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लखनऊ: फिक्स वेतन की मांग को लेकर सिटी बस के पहिये थमें

फिक्स वेतन और बायोमेट्रिक हाजिरी की मांग को लेकर लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के गोमतीनगर और दुबग्गा डिपो के सिटी बस कर्मियों ने मंगलवार को हड़ताल कर दी है. हड़ताल के चलते सिटी बसें डिपो के बाहर ही नहीं निकलीं, जिसके चलते सड़क पर यात्री सिटी बसों के आने की प्रतीक्षा करते रहे, लेकिन बसों के संचालन पर पूरी तरह ब्रेक लग गया है.

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लखनऊ: फिक्स वेतन की मांग को लेकर सिटी बस के पहिये थमें
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Published : Dec 8, 2019, 1:22 PM IST

लखनऊ : गोमती नगर डिपो से तकरीबन 40 बसें और दुबग्गा डिपो से 70 सिटी बसों का हर रोज संचालन होता है, लेकिन मंगलवार को दोनों ही डिपो से बस बाहर ही नहीं निकली ,कारण था कि सभी सिटी बस कर्मी अचानक ही हड़ताल पर चले गए. संचालन ठप होने से सिटी बस प्रबंधन के हाथ पांव फूल गए और आनन-फानन में गोमती नगर डिपो में संविदा कर्मियों की हड़ताल खत्म कराने के लिए नोटिस चस्पा कर दिया गया.

फिक्स वेतन की मांग को लेकर सिटी बस के पहिये थमें
इसके चलते सभी को चेतावनी दी गई कि जल्द ही अगर काम पर नहीं लौटे तो संविदा समाप्त हो जाएगी, लेकिन दूसरी ओर कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अडे हुए हैं और उन्होंने डिपो से बाहर बस नहीं निकाली. ये मांग असहल में सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ की तरफ से की जा रही हैं. पर दूसरी यूनियन ने लगभग आधा दर्जन बसें डिपो से बाहर सड़क पर उतारी जिससे कुछ हद तक यात्रियों को आज राहत मिली है. फिर भी 120 बसों की तुलना में यह बसें इतनी कम थीं कि सड़क पर संचालित होते हुए भी नजर नहीं आ रही थी. हड़ताल पर गऐ कर्मचारियों का साफ कहना है कि इस महंगाई के दौर में आलम यह है कि कभी महीने में हमें ₹500 वेतन मिलता है तो कभी ₹1000 हम डिपो में नौकरी करने आते हैं,और डिपो से बिना बस संचालन किए ही वापस लौट जाते हैं, क्योंकि बसें ही खराब रहती हैं. हमारा किसी-किसी माह में तो कोई वेतन ही नहीं बनता है. भला ऐसे कब तक काम चलेगा, इसलिए अब हमारी मांग है कि हमें फिक्स वेतन दिया जाए.

28 जुलाई को प्रमुख सचिव नगर विकास से वार्ता हुई उसमें उन्होंने आश्वासन दिया हमारी अन्य मांगों के अलावा जो न्यूनतम वेतन की मांग है वह 21 दिन के अंदर पूरी कर देंगे, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ. हमारी मांग है कि हमें फिक्स वेतन मिले. और बायोमेट्रिक से हाजिरी पर ड्यूटी दी जाए.
दीपक कुमार: महामंत्री, सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ, गोमतीनगर शाखा

गोमती नगर और दुबग्गा डिपो के कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिससे सिटी बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है. हमने कर्मचारीयों को मनाने की कोशिश की है उनकी शासन स्तर की मांगे हैं जिन्हें दूर करने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन वे फिक्स वेतन की मांग पर अड़े हैं. जिसके लिए प्रबंधन ने उन्हें कुछ दिन में मांगे पूरी करने का वादा भी किया है,
विनोद वर्मा: एआरएम, गोमती नगर डिपो

लखनऊ : गोमती नगर डिपो से तकरीबन 40 बसें और दुबग्गा डिपो से 70 सिटी बसों का हर रोज संचालन होता है, लेकिन मंगलवार को दोनों ही डिपो से बस बाहर ही नहीं निकली ,कारण था कि सभी सिटी बस कर्मी अचानक ही हड़ताल पर चले गए. संचालन ठप होने से सिटी बस प्रबंधन के हाथ पांव फूल गए और आनन-फानन में गोमती नगर डिपो में संविदा कर्मियों की हड़ताल खत्म कराने के लिए नोटिस चस्पा कर दिया गया.

