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बेहद दिलचस्प होगा लखनऊ कैंट विधानसभा का उपचुनाव, रीता बहुगुणा जोशी थीं विधायक

लखनऊ कैंट विधानसभा सीट भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए मायने रखती है. यह सीट 2007 तक लगातार पांच बार भाजपा के हिस्से में आती रही. इस सीट से डॉ. रीता बहुगुणा जोशी भाजपा की विधायक थीं. वहीं इलाहाबाद से उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गई है.

दिलचस्प होगा लखनऊ कैंट विधानसभा का उपचुनाव.
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Published : Jun 11, 2019, 7:04 PM IST


लखनऊ: कैंट विधानसभा सीट भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए मायने रखती है. इस सीट से डॉ. रीता बहुगुणा जोशी भाजपा की विधायक थीं. साथ ही वह योगी सरकार में मंत्री भी रहीं. इस बार के लोकसभा चुनाव में वह इलाहाबाद से सांसद निर्वाचित हुई हैं. वहीं अब इस सीट पर विधानसभा उपचुनाव होना है.

दिलचस्प होगा लखनऊ कैंट विधानसभा का उपचुनाव.
  • कैंट सीट पर हमेशा से ही कांग्रेस का दबदबा रहा था.
  • स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने जब इस सीट से दावेदारी ठोकी, तबसे कैंट विधानसभा सीट 2007 तक लगातार पांच बार भाजपा के हिस्से में आती रही.
  • 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने कैंट विधानसभा सीट से जीच हासिल की.
  • 2017 में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर रीता बहुगुणा जोशी ने कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
  • इसके बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया.
  • 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें इलाहाबाद से प्रत्याशी बनाया और वह वहां से जीत हासिल कर सांसद बनी हैं.
  • लिहाजा, कैंट विधानसभा सीट खाली हो गई है.
  • अब विधानसभा उपचुनाव के लिए यह सीट फिर प्रत्याशी का इंतजार कर रही है.
  • कांग्रेस इस सीट को फिर से अपनाने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है.

कैंट सीट पर अब तक के विधायक-

वर्ष विधायक का नाम पार्टी
1957 श्याम मनोहर मिश्रा कांग्रेस
1962 बालकराम वैश्य, कांग्रेस
1967 बीपी अवस्थी निर्दलीय
1969 सच्चिदानंद भारतीय क्रांति दल
1974 चरण सिंह कांग्रेस
1977 कृष्ण कांत मिश्रा जनता पार्टी
1980 प्रेमवती तिवारी कांग्रेस
1985 प्रेमवती तिवारी कांग्रेस
1989 प्रेमवती तिवारी कांग्रेस
1991 सतीश भाटिया बीजेपी
1993 सतीश भाटिया बीजेपी
1996 सुरेश चंद तिवारी बीजेपी
2002 सुरेश चंद तिवारी बीजेपी
2007 सुरेश चंद तिवारी बीजेपी
2012 रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस
2017 रीता बहुगुणा जोशी भाजपा


लखनऊ: कैंट विधानसभा सीट भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए मायने रखती है. इस सीट से डॉ. रीता बहुगुणा जोशी भाजपा की विधायक थीं. साथ ही वह योगी सरकार में मंत्री भी रहीं. इस बार के लोकसभा चुनाव में वह इलाहाबाद से सांसद निर्वाचित हुई हैं. वहीं अब इस सीट पर विधानसभा उपचुनाव होना है.

दिलचस्प होगा लखनऊ कैंट विधानसभा का उपचुनाव.
  • कैंट सीट पर हमेशा से ही कांग्रेस का दबदबा रहा था.
  • स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने जब इस सीट से दावेदारी ठोकी, तबसे कैंट विधानसभा सीट 2007 तक लगातार पांच बार भाजपा के हिस्से में आती रही.
  • 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने कैंट विधानसभा सीट से जीच हासिल की.
  • 2017 में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर रीता बहुगुणा जोशी ने कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
  • इसके बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया.
  • 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें इलाहाबाद से प्रत्याशी बनाया और वह वहां से जीत हासिल कर सांसद बनी हैं.
  • लिहाजा, कैंट विधानसभा सीट खाली हो गई है.
  • अब विधानसभा उपचुनाव के लिए यह सीट फिर प्रत्याशी का इंतजार कर रही है.
  • कांग्रेस इस सीट को फिर से अपनाने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है.

