. वह प्लाट दिलाने, रुपये दोगुने करने का झांसा देकर लोगों से निवेश कराता था. उन्होंने बताया कि आसिफ कंपनी में 49 फीसद का पार्टनर था. वहीं, राशिद 51 फीसद लेता था. अब तक राशिद की पत्नी, कंपनी के अन्य निदेशकों समेत कुल 47 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. गोमतीनगर कोतवाली में दर्ज मुकदमों में 82 पर सीपीआई कोर्ट कुर्की के आदेश जारी कर चुकी है.
एडीसीपी सैय्यद मो. कासिम आब्दी ने बताया कि आसिफ गोसाईगंज, बीकेटी और नगराम समेत देश के अन्य जनपदों में किसानों को अपने झांसे में लेता था. उनकी जमीनों को 20-25 हजार रुपये महीना किराए पर लेता और फिर उसमें कंपनी का बोर्ड लगा देता था. उसके बाद ग्राहकों को बताता था कि यह उसी के प्लाट हैं. उसी जमीन पर प्लाट के निवेश के नाम पर लोगों से रुपये लेता था.
कुछ माह पहले राशिद नसीम की कंपनी में काम करने वाले विजलेश केसरवानी ने पीडि़ता का एक संगठन तैयार करके प्रयागराज हाईकोर्ट में कंपनी के खिलाफ 60 हजार करोड़ से अधिक की ठगी की रिट दायर की थी. ठगी में उसकी पत्नी समेत कंपनी के 50 से अधिक कर्मचारी आरोपित हैं.
आसिफ नसीम के खिलाफ लखनऊ में 500 के करीब मुकदमें दर्ज हैं. इनमें 366 मुकदमों की जांच ईओडब्ल्यू कर रही है. वहीं, देश के विभिन्न जनपदों में पांच हजार करीब मुकदमें दर्ज किए गए हैं. 10 लाख से अधिक लोग ठगी के शिकार हैं.
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एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव ने बताया कि करीब 20 साल पहले उसने स्पीक एशिया मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी में एजेंट की नौकरी शुरू की थी. साथ में उसका भाई आसिफ नसीम भी जुड़ा था. शातिर दिमाग नसीम ने यहीं पर रहकर निवेशकों को ठगने की कला मल्टी लेवल मार्केटिंग से सीखी. इसके बाद वर्ष 2013 में उसने शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से हाउसिंग कंपनी और उसके बाद 50 से अधिक कंपनियां खोली थी.