फिक्स वेतन की मांग को लेकर सिटी बस के पहिये थमें
इसके चलते सभी को चेतावनी दी गई कि जल्द ही अगर काम पर नहीं लौटे तो संविदा समाप्त हो जाएगी, लेकिन दूसरी ओर कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अडे हुए हैं और उन्होंने डिपो से बाहर बस नहीं निकाली. ये मांग असहल में सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ की तरफ से की जा रही हैं. पर दूसरी यूनियन ने लगभग आधा दर्जन बसें डिपो से बाहर सड़क पर उतारी जिससे कुछ हद तक यात्रियों को आज राहत मिली है. फिर भी 120 बसों की तुलना में यह बसें इतनी कम थीं कि सड़क पर संचालित होते हुए भी नजर नहीं आ रही थी. हड़ताल पर गऐ कर्मचारियों का साफ कहना है कि इस महंगाई के दौर में आलम यह है कि कभी महीने में हमें ₹500 वेतन मिलता है तो कभी ₹1000 हम डिपो में नौकरी करने आते हैं,और डिपो से बिना बस संचालन किए ही वापस लौट जाते हैं, क्योंकि बसें ही खराब रहती हैं. हमारा किसी-किसी माह में तो कोई वेतन ही नहीं बनता है. भला ऐसे कब तक काम चलेगा, इसलिए अब हमारी मांग है कि हमें फिक्स वेतन दिया जाए.

28 जुलाई को प्रमुख सचिव नगर विकास से वार्ता हुई उसमें उन्होंने आश्वासन दिया हमारी अन्य मांगों के अलावा जो न्यूनतम वेतन की मांग है वह 21 दिन के अंदर पूरी कर देंगे, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ. हमारी मांग है कि हमें फिक्स वेतन मिले. और बायोमेट्रिक से हाजिरी पर ड्यूटी दी जाए.
दीपक कुमार: महामंत्री, सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ, गोमतीनगर शाखा

गोमती नगर और दुबग्गा डिपो के कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिससे सिटी बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है. हमने कर्मचारीयों को मनाने की कोशिश की है उनकी शासन स्तर की मांगे हैं जिन्हें दूर करने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन वे फिक्स वेतन की मांग पर अड़े हैं. जिसके लिए प्रबंधन ने उन्हें कुछ दिन में मांगे पूरी करने का वादा भी किया है,
विनोद वर्मा: एआरएम, गोमती नगर डिपो

Intro:फिक्स वेतन की मांग पर सिटी बस कर्मियों ने कर दी हड़ताल, बस संचालन पर लगा ब्रेक

note: up_luc_05_city bus_strike_pkg._7203805 इस स्लग से फीड एफटीपी से भेजी गई है। धन्यवाद।

लखनऊ। फिक्स वेतन और बायोमेट्रिक हाजिरी की मांग को लेकर लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के गोमतीनगर और दुबग्गा डिपो के सिटी बस कर्मियों ने मंगलवार को हड़ताल कर दी। हड़ताल के चलते सिटी बसें डिपो के बाहर ही नहीं निकलीं। सड़क पर यात्री सिटी बसों के आने की प्रतीक्षा करते रहे, लेकिन बसों के संचालन पर पूरी तरह ब्रेक लग गया। दोनों डिपो के अंदर कुल 120 सिटी बसें खड़ी रहीं। सिटी बस कर्मियों का साफ कहना है कि कई बार वार्ता के बाद झूठा आश्वासन ही मिला है अब हम आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। प्रबंधन चाहे कोई भी कदम उठाए हम हर तरह से तैयार हैं। उनका साफ कहना है जब तक हमें फिक्स वेतन नहीं मिलेगा और बायोमेट्रिक से हाजिरी मान्य नहीं होती है तब तक हड़ताल जारी रहेगी। सिटी बस कर्मियों की हड़ताल से लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट प्रबंधन को करीब 600000 का रोजाना घाटा होगा।


