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नाबालिग लड़की से दुराचार का प्रयास करने वाले को कोर्ट ने दी 7 साल की सजा - कोर्ट की खबरें

नाबालिग लड़की को पकड़ कर उसके साथ दुराचार करने की नियत से जंगल की तरफ उठा ले जाने के आरोपी राम बाबू उर्फ बबलू यादव को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्रा ने दोषी करार दिया है. सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए, कोर्ट ने उसे सात वर्ष के कठोर कारावास व 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.

नाबालिग लड़की से दुराचार का प्रयास
नाबालिग लड़की से दुराचार का प्रयास
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Published : Dec 21, 2021, 10:46 PM IST

लखनऊ : नाबालिग लड़की को पकड़ कर उसके साथ दुराचार करने की नियत से जंगल की तरफ उठा ले जाने के आरोपी राम बाबू उर्फ बबलू यादव को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्रा ने दोषी करार दिया है. सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए, कोर्ट ने उसे सात वर्ष के कठोर कारावास व 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.


अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि पीड़िता को हुए शारीरिक व मानसिक आघात के लिए उसे अभियुक्त से प्रतिकर दिलाया जाना उचित प्रतीत होता है. लिहाजा अभियुक्त पर लगाए गए जुर्माने की संपूर्ण धनराशि पीड़िता को बतौर प्रतिकर अदा की जाएगी, जो उसके नाबालिग पीड़िता के वयस्क होने तक किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में फिक्स डिपॉजिट के रूप में पिता के द्वारा रखी जाएगी.

इसे भी पढ़ें- कांग्रेस की 'प्रतिज्ञा संगठन सम्मेलन' : पूर्व सीएम कमलनाथ ने कार्यकर्ताओं को दिया गुरुमंत्र

अदालत के समक्ष अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता अभिषेक उपाध्याय व सुखेंद्र प्रताप सिंह का तर्क था कि इस घटना की रिपोर्ट थाना इटौंजा में पीड़िता के पिता द्वारा 26 जून 2013 को दर्ज कराई गई थी. जिसमें कहा गया था कि वह तीन बजे साइकिल से कुम्हरावा जा रही थी, तभी हरिश्चंद्र के पालेसर के आगे बबूल के पेड़ के पास पुलिया पर अभियुक्त रामबाबू मिला. उसने उसकी लड़की को जबरन रोक लिया व हाथ पकड़कर बुरी नियत से जंगल की ओर ले जाने लगा. इसी दौरान पीड़िता के शोर मचाने पर आरोपी उसे छोड़ कर भाग गया.

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लखनऊ : नाबालिग लड़की को पकड़ कर उसके साथ दुराचार करने की नियत से जंगल की तरफ उठा ले जाने के आरोपी राम बाबू उर्फ बबलू यादव को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्रा ने दोषी करार दिया है. सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए, कोर्ट ने उसे सात वर्ष के कठोर कारावास व 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.


अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि पीड़िता को हुए शारीरिक व मानसिक आघात के लिए उसे अभियुक्त से प्रतिकर दिलाया जाना उचित प्रतीत होता है. लिहाजा अभियुक्त पर लगाए गए जुर्माने की संपूर्ण धनराशि पीड़िता को बतौर प्रतिकर अदा की जाएगी, जो उसके नाबालिग पीड़िता के वयस्क होने तक किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में फिक्स डिपॉजिट के रूप में पिता के द्वारा रखी जाएगी.

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अदालत के समक्ष अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता अभिषेक उपाध्याय व सुखेंद्र प्रताप सिंह का तर्क था कि इस घटना की रिपोर्ट थाना इटौंजा में पीड़िता के पिता द्वारा 26 जून 2013 को दर्ज कराई गई थी. जिसमें कहा गया था कि वह तीन बजे साइकिल से कुम्हरावा जा रही थी, तभी हरिश्चंद्र के पालेसर के आगे बबूल के पेड़ के पास पुलिया पर अभियुक्त रामबाबू मिला. उसने उसकी लड़की को जबरन रोक लिया व हाथ पकड़कर बुरी नियत से जंगल की ओर ले जाने लगा. इसी दौरान पीड़िता के शोर मचाने पर आरोपी उसे छोड़ कर भाग गया.

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