लखनऊ : राजधानी लखनऊ में आए दिन आग लगने की घटनाएं होती रहती है. बिना उपकरण के चल रहे निजी अस्पताल और होटलों के साथ अब शहर का डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय (सिविल अस्पताल) इस लिस्ट में शामिल है. सिविल अस्पताल के डायरेक्टर डॉ आनंद ओझा के अनुसार 2017 में फायर NOC के लिए एप्लाई किया गया था.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बिना फायर उपकरण और एग्जिट पोल के सैकड़ों निजी अस्पताल और होटल संचालित किए जा रहे हैं. जिसके कारण कई बड़े हादसे भी हो चुके हैं. इन हादसों को रोकने के लिए आज फायर विभाग की तरफ से शहर भर में चेकिंग अभियान चलाया गया. अभियान के दौरान विभाग की तरफ से लखनऊ के डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय (सिविल अस्पताल) में भी निरीक्षण किया गया. निरीक्षण में पाया गया कि सिविल अस्पताल में आग बुझाने के उपग्रह काम नहीं कर रहे हैं और उचित इंतजाम भी नहीं किए गए हैं.
लखनऊ शहर का सिविल अस्पताल मुख्यमंत्री आवास योजना कदमों की दूरी पर स्थित है. हजरतगंज में स्थित इस अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीज अपने तीमारदारों के साथ इलाज कराने के लिए आते हैं. ऐसे में आग लगने का कोई हादसा हो जाता है तो प्रशासन की तरफ से उसको नियंत्रित करने के उचित इंतजाम नहीं हैं. इस मामले में सिविल अस्पताल के डायरेक्टर डॉ आनंद ओझा (Director Dr. Anand Ojha) के अनुसार साल 2017 में फायर विभाग में को सूचित किया गया था. इसके लिए साल 2018 में अस्पताल प्रशासन (hospital administration) की तरफ से सभी जरूरी कार्रवाई की जा चुकी है. विभागीय पेमेंट (departmental payment) भी भेजा जा चुका है.
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