कैंट सीट पर अब तक के विधायक-

वर्ष विधायक का नाम पार्टी
1957 श्याम मनोहर मिश्रा कांग्रेस
1962 बालकराम वैश्य, कांग्रेस
1967 बीपी अवस्थी निर्दलीय
1969 सच्चिदानंद भारतीय क्रांति दल
1974 चरण सिंह कांग्रेस
1977 कृष्ण कांत मिश्रा जनता पार्टी
1980 प्रेमवती तिवारी कांग्रेस
1985 प्रेमवती तिवारी कांग्रेस
1989 प्रेमवती तिवारी कांग्रेस
1991 सतीश भाटिया बीजेपी
1993 सतीश भाटिया बीजेपी
1996 सुरेश चंद तिवारी बीजेपी
2002 सुरेश चंद तिवारी बीजेपी
2007 सुरेश चंद तिवारी बीजेपी
2012 रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस
2017 रीता बहुगुणा जोशी भाजपा
Intro:बेहद दिलचस्प रहा है कैंट विधानसभा का इतिहास, रीता जोशी इस इतिहास की खास वजह

लखनऊ। कैंट विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही के लिए मायने रखती है। इस सीट से डॉ. रीता बहुगुणा जोशी भाजपा की विधायक थीं और योगी सरकार में मंत्री। इस बार के लोकसभा चुनाव में वे सांसद निर्वाचित हो गई हैं। उनके सांसद बनने के बाद इस सीट पर विधानसभा उपचुनाव होना है। कैंट सीट का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है और इस दिलचस्प इतिहास की वजह भी हैं डॉ. रीता बहुगुणा जोशी।


Body:कैंट सीट पर हमेशा से ही कांग्रेस का दबदबा रहा था, लेकिन जब स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई ने लखनऊ लोकसभा सीट से दावेदारी ठोकी तो इसके बाद कांग्रेस की परंपरागत सीट बन चुकी कैंट विधानसभा सीट 2007 तक लगातार पांच बार भाजपा के हिस्से में ही आती रही। 2012 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने दशकों बाद भारतीय जनता पार्टी से कैंट विधानसभा सीट छीन कर यहां पर कांग्रेस के पंजे को फिर खड़ा कर दिया। भाजपा से कांग्रेस ने यह सीट छीनी लेकिन 5 साल ही बीत पाए थे कि कांग्रेस की विधायक रीता बहुगुणा जोशी ही भाजपा में आ गईं और 2017 में भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर उन्होंने कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। 2012 में जो कैंट विधानसभा सीट रीता बहुगुणा जोशी ने बीजेपी से छीनकर कांग्रेस के हाथ में दे दी थी वही सीट कांग्रेस से छीनकर भाजपा के पाले में फिर ला दी। गौर करने वाली बात यह भी है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में रीता बहुगुणा जोशी के सामने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव थीं और कांग्रेस पार्टी का भी अपर्णा यादव को समर्थन था। बावजूद इसके यहां पर साइकिल पंक्चर हो गई, पंजा हिल गया और कमल फिर खिल गया। रीता बहुगुणा जोशी कैंट विधानसभा सीट भाजपा के खाते में ले आईं तो भाजपा ने भी उन्हें इसका पुरस्कार सरकार में कैबिनेट मंत्री बना कर दिया। 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें प्रयागराज से प्रत्याशी बनाया और वे सांसद हो गईं। लिहाजा, कैंट विधानसभा सीट खाली हो गई।अब विधानसभा उपचुनाव के लिए यह सीट फिर प्रत्याशी का इंतजार कर रही है। भाजपा यह सीट किसी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहती है वहीं कांग्रेस अब इस सीट को हर हाल में अपना बनाना चाहती है। इसके लिए कांग्रेस ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। कांग्रेस को यह लग रहा है कि अब सपा और बसपा भी अलग हो गए हैं, ऐसे में कांग्रेस फिर 2012 विधानसभा चुनाव का प्रदर्शन 2019 उपचुनाव में दोहरा सकती है।


Conclusion:कैंट सीट पर अब तक के विधायक

1957: श्याम मनोहर मिश्रा, कांग्रेस
1962: बालकराम वैश्य, कांग्रेस
1967: बीपी अवस्थी, निर्दलीय
1969: सच्चिदानंद भारतीय, क्रांति दल
1974: चरण सिंह, कांग्रेस
1977: कृष्ण कांत मिश्रा, जनता पार्टी
1980: प्रेमवती तिवारी, कांग्रेस
1985: प्रेमवती तिवारी, कांग्रेस
1989: प्रेमवती तिवारी, कांग्रेस
1991: सतीश भाटिया, बीजेपी
1993: सतीश भाटिया, बीजेपी
1996: सुरेश तिवारी, बीजेपी
2002: सुरेश चंद तिवारी, बीजेपी
2007: सुरेश चंद तिवारी, बीजेपी
2012 :रीता बहुगुणा जोशी, कांग्रेस
2017: रीता बहुगुणा जोशी, भाजपा
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