Body:गोमती नगर डिपो से तकरीबन 40 बसें और दुबग्गा डिपो से 70 सिटी बसों का हर रोज संचालन होता है, लेकिन मंगलवार को दोनों डिपो से बस बाहर ही नहीं निकलीं। कारण था कि सभी सिटी बस कर्मी अचानक ही हड़ताल पर चले गए। अचानक संचालन ठप होने से सिटी बस प्रबंधन के हाथ पांव फूल गए। आनन-फानन में गोमती नगर डिपो में संविदा कर्मियों की हड़ताल खत्म कराने के लिए नोटिस चस्पा कर दी गई। चेतावनी दी गई कि जल्द काम पर नहीं लौटे तो संविदा समाप्त होगी, लेकिन कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे और उन्होंने डिपो से बाहर बस नहीं निकाली। सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ की तरफ से बसों का चक्का जाम किया गया था लेकिन दूसरी यूनियन ने लगभग आधा दर्जन बसें डिपो से बाहर सड़क पर संचालन के लिए निकालीं जिससे कुछ हद तक यात्रियों को राहत मिली। लेकिन 120 बसों की तुलना में यह बसें इतनी कम थीं कि सड़क पर संचालित होते हुए भी नजर नहीं आईं। हड़ताल कर रहे कर्मचारियों का साफ कहना है कि इस महंगाई के दौर में आलम यह है कि कभी महीने में हमें ₹500 वेतन मिलता है तो कभी ₹1000। हम डिपो में नौकरी करने आते हैं और डिपो से बिना बस संचालन किए ही वापस लौट जाते हैं, क्योंकि बसें ही खराब रहती हैं। हमारा किसी-किसी माह में तो कोई वेतन ही नहीं बनता है। भला ऐसे कब तक काम चलेगा। अब हमें फिक्स वेतन दिया जाए।


Conclusion:बाइट: दीपक कुमार: महामंत्री, सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ, गोमतीनगर शाखा

28 जुलाई को प्रमुख सचिव नगर विकास से वार्ता हुई उसने उन्होंने आश्वासन दिया हमारी अन्य मांगों के अलावा जो न्यूनतम वेतन की मांग है वह 21 दिन के अंदर पूरी कर देंगे, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ। मेरी मांग है कि हमें फिक्स वेतन दिया जाए। बायोमेट्रिक से हाजिरी पर ड्यूटी दी जाए। ईएसआई की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। अब जब तक हमारी मांगें प्रबंधन मान नहीं लेता है तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

बाइट: विनोद वर्मा: एआरएम, गोमती नगर डिपो

गोमती नगर और दुबग्गा डिपो के कर्मचारी हड़ताल पर हैं जिससे सिटी बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। यात्री परेशान हो रहे हैं। हमने उन्हें मनाने की कोशिश की है। उनकी शासन स्तर की मांगे हैं उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन वे फिक्स वेतन की मांग पर अड़े हैं। प्रबंधन ने उन्हें कुछ दिन में मांगे पूरी करने का वादा भी किया है, लेकिन मान नहीं रहे हैं। उन्होंने हड़ताल का कोई नोटिस नहीं दिया था इसलिए हमने इसके लिए उनकी संविदा समाप्त करने का नोटिस भी चस्पा किया है। नहीं मानेंगे तो कार्रवाई करेंगे। दोनों डिपो को मिलाकर तकरीबन 5 लाख रुपए का घाटा हो रहा है।


अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096

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